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बोले सहरसा : तीन दशक पुराने पक्के मकान बन गए हैं जर्जर

कहरा प्रखंड के मुरली बसंतपुर पंचायत के महिडगरा महादलित टोले में अनुसूचित जाति के कई परिवार दशकों से क्षतिग्रस्त आवासों में रह रहे हैं। सरकार की आवास योजनाओं का लाभ इन परिवारों को नहीं मिल रहा है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSat, 28 June 2025 01:53 AM
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बोले सहरसा : तीन दशक पुराने पक्के मकान बन गए हैं जर्जर

प्रस्तुति: विजय कुमार झा अनुसूचित जाति, जनजाति के जीवन स्तर में सुधार के लिए सरकार द्वारा कई जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसके बावजूद कहरा प्रखंड के मुरली बसंतपुर पंचायत के वार्ड 10 स्थित महिडगरा महादलित टोला में कई परिवार दशकों पूर्व बने क्षतिग्रस्त आवास में अनहोनी के साए में किसी तरह समय बिताने को विवश हैं। नए दर्जनों लोगों को आवास की सुविधा तक नहीं दी गई है, जबकि पुराने आवास भी अब रहने लायक नहीं रह गए हैं। हिन्दुस्तान के बोले सहरसा संवाद के दौरान यहां के लोगों ने आवास व अन्य कई समस्याओं से अवगत कराया।

कहा, अगर सरकार ध्यान दे तो उनकी भी जिंदगी बेहतर हो सकती है। कहरा प्रखंड के मुरली बसंतपुर पंचायत के महिडगरा में स्थित अनुसूचित जाति परिवारों के आवास अब रहने लायक नहीं रह गए हैं। सरकार की आवास योजना का लाभ इन सभी को नहीं मिल पा रहा है। किसी घर की दीवार क्षतिग्रस्त है तो किसी का लिंटल ढलाई टूटकर लटका हुआ है। कभी भी घर ध्वस्त हो सकता है। ये क्षतिग्रस्त मकान मरम्मत योग्य भी नहीं हैं। कई परिवार फूस का घर बनाकर जीवन बिता रहे हैं। स्थानीय शिवन सादा सहित अन्य ने बताया कि 1984 में हेमपुर के समीप कोसी के पूर्वी तटबंध के टूटने से क्षेत्र में आई प्रलयंकारी बाढ़ में सब कुछ डूब गया था। इन अनुसूचित जाति परिवारों को पुनः जीवन शुरू करने के लिए 1990 के दशक में प्रशासनिक निर्देश पर यहां सामूहिक रूप से पक्के घर बनाए गए थे। लेकिन प्रशासनिक निगरानी के अभाव में गुणवत्तापूर्ण सामग्री के बजाय लोकल बालू और निम्न स्तरीय सीमेंट आदि का उपयोग किया गया। इस कारण गरीब परिवारों के पक्के मकान का सपना कुछ ही समय में टूट गया और आवास जर्जर होने लगे। अब कई मकान पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, जिससे कभी भी अप्रत्याशित हादसा हो सकता है। अनुसूचित जाति के इस टोले में जनसंख्या के अनुपात में वासडीह की संख्या कम है। कई के पिता एवं दादा को वासडीह का पर्चा मिला था। परिणामस्वरूप वासडीह के अभाव में एक कट्ठा जमीन में ही कई परिवार अपने-अपने घर बनाकर किसी तरह समय बिता रहे हैं। वहीं कई लोग धेमरा नदी के पूरब दिशा में बांध पर घर बनाकर जीवन गुजार रहे हैं, जिससे उनके सामने समस्या विकराल बनी हुई है। कई परिवार अब तक आवास लाभ से वंचित इस अनुसूचित जाति के टोला में एक दर्जन से ज्यादे परिवार ऐसे हैं जिन्हें अभी तक आवास की योजना से वंचित है। पक्का भवन में जीवन व्यतीत करना अभी तक दिवा स्वप्न प्रतीत हो रहा है। इन परिवारों के अनुसार आवास योजना के लिए कई बार आवास सहायक व प्रखण्ड विकास कार्यालय का भी चक्कर लगाया। लेकिन अबतक लाभ नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप कई वंचित परिवार आज भी एक ही फुस की झोपड़ी में किसी प्रकार जीवन ब्यतीत करने को हैं। विभागीय कर्मी द्वारा इनअनुसूचित जाति के परिवारों के आवास की भौतिक जांच करवा पुनः योजना का लाभ देने या फिर मरम्मत करवाने कीजगह अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। हमारी भी सुनें इस टोला में वर्ष 2000 से पूर्व ठीकेदारी प्रथा से बनाए गए अधिकतर आवास जर्जर होकर रह गया है। जिसकी मरम्म्त हो। -शिवन सादा वर्ष दो हजार से पूर्व ठीकेदारी प्रथा से बनाए गए अधिकतर आवास में किसी का दीवाल गिरने लगा तो किसी का बीम। -जनार्दन सादा ये जर्जर हुए आवास कभी भी ध्वस्त हो अप्रत्याशित हादसा का वजह बन सकता है। इसलिए इसकी मरम्मत की जाए -सीता राम सादा ठीकेदारी प्रथा से निर्मित इस आवास में लोकल बालु एवं निम्न स्तरीय निर्माण सामग्री के कारण कई आवास हुआ जर्जर -उदय कामत हादसा होने के भय से अधिकतर संबंधित अनुसूचित परिवार फुस के घर में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। -घनश्याम पटेल इस टोला में जनसंख्या बढ़ा लेकिन अब तक भूमिहीन नए परिवारों को अब तक वास डीह उपलब्ध नहीं करवाया गया है। -रघु सादा आवास के अभाव में कई परिवारों में एक ही घर में कई लोग रहकर समय व्यतीत कर रहे हैं। जिससे परेशानी होती है -राज कुमार सादा इन जर्जर घर के मरम्मत करवाने के लिए कई बार पदाधिकारियों से गुहार लगाया। लेकिन समस्या अब तक व्याप्त है -जागो सादा वासडीह के अभाव में कई परिवार धेमरा नदी के बांध को अतिक्रमित कर घर बना समय व्यतीत कर रहे है। -मिथलेश रजक इस टोला स्थित नवसृजित विद्यालयों जाने बाली मार्ग कच्ची रहने के कारण बारिश में कीचड़ में तब्दील हो जाता है। -गौरव कुमार बारिश के मौसम में कॉलोनी में जर्जर हुए अधिकांश आवास के छत से घर में ही पानी गिरता है। जिसकी मरम्मत की जाए। -संजय कुमार वार्ड 8 में भी अनुसूचित जाति के कई परिवार अब तक आवास योजना से वंचित है। विभाग को चाहिए इन् सबों को लाभदे। -मो. अख्तर सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के परिवारों के जीवन स्तर सुधारने के लिए कई योजनाएं संचालित बावजूद आवास समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ। -राकेश कुमार इस टोला के दक्षिण बाढ़ आश्रय स्थल जाने बाली सड़क में भी अभी तक न तो पीचिंग और न ही ढलाई हुआ है। जिससे आवाजाही में परेशानी होती है। -अभिनन्दन कुमार बासडीह का भी मुख्य समस्या है। पिता को मिले एक कट्ठा बास डीह में 5-6 संतान फुस का घर बना किसी प्रकार समय व्यतीत कर रहे हैं। -संजीत कुमार नदी के पश्चिम बसे अनुसूचित जाति के वंचित सभी परिवारों को आवास योजना एवं अन्य लाभ दिया जाए। जिससे स्थिति सुधरेगी। -रमण कुमार बोले जिम्मेदार मुरली बसंतपुर पंचायत के महिडगरा स्थित महादिलत टोलामें सुविधाओं का जायजा लिया जाएगा। आवास से वंचित उपयुक्लो तगों को प्रथमिकता पर दिलाया जाएगा -कुमारी सपना , प्रखंड विकास पदाधिकारी, कहरा महिडगरा में अनुसूचित जाति के जर्जर हुए आवास के मरम्मत के लिए वरीय पदाधिकारी से निरंतर मांग किया जा रहा है। इनके आवास व अन्य सुविधा के लिए लगातार आवाज उठाते विभाग से मांग की जा रही है। -मंजू देवी , मुखिया मुरली बसंतपुर पंचायत शिकायत 1. लोगों का जर्जर घर के ध्वस्त होने से हादसा होने का भय बना रहता है। 2. टोला में बनवाए गए अधिकतर आवास का प्लिंथ टूटकर गिरने के है कगार पर। 3. जर्जर भवन रहने से अधिकतर परिवार फूस का घर बनाकर जीवन व्यतीत कर रहा है। 4. वास डीह कमी से कई परिवार नदी के बांध अतिक्रमण कर घर बनाकर समय व्यतीत कर रहे। सुझाव 1. महादलित परिवारों के जर्जर घर को मरम्मत करवा रहने लायक बनवाया जा सकता है। 2. आवास एवं वास डीह के कमी के कारण संचालित कई योजना का इन्हें लाभ दिया जाए। 3. नए परिवारों को वास डीह मिलने से ये भी आम लोगों की तरह जीवन व्यतीत कर सकेंगे। 4. इस टोला में विद्यालय तक सड़क बनने से विद्यालय जाने में बच्चे तथा शिक्षकों को होगी सहूलियत।

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