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बोले सहरसा: सुभाष चौक में बाजार फैला, व्यवस्था व निगरानी सिमटी

सुपौल और मधेपुरा को जोड़ने वाला सुभाष चौक और बाजार महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। प्रशासनिक उपेक्षा, अतिक्रमण और जाम की समस्याएं व्यापारियों और ग्राहकों के लिए परेशानी...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSun, 29 June 2025 03:31 AM
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बोले सहरसा: सुभाष चौक में बाजार फैला, व्यवस्था व निगरानी सिमटी

प्रस्तुति: श्रुतिकांत प्रमंडलीय मुख्यालय के अन्य दो जिले सुपौल और मधेपुरा को जोड़ने वाला सुभाष चौक और वहां अवस्थित बाजार का अपना एक अलग ही महत्व है। लेकिन आए दिन सुभाष चौक और बाजार की पहचान सड़क पर बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों और अतिक्रमण की भीड़ में दब कर रह जाती है। धीरे-धीरे बाजार में दुकानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ समय पहले तक चौक के आसपास ही कुछ दुकानें थीं, जो अब कहरा कुटी से आगे तक फैल चुकी हैं। सड़क के दोनों ओर मिलाकर छोटे-बड़े मिलाकर लगभग पांच सौ से अधिक दुकानें हैं। यह बातें हिन्दुस्तान के 'बोले सहरसा' संवाद के दौरान उभर कर सामने आईं।

शहर के पश्चिमी भाग स्थित सुभाष चौक (रिफ्यूजी कॉलोनी चौक) भी इसी शहर एवं नगर निगम का हिस्सा है। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण चौक और बाजार की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। शहर का प्रमुख चौक होने और प्रतिदिन करोड़ों रुपये का कारोबार होने के बावजूद इस बाजार में सुविधा के नाम पर जिला प्रशासन, नगर निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधियों किसी भी तरह की पहल नहीं की गई है। छोटे दुकानदार हों या थोक व्यापार करने वाले व्यवसायी, सभी बिना किसी सुविधा के अपने व्यापार को बढ़ाने में जुटे हुए हैं। दुकानदारों ने बताया कि शहर से थोड़ा हटकर यह बाजार स्थित होने के कारण, यह न सिर्फ पश्चिमी भाग के लोगों बल्कि महिषी, बनगांव, बरियाही, चैनपुर, पड़री सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए भी खरीदारी का पहला विकल्प बन चुका है। लेकिन प्रशासनिक विफलता के कारण व्यापारियों को व्यापार करने में और ग्राहकों को खरीदारी में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है-जैसे कि जाम की समस्या, सड़कों पर बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन, अतिक्रमण और इतने बड़े बाजार में शौचालय तथा पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव। इससे दुकानदारों के साथ-साथ ग्राहकों को भी भारी असुविधा होती है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद इस चौक पर पहुंचते ही ग्रामीण परिवेश का अनुभव होता है। सड़क से सटे ही सब्जी बाजार सज जाती है, वहीं कई दिशाओं में जाने वाले वाहनों के लिए बनाए गए अवैध स्टैंड जाम की स्थिति पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। रही-सही कसर दुकानदार पूरी कर देते हैं। कुछ साल पहले जब यहां से अतिक्रमण हटाया गया था, तब यह चौक लगभग 80 से 90 फीट चौड़ा दिखता था। लेकिन समय बीतने के साथ न तो अतिक्रमण दोबारा हटाया गया और न ही सड़क की चौड़ाई बनी रही, जिससे सड़क फिर से संकीर्ण हो गई है। प्रतिदिन खुलते हैं दो सौ से ज्यादा वाहन शहर के बनगांव रोड स्थित सुभाष चौक के पूर्वी और पश्चिमी भाग पर बने अवैध स्टैंड से प्रतिदिन बनगांव, महिषी, चैनपुर, पड़री, राजनपुर, दरभंगा, गंडौल के लिए दो सौ से ज्यादा छोटी और बड़ी वाहन खुलती है। जिससे प्रतिदिन हजारों यात्री आवाजाही करते है। वही सहरसा से दरभंगा जाने वाली सरकारी बसे भी वहां रूकती है। लोगों ने कहा कि नगर निगम प्रशासन इस स्टैंड का नीलामी कर राजस्व भी अपनी बढ़ा सकते है और सुविधा भी प्रदान करें। लोगों ने कहा कि सुबह से लेकर रात तक आम यात्री के साथ साथ शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राएं आसपास के गांव से प्रतिदिन आते जाते है। कई प्रखंड के लोगों का यह मुख्य बाजार है। हमारी भी सुनें अतिक्रमण व अवैध स्टैंड के कारण पैदल चलना भी मुश्किल रहता है। विरोध करने पर लोगो को बेइज्जत किया जाता है। -रंजीत सिंह सड़क किनारे अतिक्रमण कर दुकान, स्टैंड, डिपो चलाने वाले को आम लोगों की परेशानी से कोई मतलब नहीं है। -घनश्याम कुछ साल पहले तक सुभाष चौक से ही नो इंट्री था। जिसे हटा मीर टोला कर दिया गया। जिससे जाम की समस्या रहती है। -संजय सिंह माया सुभाष चौक पर ट्रैफिक लाइट तो लगा दी गयी है। लेकिन ट्रैफिक पोस्ट पर पुलिस जवान की तैनाती कभी नहीं रहती है। -मुन्ना सिंह स्टैंड पर आने वाले यात्रियों और दुकान में खरीददारी करने आने वाले ग्राहको को शौच करने के लिए जगह ढूंढ़ना पड़ता है। -पवन कुमार हलकी बारिश में भी सड़क पर पानी जमा हो जाता है नाला का बनना व्यापारिक दृष्टिकोण से आवश्यक है। इस दिशा में पहल हो -आनंद कुमार कई घटनाओं और चोरी का गवाह यह चौक बन चुका है। कभी भी अपराधिक घटनाएं हो जाती पर पुलिस गश्ती नहीं होती है। -विजय कुमार सैकड़ों वाहन यहां से खुलती है। जिसके लिए एक अदद यात्री शेड तक नहीं है। बारिश या धूप से बचने को जगह खोजना पड़ता है। -मनीष कुमार बाजार में जलनिकासी की व्यवस्था होनी चाहिए, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था हो, यात्री शेड का निर्माण हो, -श्यामल पोद्दार फुटपाथ दुकानदार को जगह देकर व्यवस्थित किया जाना वाहिए ताकि अतिक्रमण एवं जाम से लोगो को मुक्ति मिल सके। -विनोद कुमार शौचालय की व्यवस्था नहीं रहने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्री और महिला ग्राहक को होती है। -विजय साह जाम के कारण अक्सर स्कूल बस फंसती है। जिसके कारण उसमें सवार छोटे छोटे बच्चों को कई घंटों तक जाम में रहना पड़ता है। -मुकेश झा प्रशासनिक उपेक्षा के कारण चौक और बाजार की स्थिति बदतर है। अतिक्रमण और जाम के खिलाफ भी जो अभियान इस चौक तक नहीं पहुंचती है। -डॉ विजय कुमार जिस बाजार में दुकान की संख्या सैकड़ो में है वहां के कारोबार का अंदाजा लगाया जा सकता है प्रशासनिक स्तर से कोई सुविधा नहीं मिलना गलत बात है। -सुनील कुमार रात में सड़क 50 फीट नजर आती है और जैसे जैसे दिन ढ़लने लगता है सड़क अतिक्रमण की चपेट में आकर सिकुड़ जाती है। जिस पर रोक लगना जरूरी है। -मणिक देव चौक पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती प्रत्येक दिन होनी चाहिए। जब मधेपुरा बायपास से बड़ी वाहन चौक पर आती है तो अतिक्रमण के कारण जाम लग जाता है। -मो सादिक बोले जिम्मेदार नगर निगम के सभी वार्डों में समुचित विकास हो इसका प्रयास लगातार किया जा रहा है। शहर के सुभाष चौक के सौंदर्यीकरण में आने वाली समस्या को दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। -बैन प्रिया, महापौर, सहरसा नगर निगम लोडिंग अनलोडिंग तो कैंपस में होता है। जाम तो रहती है, जाम का व्यवस्था कर रहे है। हर जगह डिवाइडर नहीं लगाया जा सकता है। सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण हर जगह डिवाइडर नहीं लगाया जा सकता है। -ओमप्रकाश , पुलिस उपाधीक्षक यातायात शिकायत 1. बाजार की मुख्य सड़कों पर हल्की बारिश में भी जलजमाव हो जाता है। 2. बाजार में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। 3. सुभाष चौक के समीप ट्रैफिक पोस्ट के बावजूद पुलिस कभी कभार ही नजर आती है। 4. बायपास गुजरने से हमेशा बड़े वाहनों का आवाजाही से जाम की समस्या उत्पन्न होती है। सुझाव 1. चौक के समीप सड़क और नाला का निर्माण हो तो व्यापार में बढ़ोतरी होगी। 2. बाजार में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बलों की हमेशा तैनाती हो जिससे लोगों को सुविधा मिलेगी। 3. जाम से निजात पाने के लिए चौक पर ट्रैफिक पुलिस बलों की तैनाती हो। इससे राहत मिलेगी। 4. अवैध स्टैंड को हटाने की प्रक्रिया की जाए, जिससे सड़कें और चौड़ी हो सकें।

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