दीघा और कंकड़बाग एसटीपी से 4.5 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
पटना में दीघा और कंकड़बाग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से हर दिन 4.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। दीघा से 3 मेगावाट और कंकड़बाग से 1.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। दोनों प्लांट खुद की बिजली से चलेंगे और...

सूबे में पहली बार दीघा और कंकड़बाग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से हर दिन 4.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। दोनों एसटीपी में टरबाइन, गैस चेंबर और बलून का निर्माण पूरा हो चुका है। दीघा एसटीपी से 3 मेगावाट और कंकड़बाग एसटीपी से 1.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। यही नहीं दीघा और कंकड़बाग एसटीपी खुद की बिजली से चलेगी। 70 फीसदी बिजली की आपूर्ति प्लांट से ही हो सकेगी। दीघा और कंकड़बाग एसटीपी से सीवरेज का उपचार होने के बाद निकलने वाले स्लज से गैस उत्पादित की जाएगी। स्लज से दो तरह के गैस निकलेंगी। एक मिथेन और दूसरा हाइड्रोजन सल्फेट।
बिजली के उत्पादन के लिए मिथेन गैस का उपयोग किया जाएगा। हाइड्रोजन सल्फेट गैस जो अत्यधिक खतरनाक होता है। उसे तकनीक के माध्यम से मिथेन गैस से अलग कर उसे पूरी तरह जला दी जाएगी। बची हुई 40 फीसदी मिथेन को गैस चेंबर से टरबाइन को भेजी जाएगी। जिसके बाद बिजली का उत्पादन हो सकेगा। बिजली का उत्पादकता सीवरेज के उपचार के बाद निकलने वाले स्लज की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा। एसटीपी से साल में 8 महीना ही बिजली का उत्पादन हो सकेगा। मानसून सीजन में पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं हो सकेगा। पटना में छह एसटीपी का हुआ उद्घाटन शुक्रवार को सीवान से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अन्य योजनाओं समेत पटना जिला में 5 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया है। दीघा,कंकड़बाग, मोकामा, फुतहा और बख्तियारपुर एसटीपी शामिल है। बेगूसराय एसटीपी का भी उद्घाटन किया गया है। सूबे का सबसे बड़ा एसटीपी दीघा जिसकी क्षमता 100 एमएलडी है। उद्घाटन होते ही दीघा से 40 एमएलडी सिवरेज का उपचार होने लगा। वहीं कंकड़बाग एसटीपी की क्षमता 50 एमएलडी है। कंकड़बाग भी 20 एमएलडी की क्षमता सीवरेज का उपचार शुरू कर दिया है। मोकामा एसटीपी की क्षमता 8 एमएलडी, फतुहा 7, बख्तियारपुर 10 एमएसडी की क्षमता है। बेगूसराय एसटीपी की क्षमता 17 एमएलडी है। दीघा एसटीपी के उद्घाटन के समय सांसद रविशंकर प्रसाद और विधायक डॉ. संजीव चौरसिया भी उपस्थित थे। 179 एमएलडी सीवरेज का उपचार होने लगा : दीघा और कंकड़बाग एसटीपी शुरू होने से पटना शहर का 179 एमएलडी सीवरेज का उपचार शुरू होगा। इससे पहले चार एसटीपी जिसमें बेऊर, सैदपुर, करमलीचक और पहाड़ी से सीवरेज का उपचार हो रहा था। खास बात यह है कि दीघा के शुरू होने से गंगा नदी में वर्तमान में 40 एमएलडी सिवरेज उपचार के बाद डाला जा रहा है। अभी दीघा पूरी क्षमता से शुरू नहीं हो पाया है। गंगा नदी के जल के प्रदूषण में कमी आएगी। पुनपुन नदी के पानी के प्रदूषण में भी कमी आएगी। अभी भी करीब 170 एमएलडी सीवरेज गंगा और पुनपुन में बिना उपचार के जा रहा है। शहर में सीवरेज उपचार की स्थिति एसटीपी कुल क्षमता(एमएलडी) उपचार(एमएलडी) बेऊर 43 30.30 करमलीचक 37 29.17 सैदपुर 60 41.86 पहाड़ी 60 18 दीघा 100 40 कंकड़बाग 50 20
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