राष्ट्रीय शिक्षा नीति सांस्कृतिक पुनर्जागरण : धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एलएन मिश्रा कॉलेज का स्थापना दिवस मनाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सांस्कृतिक पुनर्जागरण है और बिहार शिक्षा का वैश्विक केंद्र है। उन्होंने युवाओं को देश की ताकत...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के स्थापना दिवस का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सांस्कृतिक पुनर्जागरण है। बिहार शिक्षा का वैश्विक केंद्र रहा है। बिहार प्रेरणा की भूमि है। ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज, हावर्ड को मिलाकर भी नालंदा विवि का मुकाबला नहीं हो सकता। उन्होंने आपातकाल का भी जिक्र किया। कहा कि आपातकाल के खिलाफ बिहार की भूमि से जयप्रकाश नारायण ने पूरे देश में जागृति पैदा की थी। उपराष्ट्रपति ने सांसदों और विधायकों को भी नसीहत दी। कहा कि संसद और विधानसभा मंदिर हैं, यहां आमजन के कष्टों का निराकरण किया जाना चाहिए।
उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को छात्रों के लिए महत्वपूर्ण और प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम से पहले उपराष्ट्रपति ने कॉलेज परिसर में पौधरोपण किया और कॉलेज के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र को श्रद्धांजलि दी। युवा हमारी ताकत हैं : उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है। हमारी ताकत हमारे युवा हैं। देश के युवाओं की औसत उम्र 28 साल है। उन्होंने मुजफ्फरपुर की चर्चा करते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक इतिहास को समेटे हुए है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि बीच में हमारी शिक्षा में भटकाव आ गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे ठीक किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें उपनिवेशवाद से मुक्त करेगा। कार्यक्रम में एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के स्वायत्त होने की शुरुआत भी उपराष्ट्रपति ने की। भारतीय ज्ञान परंपरा जरूरी : उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारा धर्म है और राष्ट्र सर्वोपरि है। हमारी संस्कृति समरसता की संस्कृति की है। वैदिक ग्रंथों में काफी जानकाारियां दी गई हैं। हमारी शिक्षा मूल्य आधारित रही है। हमारे देश में शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं हुआ है। हमारी शिक्षा का सिद्धांत चरित्र और मूल्य निर्माण का रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा हमारे युवाओं के लिए बहुत जरूरी है। हमारे वेदांत, उपनिषद, रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती है। हमारे पास पांच हजार सालों का इतिहास है, जो दुनिया के किसी देश के पास नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को रोजगार देगी और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। वह दिन दूर नहीं, जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। आज हमारे युवाओं के पास कई विकल्प हैं जो पहले नहीं थे। कार्यक्रम में बीआरएबीयू के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने कहा कि उपराष्ट्रपति का आना हमारे लिए गर्व की बात है। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा और पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने भी उपराष्ट्रपति के आने को गर्व का क्षण बताया। कार्यक्रम में बिहार सरकार के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने उपराष्ट्रपति को मधुबनी चित्रकला से बने अंग वस्त्र और संसद के चित्र का स्मृति चिह्न भेंट किया। एलएन मिश्रा कॉलेज के निदेशक मनीष कुमार ने अनसीन ऑफ बिहार नाम की किताब भेंट की।
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