बैठक से गायब रहे राजस्व विभाग के 73 अधिकारियों को नोटिस, मंत्री संजय सरावगी ने जताई नाराजगी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की दो दिवसीय राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में गायब रहने वाले 73 राजस्व अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। और नोटिस जारी किया गया है। जवाब संतोषदायक नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर मंत्री संजय सरावगी ने भी नाराजगी जताई है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 73 राजस्व अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। जिन अधिकारियों को नोटिस दिया गया है उनमें पांच अपर समाहर्ता, 15 डीसीएलआर और 53 अंचलाधिकारी (सीओ) हैं। ये सभी अधिकारी पटना में हुई राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे। दिलचस्प यह कि नालंदा के एक भी सीओ बैठक में उपस्थित नहीं हुए। स्पष्टीकरण का जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत इन पर प्रपत्र क गठन से लेकर निंदन, वेतन कटौती या निलंबन तक की कार्रवाई शामिल है।
बीते सात व आठ मई को पटना में अपर समाहर्ताओं, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं और अंचलाधिकारियों की दो दिवसीय राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक थी। बैठक में राज्य में जमीन से संबंधित हो रहे कार्योँ की समीक्षा की जानी थी। इसके तहत सात मई को मगध, सारण, मुंगेर व पटना प्रमंडल जबकि आठ मई को तिरहुत, भागलपुर, कोसी, पूर्णिया और दरभंगा प्रमंडल के राजस्व अधिकारियों को बैठक में शामिल होना था। लेकिन 73 अधिकारी समीक्षा बैठक से अनुपस्थित रहे। अनुपस्थित अधिकारियों में बक्सर, नालंदा, गोपालगंज, अररिया और पूर्वी चम्पारण के अपर समाहर्ता हैं। जबकि भूमि सुधार उप समाहर्ता में बिहारशरीफ, राजगीर, हिलसा, औरंगाबाद, दाऊदनगर, बेगूसराय, मंझौल, बखरी, पूर्णिया सदर, बनमनखी, धमदाहा, मनिहारी, मधेपुरा और किशनगंज के हैं।
वहीं अंचलाधिकारियों में बेलागंज, मखदुमपुर, दिघवारा, बड़हरिया, मंझा, बलिया, बरहट, बरबीघा, घाट कुशुम्भा, पीरो, पटना सिटी, बिक्रमगंज, गायघाट, वैशाली, चेहराकलां, अरेराज, पहाड़पुर, संग्रामपुर, खरीक, बरहट, बेलहर, पूर्णिया पूर्वी, डगरुआ, पलासी, सिकटी, नरपतगंज, दंडखोड़ा, फलका, हसनगंज, कोड़ा, कदवा, जाले, बेनीपुर और नालंदा जिले के सभी 20 अंचलाधिकारी बैठक में नहीं आए।
इस मामले पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्यों के निष्पादन में गुणवत्ता व समय सीमा का अनुपालन जरूरी है। विशेषकर अंचल कार्यालयों से लोगों की अपेक्षा होती है। इसके लिए यह जरूरी है कि अंचल कार्यालयों में पदस्थापित सभी अधिकारी व कर्मी लोगों के प्रति संवेदनशील हों, सहानुभूति का भाव रखें और शिकायतों का निवारण तत्परतापूर्वक करें।