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यह बुद्ध और ज्ञान की धरती : उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुजफ्फरपुर में एलएन मिश्रा कॉलेज में कहा कि बिहार ज्ञान और बुद्ध की भूमि है। उन्होंने नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों का उल्लेख करते हुए बिहार को शिक्षा का...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 24 June 2025 11:03 PM
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यह बुद्ध और ज्ञान की धरती : उपराष्ट्रपति

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में कहा कि बिहार बुद्ध और ज्ञान की धरती है। मेरा मुजफ्फरपुर आने का सपना आज पूरा हो गया। उन्होंने छात्रों को संसद आने और वहां की कार्यवाही देखने का भी न्योता दिया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बिहार शिक्षा का वैश्विक हब रहा है। नालंदा विवि पांचवीं सदी में आवासीय विवि था। यहां चीन, जापान जैसे देशों से लोग पढ़ने आते थे। नालंदा के अलावा विक्रमशिला विवि भी यहीं है। आज लोग ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज एवं हावर्ड की बात करते हैं। यदि तीनों को एक साथ मिला लें फिर भी नालंदा के बराबर नहीं होता है।

नालंदा, विक्रमशिला एवं ओदंतपुरी यह तीन मूर्तियां, हमें हमेशा प्रोत्साहित करती हैं कि हम कहां थे और हमें कहां जाना है। 800 वर्ष पहले तक नालंदा में चीन, कोरिया, जापान, तिब्बत एवं मध्य एशिया से लोग शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे। दस हजार विद्यार्थी और दो हजार शिक्षकों के साथ यह एक आवासीय विश्वविद्यालय था। नालंदा सिर्फ विश्वविद्यालय नहीं था, बल्कि अपने आप में यह एक सभ्यता थी। बिहार भारत के दार्शनिक आधार का जन्मस्थल है। यह जैन धर्म की भूमि है, जहां भगवान महावीर को आध्यात्मिक जागृति प्राप्त हुई। यहां भगवान बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। चंपारण सत्याग्रह बिहार की भूमि पर हुआ है। बिहार आध्यात्मिक धरती है। पहलगाम का जवाब श्रेष्ठ मापदंडों पर दिया उपराष्ट्रपति ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब श्रेष्ठ मापदंडों पर दिया। आतंकियों के ठिकाने पर हमला किया और उन्हें सही तरीके से सबक सिखा दिया। पीएम ने सबक भी सिखा दिया और ऑपरेशन भी समाप्त नहीं किया। इसका सबूत दुश्मन ने ही दे दिया। डॉ. जगन्नाथ मिश्रा से आत्मीय संबंध उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र से उनका आत्मीय संबंध रहा है। वर्ष 1989 से वह एक दूसरे से जुड़े हैं। ललित नारायण मिश्रा, फिर डॉ. जगन्नाथ मिश्रा और अब नीतीश मिश्रा इस विरासत को संभाल रहे हैं और कॉलेज का विकास कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि एलएन मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट नई शिक्षा नीति के मूल तत्वों को आत्मसात करते हुए नवाचार, डिजिटल तकनीक और कौशल आधारित कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कॉलेज को विकसित भारत 2047 के निर्माण में एक मजबूत कड़ी बताया। सामाजिक परिवर्तन का लक्ष्य रखें युवा उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन लाने का लक्ष्य रखें और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में भूमिका निभाएं। इस मौके पर वैशाली की सांसद वीणा देवी, पारू के विधायक अशोक कुमार सिंह, विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री अजीत कुमार, मेयर निर्मला साहू, उत्तर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्याम सुंदर भीमसेरिया, बीआरएबीयू के कुलानुशासक डॉ. बीएस राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. रामकुमार, सीनेटर सत्येंद्र कुमार सिंह, एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओपी राय, आरएसी कॉलेज की प्राचार्य प्रो. अमिता शर्मा, एलएनटी के प्राचार्य प्रो. अभय सिंह, एलएन मिश्रा कॉलेज के कुलसचिव कुमार शरतेंदु शेखर मौजूद रहे।

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