लगातार बारिश से सब्जियों की फसल को नुकसान, बढ़ गए दाम
नवादा में मानसून की सक्रियता के कारण पिछले सात दिनों में हुई बारिश से सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश के चलते सब्जियों की उपज प्रभावित होने से कीमतें दोगुनी हो गई हैं। नेनुआ, बोड़ा और टमाटर...

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार बीते सात दिनों से रुक-रुककर अच्छी बारिश हुई है, जिससे नवादा की धरती अघायी दिख रही है। खरीफ सीजन के लिए यह वरदान साबित हो रहा है लेकिन सब्जी की फसलों के लिए यह नुकसानदायक साबित हो रही है। जिले में अब तक 150.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है। सामान्य वर्षापात 134.6 एमएम की तुलना में यह बारिश काफी अधिक है। विगत सात दिनों तक रुक-रुककर हुई बारिश से सब्जी की फसल को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण खेतों में जलजमाव के कारण सब्जी की उपज प्रभावित हुई है।
वर्षा में फूल और लत्तियां गल जाने के कारण हालिया सात दिनों के अंदर हरी सब्जियों की कीमत में भारी तेजी हुई है। थोक और खुदरा मंडी से सब्जियां गायब हो गई हैं। आमद कम जाने से कीमत में करीब दोगुना से अधिक की वृद्धि हुई है। स्थानीय इलाकों से आने वाली सब्जियों की आवक कम पड़ जाने से दुकानों पर नेनुआ, बोरा तो काफी खोजने के बाद मिल रहा है। नेनुआ, बोड़ा, करैला की कीमत दो दोगुना हो गयी है। अधिकतर सब्जियों की कीमत चालीस रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गयी है। 40 रुपये नेनुआ, बोड़ा, बैगन, परवल है। 30 रुपये भिंडी व कद्दू है। सबसे महंगा इस वक्त टमाटर है। यह 80 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। अभी एक सप्ताह पहले तक लोकल सब्जियों की बेहतर आवक के कारण यही सारी सब्जियां लगभग 20 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गयी थीं। इस प्रकार, पिछले सात दिनों के अंदर ही सब्जियों के दाम दोगुना तक बढ़ गए। इससे किचन का बजट गड़बड़ाने लगा है। घरों में चना, मटर और बेसन समेत सोयाबीन आदि से गृहिणियां काम चला रही हैं। बाहर की मंडी से पहुंच रही हैं सब्जियां स्थानीय इलाकों में मुख्य रूप से सब्जी की खेती होती है। नवादा सदर समेत विभिन्न प्रखंडों के समीपस्थ गांवों से मुख्य मंडी तक सब्जियों की आमद होती थीं, जो वर्तमान में काफी कम हो गयी है। अब बाहर से सब्जियों की आवक के भरोसे बाजार आ गया है। इस वक्त परवल भागलपुर व मुंगेर से आ रहा है। बैगन बंगाल से और टमाटर बंगलुरु से मंगाया जा रहा है। आगत सावन के कारण खपत कम हो जाने की बन रही परिस्थितियों के कारण थोक कारोबारी नासिक से प्याज नहीं मंगवा रहे हैं। लोकल प्याज मंडी में है। इस कारण दाम 100 रुपये पसेरी यानी प्रति पांच किलो तक हो गया है। मौसम साफ होने से आमद बढ़ने पर गिरेगा भाव जिले के किसान इंद्रदेव कुशवाहा, सुनील महतो, महेंद्र महतो, मोहन साव आदि ने बताया कि बारिश में लत्तियां गल गई हैं। सिर्फ भिंडी की उपज ज्यादा प्रभावित नहीं हुई है। ले-दे कर लोकल सब्जियां भी कम आ रही हैं। इस कारण दाम चढ़े हुए हैं। मौसम साफ रहने पर करीब पखवारे भर के बाद ही कीमत में कमी आ सकती है। अगर फिर लगातार रुक-रुककर बारिश हुई तो कीमत में कमी आना मुश्किल लग रहा है। थोक सब्जी विक्रेता मो.इदरिश ने बताया कि कम आमद के कारण थोक में भी ऊंची कीमत पर सब्जी की खरीदारी हो रही है। खुदरा सब्जी विक्रेता मिस्टर ने बताया कि वर्तमान में लोकल सब्जी का उत्पादन प्रभावित होने से बाजार पर बुरा असर पड़ा है। खरीदार एक पाव अथवा आधा किलो से अधिक खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं।
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