मादक पदार्थों की बिक्री पर लगे रोक, धंधेबाजों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
भारत में नशे की रोकथाम के लिए कानून बने हैं, लेकिन उचित पालन न होने से सार्वजनिक स्थलों पर नशीले पदार्थों की बिक्री बढ़ रही है। गुदरी बाजार, मूलचंद रोड जैसे स्थानों पर नशे का धंधा फल-फूल रहा है।...
नशे की रोकथाम को लेकर कानून बने हैं, लेकिन इसका सही तरह से पालन नहीं होने के कारण इसपर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सार्वजनिक जगहों पर नशीले पदार्थों की बेरोकटोक बिक्री हो रही है। जिला मुख्यालय के गुदरी बाजार, मूलचंद रोड, बाइपास बांध, शेखटोली, मथुरापुर घाट, बारह पत्थर, मगरदही, मोहनपुर, जितवारपुर, आदर्श नगर आदि इलाके में धंधा फल-फूल रहा है। शहरवासियों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से खुलकर अपनी बात रखी। उनका कहना है कि प्रशासन को नशे के सौदागर के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए। शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में नशीले पदार्थों की बिक्री वर्जित है, लेकिन कई स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में ऐसी दुकानें हैं, जहां तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है।
स्थानीय मयंक कुमार ने कहा कि नशे का सौदागर युवा पीढ़ियों को पहले नशे की लत लगवा, उसके बाद उससे तस्करी का काम करवाने लगता है। गली-मुहल्लों में भी चोरी-छिपे नशीले पदार्थ की बिक्री हो रही है। प्रशासन की ओर से समय-समय पर नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। बावजूद नशीले पदार्थ की बिक्री में कोई कमी नहीं आ रही है। नशे के खिलाफ कानून तो बनाया गया है, लेकिन पालन नहीं होने के कारण प्रभावी नहीं हो रहा। स्कूल के साथ ही स्वास्थ्य केंद्र, न्यायालय और अन्य जगहों पर 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों के बेचने और खुले में सेवन पर रोक है। बावजूद बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि स्वास्थ्य केंद्र के आसपास गुमटी लगाकर खुलेआम नशे का धंधा हो रहा।पंकज कुमार का कहना है कि नशीले पदार्थों के सेवन पर रोक और जुर्माने का प्रावधान अच्छी बात है, लेकिन इसकी बिक्री पर अगर पूरी तरह रोक लगा दी जाए, तो नई पीढ़ियों को इससे बचाया जा सकता है। खुले में नशा करने पर जुर्माने का प्रावधान है, जो पूरी तरह से एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं। प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। अमित कुमार ने बताया कि समस्तीपुर जिले में पिछले कुछ वर्षों में ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा जैसे नशीले पदार्थों का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। नशे के सौदागार किशोर, युवा और छात्रों को निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि अभिभावकों को भी अपने बच्चे के प्रति सजग रहना होगा। दिनभर की उनकी गतिविधियों पर ध्यान देना होगा। क्योंकि, नशे के सौदागर सबसे कम उम्र के बच्चों को इस धंधे में शामिल करता है। शहरवासियों का कहना है कि सार्वजनिक जगहों पर प्रशासन यदि सख्ती बरते तो कुछ हद तक नशे के कारोबार पर अंकुश लग सकता है। नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाने की जरूरत है। खासकर पढ़ने वाले बच्चे का नशे से सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक विकास भी रुक जाता है, जो भविष्य के लिए नुकसानदेह भी है।
- बोले जिम्मेदार-
नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। थानों की पुलिस के अलावा एंटी नारकोटिक्स सेल लगातार नशीले पदार्थ की ट्रैफिकिंग करने वालों को गिरफ्तारी कर रही है। इसमें ज्यादातर युवा वर्ग शामिल हैं। अभिभावकों को भी बच्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। स्कूल और कॉलेजों के पास तंबाकू उत्पादों की ब्रिकी करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसकी जांच कराई जाएगी। -संजय कुमार पांडेय, एएसपी
शिक्षण संस्थान से 100 गज के दायरे में तंबाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है। शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को मुख्य प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है। उक्त नियमों के उल्लंघन पर दो सौ रुपये जुर्माना का प्रावधान है। जल्द ही सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक पत्र जारी किया जाएगा। शैक्षणिक संस्थान के संचालकों को यदि कोई गतिविधि दिखे तो वे तुरंत सूचना दें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
-कामेश्वर गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।