संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों का विवि में धरना-प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर में संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा ने बीआरएबीयू में आंदोलन शुरू किया। शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर समस्याओं के समाधान की मांग की। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुदान राशि का...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में बीआरएबीयू से संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों ने सोमवार से विवि में आंदोलन शुरू कर दिया। शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। आंदोलन को छात्र राजद और बीआरएबीयू शिक्षक संघ द्वय बुटा-बुस्टा ने भी समर्थन दिया है। मोर्चा के पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार व प्रो. संत ज्ञानेश्वर ने कहा कि कई बार संबद्ध कॉलेजों की समस्याओं के निराकरण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। नतीजतन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन मद में आठ महीने पूर्व ही सरकार द्वारा अनुदान की राशि भेजी जा चुकी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जानबूझकर व्यवधान पैदा कर राशि का वितरण नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन मूल्यांकन पारिश्रमिक के लिए शिक्षक दर-दर भटक रहे हैं। विश्वविद्यालय इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है। संबद्ध कॉलेजों को भी नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। नैक में शोध कार्य और लेख प्रकाशन पर अधिकतम अंक है। फिर भी कुलपति द्वारा शिक्षकों को शोध कार्य कराने से वंचित कर दिया गया है। अबतक विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों में शासी निकाय का गठन नहीं किया गया है। इससे महाविद्यालयों की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। संबद्ध कॉलेज के शिक्षकों का ईपीएफ खाता अभी तक सुनिश्चित नहीं किया है। कॉलेज के छात्रों से औपबंधिक प्रमाणपत्र और मूल प्रमाणपत्र की राशि विश्वविद्यालय में जमा करायी जाती है, मगर कई महीने बीत जाने के बाद भी प्रमाणपत्र के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। मोर्चा ने मांग की है कि संबद्ध कॉलेज के शिक्षकों को भी विश्वविद्यालय में पदाधिकारी बनाया जाए। पूर्व में कई विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को पदाधिकारी बनाया गया है। बुटा अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार व महासचिव डॉ. सुनील कुमार सिंह तथा बुस्टा कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. जयकान्त सिंह व महासचिव प्रो. रमेश प्रसाद गुप्ता ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर आंदोलन को समर्थन देने की बात कही है।
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