वायरलेस संचार प्रणालियां भारत को बनाएंगी आत्मनिर्भर : प्रो टीएन सिंह
आईआईटी पटना के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में 6जी मोबाइल संचार तकनीक पर वैश्विक शोध और नवाचार को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। उद्घाटन में प्रमुख व्यक्तियों ने 6जी की...

आईआईटी पटना के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग की ओर से आयोजित आईईईई 6जी मोबाइल वायरलेस कम्युनिकेशन पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सोमवार को शुरू हुई। संगोष्ठी आईईईई, भारत 6जी एलायंस, सी-डैक, संचार मंत्रालय, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आयोजित की जा रही है। आयोजन का उद्देश्य 6जी मोबाइल संचार तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक शोध, नवाचार और नीतिगत दृष्टिकोणों पर केंद्रित संवाद को प्रोत्साहित करना है। उद्घाटन आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह, दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक बाबू राम, उपमहानिदेशक डॉ. पराग अग्रवाल, सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के प्रो. सतीश शर्मा तथा संगोष्ठी संयोजक डॉ. अमित सिंह ने किया।
समारोह के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अगली पीढ़ी की वायरलेस संचार प्रणालियां न केवल तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाएगी, बल्कि भारत को डिजिटल रूप से समावेशी और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में भी सहायक सिद्ध होंगी। प्रो. टीएन सिंह ने आईआईटी पटना की उन्नत अनुसंधान क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान 6जी, इंटेलिजेंट सरफेस, अत्याधुनिक एंटिना डिज़ाइन और रक्षा तथा अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर केंद्रित अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने संगोष्ठी संयोजक डॉ. अमित सिंह और उनकी टीम के शोध प्रयासों की सराहना की। बाबू राम ने 6जी तकनीक की राष्ट्रीय विकास में भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे डिजिटल इंडिया मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बताया। डॉ. पराग अग्रवाल ने इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को सशक्त बनाने के लिए संचार मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई। डॉ. अमित सिंह ने बताया कि 6जी तकनीकों के माध्यम से भविष्य में अत्यधिक उच्च गति की कनेक्टिविटी, इंटेलिजेंट सेंसिंग, रिमोट हेल्थकेयर, स्वायत्त प्रणालियां और अंतरिक्ष-पृथ्वी एकीकृत नेटवर्क जैसी क्रांतिकारी क्षमताएं साकार की जा सकेंगी। मौके पर प्रोफेसर प्रीतम कुमार और विभागाध्यक्ष एस. शिवसुब्रमणि ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। संगोष्ठी में टीएचजेड कम्युनिकेशन, इंटेलिजेंट रिफ्लेक्टिंग सरफेस, ऑर्बिटल एंगुलर मोमेंटम वायरलेस नेटवर्क्स में एआई/एमएल, तथा स्पेस-एयर-ग्राउंड इंटीग्रेटेड नेटवर्क्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर गहन मंथन हो रहा है। इस आयोजन में देशभर से 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया है। संगोष्ठी का समापन तीन जून को होगा, जिसमें भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त सचिव एवं डिजिटल इंडिया निधि के प्रशासक, नीरज वर्मा (आईएएस) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।
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