26 वां कारगिल विजय दिवस को लेकर शौर्य सम्मान से शहीद के पिता को किया सम्मानित
इंडियन आर्मी की टीम ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवान रमण झा के परिवार को सम्मानित किया। शहीद के पिता फूल झा ने भावुकता से कहा कि यह गर्व का पल है। 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाएगा। हालांकि,...

सहरसा । इंडियन आर्मी का चार सदस्यीय टीम मंगलवार को कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवान रमण झा के वार्ड 36 कहरा ब्लॉक रोड स्थित घर पहुंच परिजनों को सम्मानित किया। भारतीय सेना का यह सम्मान पाकर शहीद का परिवार भावुक हो गया। टीम में सूबेदार अमितवा दास के नेतृत्व में टीआईएफसी राकेश ठाकुर, हवलदार रंजीत सिंह और हवलदार अजय मिश्रा शामिल थे। कारगिल विजय दिवस को लेकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद जवान रमण झा के पिता फूल झा को विजय प्रतीक के रूप में मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मालूम हो कि कारगिल युद्व को 26 साल हो गया है।
मालूम हो कि मूल रूप से जिले के कहरा प्रखंड क्षेत्र के बनगांव निवासी जवान रमण झा कारगिल युद्व में वीरगति को प्राप्त हुए थे। शहादत के 26 साल शहीद के पिता फूल झा ने कहा कि यह पल भावुक भरा है। उन्होंने कहा कि बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि आज पुत्र की शहादत पर सममान लेकर हमारे घर पर सेना के पदाधिकारी आए हुए है। उन्होंने कहा कि देश के लिए बलिदान होना गर्व की बात है और यह सब के नसीब में नहीं होता है। सूबेदार अमितवा दास ने बताया कि 26 जुलाई को कारगिल दिवस है। भारतीय सेना 26 वां कारगिल विजय दिवस आयोजित कर रही है। इसके उपलक्ष्य में घर-घर शौर्य सम्मान महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव के अंतर्गत घर-घर जाकर शाहिद के परिजनों को सम्मान पत्र और स्मृति चिह्न दिया जा रहा है। इसी के तहत उनके नेतृत्व में कारगिल ब्रिगेड से फौजियों का चार सदस्यीय टीम सहरसा के कहरा ब्लॉक रोड पहुंचा है। शहीद रमन झा के भाई सुमन झा ने कहा कारगिल में देश की रक्षा में बलिदान देने वाले सभी वीर सपूतों को देश कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश में स्वर्ण अक्षरों में उनका नाम लिखा हुआ है और वीर सपूतों से देश को गर्व है। ना मिली नौकरी, न जमीन जवानों के आगे पिता फूल झा का दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवान शहीद रमण झा के शहादत के 26 वें साल होने वाले हैं। उनहोंने कहा कि शहीद के पिता को मिलने वाली सहरसा में दो कट्टा जमीन दान में मिलना था। लेकिन कई अंचलाधिकारी आये और गए लेकिन आज तक दो कट्ठा जमीन मुहैया नही करवाया जा सका। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा अविवाहित था। उस समय मेरा परवरिश करने वाला एक पोता घटना के समय नाबालिग था। सरकार ने घोषणा किया था कि आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। आज मेरा पोता रोहित झा बड़ा हो चूका है। ऐसे में हम चाहेंगे कि भारत सरकार मेरे पोते को सरकारी नौकरी मुहैया करावे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।