तीन कोच वाली मेट्रो जुलाई में पटना पहुंचेगी
पटना मेट्रो की तीन कोच वाली ट्रेन जुलाई में पटना पहुंचेगी। प्राथमिक कॉरिडोर में 15 अगस्त से परिचालन शुरू होगा। प्रत्येक कोच में लगभग 300 यात्रियों की क्षमता होगी। मेट्रो का निर्माण पुणे में किया जा...

तीन कोच वाली मेट्रो जुलाई में पटना पहुंच जाएगी। पटना मेट्रो के प्रथामिक कॉरिडोर में 15 अगस्त से परिचालन शुरू होगा। तीन कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी। कोच का निर्माण पुणे में किया जा रहा है। अगले महीने यह पटना पहुंच जाएगा। इसके बाद तकनीकी टीम डिपो में इसको एसेंबल करेगी। जिसमें लगभग 15 से 20 दिन का समय लगेगा। मेट्रो का कोच जब तैयार हो जाएगा, उसके बाद 6.107 किमी लंबे प्राथमिक कॉरिडोर में इसका ट्रायल होगा। जानकारी के अनुसार जायका फंड से कोच की खरीदारी होनी थी, लेकिन फंड मिलने में देरी होने के कारण राज्य सरकार द्वारा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को निर्धारित समय पर ट्रेन दौड़ने के लिए 115 करोड़ रुपये दी गई।
जिससे प्राथमिक कॉरिडोर के लिए तीन डब्बे वाली एक ट्रेन, मेट्रो लाइन के लिए पटरी, लिफ्ट व एस्केलेटर का क्रय किया गया। पुणे में बने मेट्रो ट्रेन से पटना वासी करेंगे आवागमन : नगर विकास एवं आवास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड की ओर से निर्मित ट्रेन का पटना के प्राथमिक कॉरिडोर में इस्तेमाल किया जाएगा। जिसका निर्माण पुणे में किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार पुणे मेट्रो में ट्रेन डब्बों की आपूर्ति का काम टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड को दिया गया है। जिस कारण इसी कंपनी के द्वारा पटना में मेट्रो चलाने के लिए तीन डब्बे के एक ट्रेन का क्रय किया किया गया है। इस कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से ट्रेन के क्रय की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दी गई है। एक कोच में 300 यात्रियों की होगी क्षमता : हर कोच की क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी, ताकि कम खर्च के साथ पर्यावरण को भी नुकसान न हो। हर कोच में बैठने और खड़े होने की क्षमता लगभग 300 यात्री की होगी, यानी तीन कोच में प्रति ट्रिप लगभग 900 यात्री यात्रा कर सकेंगे। प्राथमिक कॉरिडोर में पांच स्टेशन हैं, जिसमें न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल स्टेशन, जीरो माइल स्टेशन, भूतनाथ स्टेशन, खेमनीचक स्टेशन और मलाही पकड़ी स्टेशन शामिल हैं। हालांकि शुरुआती दौर में खेमनीचक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव नहीं होगा। यह स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन है। जिसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। इंटरचेंज स्टेशन पर पटना मेट्रो कॉरिडोर के दोनों दिशाओं के लिए लोगों को ट्रेन मिलेगी। छोटी ट्रेन में ऊर्जा की होगी कम खपत : छोटी ट्रेन से यह भी फायदा होगा कि इसमें प्रति ट्रिप ऊर्जा की कम खपत होगी। तीन कोच की ट्रेन को विशेष रूप से कम दूरी की यात्रा के लिए विकसित किया गया है। छोटी ट्रेनें दैनिक यात्रियों की पर्याप्त संख्या को समायोजित करते हुए बेहतर फ्रीक्वेंसी और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करेंगी। वहीं तीन कोच वाली मेट्रो केवल ट्रेन की लंबाई को कम करने के बारे में नहीं, बल्कि भविष्य के लिए कुशल और कम लागत वाली मेट्रो प्रणाली के साथ शहरी गतिशीलता के उपयोग को अपनाने की तरफ एक कदम है। भविष्य में राजधानी के संकरे क्षेत्रों में मेट्रो की पहुंच बढ़ाने में भी यह बेहतर साबित होगा। यात्री संख्या के आकलन को ध्यान में रखते हुए कॉरिडोर-वन और टू को विकसित किया जा रहा है। यह दोनों कॉरिडोर यात्रियों के लिए काफी कारगर होगा।
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