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तुर्की में बनेगा ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक, मुख्यालय भेजा गया प्रस्ताव

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : - मुजफ्फरपुर में यह सुविधा अभी नहीं, पताही एयरपोर्ट परिसर में अस्थाई

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 17 June 2025 06:29 PM
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तुर्की में बनेगा ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक, मुख्यालय भेजा गया प्रस्ताव

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता, सोमनाथ सत्योम। जिले में स्थायी ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक (एटीटी) का निर्माण होगा। इसके लिए तुर्की में तीन एकड़ से अधिक जमीन चिह्नित कर डीटीओ कुमार सतेंद्र यादव ने परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजा है। मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी पताही हवाई अड्डा परिसर में अस्थाई ट्रायल सेंटर चल रहा है। दरअसल, सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों में ड्राइविंग लाइसेंस के ट्रायल की प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। इसके लिए जिलों के कम से कम एक ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण अनिवार्य कर दिया है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदक ट्रायल देंगे।

इसी के लिए मुजफ्फरपुर के तुर्की स्थित जिला प्रशासन की जमीन चिह्नित की गई है। हाजीपुर में टेस्टिंग ट्रैक पर ट्रायल चालू : बगल के जिले वैशाली के हाजीपुर में ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक पर ट्रायल शुरू हो चुका है। दरभंगा में यह सुविधा जल्द शुरू होने वाली है। मुजफ्फरपुर में अब तक जमीन की तलाश चल रही थी। अब जगह मिलने के बाद इसके निर्माण में तेजी आएगी। डीटीओ ने बताया कि इसके निर्माण के लिए तुर्की में जमीन चिह्नित कर मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। बंद कर दिया गया था बेला का टेस्टिंग सेंटर : बेला औद्योगिक क्षेत्र में बियाडा की जमीन पर परिवहन विभाग ने ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कराया था। जब इसे चालू करने का मौके आया तो बियाडा ने अनुमति नहीं दी। बताया जाता है कि बियाडा ने इसके लिए अपनी जमीन परिवहन विभाग को हस्तगत नहीं की। इसके बाद वहां टेस्टिंग शुरू नहीं हो सका। उसके बाहर मैनुअल तरीके से ट्रायल होता रहा। यह भी बीते करीब एक साल से अधिक से बंद है। अब पताही हवाई अड्डा परिसर में अस्थायी रूप से ड्रावइिंग लाइसेंस के लिए ट्रायल की प्रक्रिया होती है। दो ने आवेदन ले लिया वापस : मुजफ्फरपुर में निजी एटीटी के लिए परिवहन विभाग ने निविदा निकाला था। इसमें दो लोगों ने रुचि दिखायी थी। हालांकि, विभाग की शर्त के बाद दोनों पीछे हट गये। निविदा करने वालों का कहना था कि एटीटी के लिए निवेश अधिक करना है। इसका लाभ लंबे समय बाद दिखेगा। साथ ही जमीन मुख्य सड़क या एनएच किनारे होनी चाहिए। इस कारण आवेदन वापस ले लिया।

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