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रामबाबू चौक से गुदरी तक समस्याएं अपार, बाजार को शौचालय की दरकार

गणेश चौक से रामबाबू चौक तक का बाजार वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के संकट से जूझ रहा है। सड़क अतक्रिमण, बिजली संकट, जलनिकासी की कमी और सार्वजनिक शौचालयों की अनुपलब्धता जैसी समस्याएं व्यापारी और ग्राहकों...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरFri, 20 June 2025 08:46 PM
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रामबाबू चौक से गुदरी तक समस्याएं अपार, बाजार को शौचालय की दरकार

गणेश चौक से लेकर रामबाबू चौक तक शहर का महत्वपूर्ण बाजार है। इन्हीं रास्तों से गुदरी बाजार, गांधी गली होते हुए अन्य बाजारों में जाने का रास्ता है। यहां प्रतिदिन हजारों ग्राहक खरीदारी के लिए आते हैं और दर्जनों दुकानदार अपने परिवार का भरण-पोषण यहीं से करते हैं। यह बाजार घरेलू व स्थानीय उत्पादों के व्यापार का भी प्रमुख केंद्र है। लेकिन इतने महत्वपूर्ण स्थान के बावजूद यह बाजार वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के संकट से जूझ रहा है। सड़क अतक्रिमण, बिजली संकट, जलनिकासी की कमी, सार्वजनिक शौचालय और पीने के पानी की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं ने यहां के व्यवसाय और जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

हन्दिुस्तान के बोले समस्तीपुर अभियान के तहत स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने अपनी समस्याएं बतायीं। स्थानीय राजा शर्मा बताते हैं कि बाजार की मुख्य सड़क करीब 15 फीट चौड़ी है, लेकिन अतक्रिमण के कारण यह शाम होते-होते मात्र 6 फीट की रह जाती है। दुकानदार दिन चढ़ते ही अपनी दुकानें सड़क किनारे सजा लेते हैं, जिससे दोनों ओर जगह की कम हो जाती है। जब ग्राहक बढ़ते हैं, तब ठेले और अन्य वाहन सड़क पर आ जाते हैं, जिससे स्थिति बदतर हो जाती है। मुकेश कुमार ने कहा कि संकरी सड़क में जब कोई ऑटो या रक्शिा प्रवेश करता है, तो दोनों तरफ जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लोग पैदल भी नहीं निकल पाते। अतक्रिमण की वजह से राहगीरों को भी दक्कित होती है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। राजीव कुमार कहते हैं कि इस समस्या को कई बार स्थानीय प्रशासन के संज्ञान में लाया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। व्यवसायियों ने बताया कि अतक्रिमण हटाने का प्रयास कभी सही नहीं किया गया, जिससे बाजार में चलना-फिरना तक दूभर हो गया है। प्रशासन अतक्रिमण हटाओ के अभियान के पहले यहां के लोगों के लिए व्यवस्था नहीं कर पाती है। इस कारण से एक तरफ जहां अतक्रिमण हटाओ अभियान चलता है वहीं दूसरी ओर से फिर से अतक्रिमणकारी कब्जा जमा लेते हैं। बाजार में जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। न तो कोई नाला बना है, और न ही कोई ढलान जिससे बारिश का पानी बाहर निकल सके। थोड़ी देर की बारिश में ही बाजार में जलजमाव हो जाता है। व्यवसायियों का कहना है कि बरसात के दिनों में उनका व्यापार काफी प्रभावित होता है। गणेश चौक पर गंदगी का ढेर जमा रहता है। जिस दिन यहां से कूड़े का उठाव नहीं किया जाता है उस दिन समूचे बाजार में दुर्गंध फैल जाती है। गंदगी और बदबू की वजह से लोगों का बाजार आना मुश्किल हो जाता है। दुकानदारों ने बताया कि वे अपने स्तर पर पानी निकालने का प्रयास करते हैं, लेकिन जब कोई स्थायी नाला ही नहीं है, तो पानी बहकर जाएगा कहां? कई बार जलजमाव दिनों-दिन बना रहता है, जिससे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता है। दुकानदारों का यह भी कहना है कि बाजार में कोई सीवर लाइन या नाली की योजना नहीं बनी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इससे महिलाओं को बहुत कठिनाई होती है। दूरदराज से आने वाली महिलाएं घंटों बाजार में रहती हैं, लेकिन उन्हें शौच के लिए बगल के घरों का सहारा लेना पड़ता है। तंग गलियों में नहीं होती है गश्त जिला मुख्यालय की कई ऐसी तंग गलियां हैं जहां पर पुलिस का रात्रि गश्त दल नियमित नहीं पहुंचता है। इन गलियों की नियमित गश्त होनी चाहिए। ऐसी सभी तंग गलियों की पहचान कर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा नगर निगम की संयुक्त टीम को दिन और रात की सुरक्षा के लिए योजना बनानी चाहिए। इसके लिए प्रशासन को गलियों में बाइक गश्ती करानी चाहिए। इससे तंग गलियों में रहने वाले लोग सुरक्षित रह पाएंगे। अक्सर रात्रि गश्त की टीम मुख्य चौक-चौराहों पर ही जमी रहती है। इससे इन तंग गलियों में रहने वाले लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। इनलोगों ने बताया कि शहर के मुख्य सड़कों पर पुलिस की गश्ती होती है। गलियों में भी गश्ती होनी चाहिए। बिजली की स्थिति भी खराब लो वोल्टेज से लोग परेशान बाजार में बिजली की हालत बेहद खराब है। यहां लगे सभी ट्रांसफॉर्मर पुराना है, जिससे पूरी बाजार को बिजली आपूर्ति होती है। यह क्षमता से बहुत कम है। नतीजतन लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। दिन हो या रात बिजली का आना-जाना लगा रहता है। बिजली के तार भी जर्जर और लटकते हुए हैं, जो हमेशा हादसे को लेकर डर पैदा करते हैं। बरसात में यह खतरा और बढ़ जाता है। हल्की हवा चलने पर भी बिजली कंपनी सप्लाई बंद कर देती है। दुकानदारों का कहना है कि कई बार तारों से चिंगारी निकलती है, जिससे आग लगने का डर बना रहता है। सागर होटल के अजय कुमार ने बताया कि दो तीन दिन पूर्व ही होटल के आगे बिजली पोल पर आग लग गई थी। विभाग में फोन किया गया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। बाद में लाइन काटा गया। गनीमत रहा कि कोई हादसा नहीं हुआ। व्यवसायियों ने बताया कि लो वोल्टेज की समस्या के कारण न पंखे चलते हैं, न लाइटें, और न ही फ्रिज या मक्सिर जैसी मशीनें। बिजली विभाग से बार-बार शिकायत के बावजूद समाधान नहीं हुआ। एक अतिरक्ति ट्रांसफॉर्मर और नई तारों की मांग लंबे समय से की जा रही है। गर्मियों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। ग्राहक बाजार में आते हैं और प्यास लगने पर दुकानों में पानी मांगते हैं, लेकिन हर बार उन्हें पानी मिले, यह जरूरी नहीं। दुकानदारों का कहना है कि कई बार उनके पास भी सीमित पानी होता है, जिससे वे सभी को पानी नहीं दे पाते। व्यवसायियों ने बताया कि कई बार ग्राहक केवल इस वजह से बाजार छोड़ देते हैं कि उन्हें पानी नहीं मिल पाया। बोले जिम्मेदार: नगर निगम सभी समस्याओं के निदान को लेकर प्रयासरत है। सीमित संसाधनों में बेहतर से बेहतर करने की नीति तैयार की जा रही है। फिलहाल मानसून को देखते हुए प्लान तैयार किया जा रहा है। ताकि बरसात के दिनों में लोगों को ज्यादा परेशानियां न हो। अन्य जो भी समस्याएं हैं उसका निदान भी प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द किया जाएगा। -राजेश कुमार सिंह, प्रभारी नगर आयुक्त

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