पटना में डॉक्टर दंपति 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट, मनी लॉन्ड्रिंग का केस बता 2 करोड़ ठगे
पटना के एक डॉक्टर दंपति को 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने का झांसा देकर लगभग 2 करोड़ रुपये ठग लिए।

बिहार की राजधानी पटना में डिजिटल अरेस्ट का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शातिरों ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर डॉक्टर दंपति को 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे लगभग दो करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर ली। पीड़ित डॉक्टर का नाम राधे मोहन प्रसाद है। बताया जा रहा है कि दंपति को बीते 21 मई से डिजिटल अरेस्ट कर रखा था। डर इतना था कि उन्होंने अपने बेटे को भी इस बारे में नहीं बताया।
साइबर थाना प्रभारी एवं डीएसपी रघुवेंद्र मणि त्रिपाठी ने गुरुवार को बताया कि इस संबंध में बुधवार को केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पीएमसीएच से 2005 में सेवानिवृत्त हुए डॉ. राधे मोहन प्रसाद अपनी डॉक्टर पत्नी छवि प्रसाद के साथ पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर में रहते हैं। उनकी पत्नी भी सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। उनके बेटे दिल्ली के एक बड़े निजी अस्पताल में चिकित्सक हैं।
बीते 21 मई को एक अनजान नंबर से डॉ. राधे मोहन प्रसाद के मोबाइल पर फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड पर मुंबई में एक सिम जारी हुआ है। उस नंबर के जरिए कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है। इसके कारण उनके खिलाफ मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है। उन्हें इसके लिए तुरंत मुंबई आना होगा।
कॉल पर पुलिस वर्दी में थे ठग
मुंबई में केस दर्ज होने की बात सुनते ही राधा मोहन प्रसाद सकते में आ गए। एक घंटे बाद उनके पास वीडियो कॉल आने शुरू हो गए। वीडियो कॉल में सीबीआई कार्यालय, पुलिस स्टेशन और कोर्ट रूम का सेटअप दिख रहा था। कई लोग पुलिस की वर्दी में थे। ठगों ने सीबीआई अधिकारी, जज और पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ित को धमकाया और उन्हें डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात कही। बदमाशों ने फोन काटने पर गिरफ्तारी का भय दिखाकर वीडियो कॉल से डॉक्टर दंपति पर नजर रखनी शुरू की।