15 जुलाई से शुरू होगा दस्त की रोकथाम अभियान
सहरसा में 15 जुलाई से 14 सितंबर तक दस्त की रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में दस्त के प्रसार को कम करना और शिशु मृत्यु दर को शून्य पर लाना है। इस हेतु विभिन्न विभागों के...

सहरसा, नगर संवाददाता । आगामी 15 जुलाई से 14 सितंबर तक दस्त की रोकथाम अभियान चलाया जाएगा। इसके सफल संचालन के लिए डीएम दीपेश कुमार की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय जिला स्टेयरिंग कमिटी की बैठक एनआईसी में आयोजित की गई। जिसमें सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, आईसीडीएस जिला प्रोग्राम पदाधिकारी जिला कल्याण पदाधिकारी , पीएचईडी कार्यपालक अभियंता सचिव आईएपी, डीपीएम जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला अनुश्रवण एवं मुल्याकंन पदाधिकारी, जीविका जिला कार्यकम प्रबंधक जिला प्रतिनिधि यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ , यूएनडीपी, पिरामल मौजूद थे। जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति, एवं एसएमसी यूनिसेफ के द्वारा पीपीटी के माध्यम से कार्यकम से संबंधित जानकारी विस्तार पूर्वक बताया गया।भारत
सरकार के निदेशानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले दस्त की रोकथाम अभियान का उद्देश्य राज्य से डायरिया के प्रसार को कम करना एवं इससे होने वाले शिशु मृत्यु का शून्य स्तर प्राप्त करना है। दस्त की रोकथाम अभियान का आयोजन स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग ग्रामीण विकास विभाग, नगर एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग के सहयोग से समन्वय एवं सहभागिता से किया जाना है। कार्यक्रम को सफल बनाना आवश्यक :डीएम ने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूक्ष्म कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण किया जाए। डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। अभियान के दौरान अंतर्विभागीय समन्वय द्वारा दस्त की रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक का प्रयोग की समझ, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित ईलाज के विभिन्न पहलुओं का कियान्वयन किया जाना है। इसके सफल संचालन के लिए सभी आशा के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में जन्म से पांच वर्ष के सभी बच्चों का सूची बनाकर एक प्रति संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम को जमा करना है। एक प्रति साथ में रखना है। सूची के अनुसार जिस घर में 0-5 वर्ष के बच्चे है वहां प्रति बच्चे एक पैकेट ओआरएस एवं जिंक का एक स्ट्रीप दिया जाना है। कार्यकम से संबंधित सभी आशा, एएनएम , मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, आरबीएसके टीम, स्टाप नर्स, ऑगनवाड़ी सेविकाओं का उन्मुखीकरण किया जाना है। कार्यकम का पर्यवेक्षण स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ उपरोक्त सभी विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों, प्रखण्ड स्तरीय पदाधिकारी एवं पर्यवेक्षक के द्वारा किया जाना है।
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