पटना मेट्रो : प्राथमिक कॉरिडोर के आधी दूरी में लग गई पटरी
पटना मेट्रो के 6.107 किमी लंबे प्राथमिक कॉरिडोर की आधी दूरी तक पटरी बिछाई जा चुकी है। मेट्रो सेवा 15 अगस्त से शुरू होगी। प्राथमिक कॉरिडोर में खंभे और सिग्नल के काम तेजी से चल रहे हैं। जीरोमाइल से न्यू...

पटना मेट्रो के 6.107 किमी लंबे प्राथमिक कॉरिडोर की आधी दूरी तक पटरी लगा दी गई है। जिस पर 15 अगस्त से मेट्रो दौड़ेगी। इसके साथ ही प्राथमिक कॉरिडोर में खंभे को खड़ा कर बिजली लगाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। सिग्नल का भी काम चल रहा है। जानकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो में फेज चार के तहत जिन एजेंसी के की ओर से पटरी लगाई जा रही है। उसी एजेंसी द्वारा पटना मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर में पटरी बिछाने का काम किया जा रहा है। इस ट्रैक पर मेट्रो रेल चलाने के लिए तीन बोगियों की एक रैक का ऑर्डर भी दिया गया है, जो पुणे से आएगी, जबकि डिपो का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
जिसमें फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। डिपो में ट्रैक बिछा लिया गया। इलेक्ट्रिकल, सिग्नल व टेलीकॉम का काम तेजी से किया जा रहा है। जीरोमाइल के पास कंक्रीट का काम पूरा होते ही बिछेगी पटरी पटना मेट्रो प्राथमिक कॉरिडोर के जीरोमाइल स्टेशन से न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल स्टेशन (आईएसबीटी) के लाइन को जोड़ने के लिए स्टील गर्डर रख दिया गया है। जिसपर कंक्रीट का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसका निर्माण पूरा होते ही पटरी बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। जानकारी के अनुसार जीरोमाइल से आईएसबीटी को जोड़ने के लिए एनएच-30 के उपर 38 और उसके बगल में 45 मीटर लंबा स्टील गर्डर लगाया गया है। इन दोनों गर्डर के रखते ही जीरो माइल से आईएसबीटी तक मेट्रो लाइन आकार ले लिया है। प्राथमिक कॉरिडोर के चार स्टेशनों पर ही रुकेगी मेट्रो प्राथमिक कॉरिडोर में पांच एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरोमाइल और न्यू आइएसबीटी हैं, लेकिन शुरुआती दौर में खेमनीचक छोड़कर चार स्टेशनों पर मेट्रो रुकेगी। इन चार स्टेशनों पर स्वचालित किराया संग्रह मशीन, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर व गेट प्रणाली आदि लगाए जाने हैं। इसके साथ ही प्री-फैब्रिकेटेड स्टेशन का स्ट्रक्चर भी तेजी से इंस्टॉल किया जा रहा है। डिपो के लगभग 3.5 किमी में पटरी बिछाने का काम पूरा मेट्रो लाइन पर दिनभर ट्रेन चलने के बाद मेंटेनेंस के लिए डिपो में गाड़ी को लाया जाता है, जहां मेंटेनेंस किया जाता है। इसी कारण डिपो के अंदर लगभग 3.5 किमी में पटरी को बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। ताकि ट्रेनों को आसानी से डिपो में लगाकर मेंटेनेंस किया जा सके। डिपो में मेक इन इंडिया का पटरी लगाया जा रहा है।
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