बोले पटना : आधार कार्ड की त्रुटि सुधार प्रक्रिया में उलझ रहे आवेदक
आधार कार्ड अब हर नागरिक के लिए जरूरी हो गया है। लेकिन इसके निर्माण में गलती होने पर सुधार करना कठिन हो जाता है। पटना के आधार केंद्रों पर लोग त्रुटियों को सुधारने के लिए लंबी प्रक्रिया का सामना कर रहे...
देश की सबसे बड़ी पहचान योजना 'आधार' आज हर नागरिक के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो, शिक्षा के लिए आवेदन देना हो या बैंक से लोन लेना हो, हर काम में आधार अनिवार्य हो गया है। लेकिन अगर आधार बनवाते समय कोई त्रुटि हो जाए, तो उसे सुधरवाना आम नागरिक के लिए एक मुश्किल और थकाऊ प्रक्रिया बन जाती है। कई बार आधार में हुई गलतियां आवेदक की नहीं, बल्कि सेंटर पर कार्यरत ऑपरेटर की लापरवाही का नतीजा होती है। जिसमें सुधार कराने में लोगों को काफी समय, श्रम और पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
पटना के आधार केंद्रों पर राज्य के विभिन्न केंद्रों और फ्रेंचाइजी एनरोलमेंट सेंटरों पर ऑपरेटरों द्वारा की जा रही गलतियों में सुधार कराने हर रोज लोग आते हैं। वे बताते हैं कि आधार में नाम, जन्मतिथि, पते में हुई मामूली गलती भी बड़ी समस्या बन जाती है। इसमें सुधार की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि कई बार केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाए। आधार मतलब भारत के नागरिक का सबसे सशक्त सरकारी पहचान पत्र। रेल की यात्रा करनी हो या विमान की। मतदान करना हो या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो। आधार कार्ड के बिना काम नहीं चलता। आधार बनवाते समय छोटी-मोटी गलतियां हो जाया करती हैं। आधार अपडेट सेंटरों पर तैनात ऑपरेटर जानकारी भरते समय सावधानी नहीं बरतते। नाम की स्पेलिंग, जन्मतिथि, लिंग और रिश्ते की जानकारी जैसी मूलभूत सूचनाओं में गलती कर दी जाती है। कई बार तो आवेदकों को यह तक नहीं बताया जाता कि क्या भरा गया है। आवेदक ब्योरा कुछ और देता है, ऑपरेटर कंप्यूटर में फीड कुछ और करता है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले आवेदकों को कंप्यूटर की जानकारी नहीं होने के कारण ऑपरेटर पर आवेदन का ब्योरा भरने की निर्भरता रहती है। आवेदक को आधार कार्ड में किसी गलती का पता तब चलता है जब कोई जरूरी दस्तावेज या योजना का आवेदन खारिज हो जाता है। कई आधार केंद्रों पर ऑपरेटर जल्दीबाजी में फॉर्म भरते हैं और सबमिट कर देते हैं। न तो फॉर्म भरवाने से पहले आवेदकों को पढ़ने का मौका दिया जाता है और न ही उन्हें वेरिफिकेशन की प्रक्रिया स्पष्ट की जाती है। इस व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है। हर प्रखंड में आधार केंद्र, लेकिन पटना आने की मजबूरी यूआईडीएआई ने हर जिला ब्लॉक कार्यालय में आधार सेवा केंद्र खोला है। लेकिन संबंधित व्यक्ति का आधार सुधार उनके ब्लॉक कार्यालय में नहीं हो पाता है। छोटी हो या बड़ी त्रुटि, सभी को पटना भेज दिया जाता है। ऐसे में पटना आधार सेवा केंद्र शाही लेन में हर दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इससे लोगों को आर्थिक और शारीरिक परेशानी हो रही है। इसके अलावा राज्य के 580 डाकघरों में भी आधार सेवा केंद्र है। यहां पर मोबाइल और पता अपडेट किया जाता है। इसके अलावा डाकघर के आधार सेवा केंद्र में पांच साल तक के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाता है। आवेदक रामाकांत ने बताया कि यह स्थिति किसी एक दिन की नहीं बल्कि हर दिन की है। प्रत्येक दिन शाही लेन एसपी वर्मा रोड स्थित आधार सेवा केंद्र पर दो से तीन हजार लोग पहुंचते हैं। ये लोग पटना के ही नहीं बल्कि पूरे बिहार से रहते हैं। यहां आकर ये दलालों के चंगुल में फंस रहे हैं। अब दलाल इन्हें बहला-फुसला कर 50 रुपये के काम के लिए छह से दस हजार रुपये तक की वसूली कर रहे हैं। सहरसा से आए राजेश कुमार ने बताया कि जन्मतिथि में महीने की गड़बड़ी हो गयी है। इसमें सुधार के लिए आवेदन करने अपने ब्लॉक में गया तो वहां से पटना भेज दिया गया। यहां पर आया तो ऑनलाइन आवेदन किया। इसके लिए मैंने दो हजार रुपये दिये हैं। लेकिन अभी तक जन्मतिथि में सुधार नहीं हुआ है। गया से आए अजय कुमार ने बताया कि पिता के सरनेम में गलती है। सुधार के लिए आए हैं। ऑनलाइन आवेदन में छह हजार रुपये दिया है। दर्द-ए-दास्तां दस बार आए हैं लेकिन अब तक सुधार नहीं पश्चिम चंपारण की नंदनी कुमारी के आधार कार्ड पर उनका जन्मतिथि गलत है। इसके लिए नंदनी कुमारी ने 26 जुलाई 2024 को आवेदन किया था। लेकिन अभी तक सुधार नहीं हो पाया है। आधार सेवा केंद्र शाही लेन एसपी वर्मा रोड पहुंची नंदनी कुमारी ने बताया कि बेतिया के ब्लॉक कार्यालय में आवेदन दिया। वहां से पटना आधार सेवा केंद्र भेज दिया गया। आधार सेवा केंद्र से ललित भवन जाने को कहा गया। पिछले एक साल में दस से अधिक बार मैं आधार सेवा केंद्र और ललित भवन का चक्कर लगा चुकी हूं। लेकिन अभी तक मेरा काम नहीं हुआ है। मेरे आधार कार्ड पर जन्मतिथि में वर्ष में गड़बड़ी कर दी गयी है। मेरे मैट्रिक के प्रमाण पत्र पर और आधार कार्ड पर दिये गये जन्म वर्ष अलग-अलग है। इसे सुधार करवाने में अभी तक मेरे दस हजार से अधिक पैसे खर्च हो चुके हैं। शाही लेन आधार सेवा केंद्र पहुंची नंदनी कुमारी को यह कह कर लौटा दिया गया कि उन्होंने सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म गलत भर दिया है। जबकि यह फॉर्म आधार सेवा केंद्र के कर्मी ने ही भरवाया था। अब कह रहे हैं कि दोबारा आवेदन करना होगा। मुझे प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना है। एक साल से बार-बार पटना आ रही हूं, लेकिन अभी तक सुधार नहीं हो पाया है। शिकायतें 1. आधार कार्ड में त्रुटि सुधार करवाने की प्रक्रिया बहुत जटिल है। 2. आधार सेवा केंद्र के बाहर दलालों का रहता है जमावड़ा। 3. सुधार के लिए ऑनलाइन आवेदन करना कई लोगों को नहीं आता, इससे लोग दलाल के चंगुल में फंस जाते हैं। 4. आधार केंद्रों पर पूछताछ काउंटर तो बना है, लेकिन बताने के लिए लोग नहीं होते हैं। सुझाव 1. आधार कार्ड में त्रुटि सुधार करवाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। 2. पटना के सभी आधार सेवा केंन्द्रों को दलालों से मुक्त किया जाए। 3. त्रुटि सुधार की प्रक्रिया ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी की जाए। 4. आधार सेवा केंद्रों पर बने पूछताछ काउंटर पर सहायक नियुक्त किए जाएं।
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