Hindi NewsBihar NewsNawada NewsDilapidated School Building in Akbarpur Poses Danger to Students Safety

अकबरपुर : जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे

अकबरपुर, निज संवाददाताप्रखंड की शकरपुरा पंचायत के सवैया गोपालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हालत में है। आलम यह है कि यह भवन कभी धराशायी हो सकता है।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाWed, 25 June 2025 04:07 PM
share Share
Follow Us on
अकबरपुर : जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे

अकबरपुर, निज संवाददाता प्रखंड की शकरपुरा पंचायत के सवैया गोपालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हालत में है। आलम यह है कि यह भवन कभी धराशायी हो सकता है। बच्चे इसी जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। उनकी जान जोखिम में रहती है। उनके अभिभावक किसी हादसे को लेकर सशंकित रहते हैं। बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है। कई जगह छत से प्लास्टर झड़ कर गिर रहा है। दीवारों में दरारें आ गई हैं। भवन की इस हालत के चलते छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षक भी सहमे हुए रहते हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय सवैया गोपालपुर में नामांकित बच्चों की कुल संख्या 137 है और छह शिक्षक पदस्थापित हैं।

दो कमरे में बच्चे व शिक्षक पठन-पाठन को मजबूर हैं। ग्रामीण बताते हैं कि स्कूल का भवन काफी पुराना है। इसकी मरम्मत पर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया। फलस्वरुप यह भवन अब काफी जर्जर हो चुका है। ऐसे में अपने बच्चों को स्कूल भेजने में काफी डर लगता है। अनहोनी की आशंका से सहमे रहते हैं। लोगों का मानना है कि स्कूल का यह भवन कभी गिरकर ध्वस्त हो सकता है। भवन की दीवारों में जगह-जगह बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। छत से प्लास्टर झड़ कर गिरते रहता है। जिससे बच्चों व शिक्षकों के चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीण बताते हैं कि पुराने स्कूल भवन में बच्चों को पढ़ने के लिए भेजना खतरे को आमंत्रण देने के समान है। बावजूद बच्चों के भविष्य को लेकर उसी जर्जर भवन में पढ़ने के लिए बच्चों को भेजना विवशता बनी है। अधिकारी नहीं ले रहे सुध ग्रामीणों के मुताबिक, जर्जर स्कूल भवन के बाबत कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवगत कराया गया। शिक्षकों ने भी विभाग से पत्राचार किया। लेकिन विभाग के आलाधिकारियों ने भवन निर्माण के प्रति ध्यान नहीं दिया। जर्जर भवन के प्रति अधिकारियों ने सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा। फलस्वरुप ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। उन्हें यह भय सताता है कि भवन कभी गिर सकता है, जिससे बच्चों की जान पर आफत आ सकती है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए नया स्कूल भवन का निर्माण कराने की मांग की है। ताकि बच्चों को पठन-पाठन में स्कूल में परेशानी नहीं हो। दो कमरे में पढ़ने को विवश हैं बच्चे प्राथमिक विद्यालय सवैया गोपालपुर के पुराने भवन में जगह की घोर कमी है। पहली से लेकर पाचवीं कक्षा के बच्चों को महज दो कमरे में बैठकर पढ़ना पड़ता है। वहीं जगह के अभाव में मिड डे मील बाहर बरामदे में बनाना पड़ता है। ग्रामीण कहते हैं कि इस पुराने भवन को डैमेज घोषित करते हुए नया भवन बनाने की आवश्यकता है। बच्चों के पठन-पाठन के लिए पर्याप्त संख्या में कमरा बनाने की आवश्यकता है। स्कूल तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। पगडंडी के सहारे पैदल स्कूल तक जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में पगडंडी कीचड़मय हो जाता है। जिससे शिक्षकों व बच्चों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। स्कूल में एक पहाड़ी चापाकल लगा है, जिससे गंदा पानी निकलता है। हालांकि स्कूल में पांच महीने पहले बोरिंग कराया गया है, लेकिन उसे चालू नहीं किया जा सका है। लिहाजा शिक्षक व बच्चे घर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं। एक शौचालय है, लेकिन उसकी हालत भी जीर्ण-शीर्ण है। पर्याप्त संख्या में शौचालय नहीं होने से दिक्कत होती है। प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल की समस्या के प्रति डीईओ-बीईओ, डीपीओ को अवगत कराया गया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें