शौचालय न पार्किंग का इंतजाम,मंडी में ही कूड़ा डंपिंग, नाले हो चुके हैं जाम
मुजफ्फरपुर की सोनारपट्टी मंडी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां शौचालय और पार्किंग नहीं होने से महिला ग्राहकों को परेशानी होती है। खुले नाले और कूड़े के ढेर के कारण हादसे की आशंका बनी रहती है।...
मुजफ्फरपुर। सोने-चांदी की चमक बिखेरने वाली मंडी सोनारपट्टी बदहाल है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने इसकी चमक फीकी कर दी है। करोड़ों के कारोबार से शहर की आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ मानी जानी वाली सराफा मंडी में एक शौचालय तक नहीं है। इसके कारण महिला ग्राहकों को काफी परेशानी होती है। यहां के व्यवसायी नगर निगम के इंतजाम से नाराज हैं। इनका कहना है कि दो वार्डों में बंटे इस बाजार में समस्याओं का अंबार है, लेकिन जिम्मेदार नहीं जाग रहे हैं। बरसात आ चुकी है, मगर अब तक खुले और जाम नालों की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
सिर्फ व्यवसायी और ग्राहकों को ही नहीं, बल्कि कांवरियों को भी दिक्कत होगी। मंडी में पुलिस गश्त नहीं होने से दुकानदारों ने सुरक्षा का भी सवाल उठाया। शहर के पुरानी बाजार मोहल्ले में सोनारपट्टी के नाम से मशहूर सराफा मंडी में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। इस बाजार की नागरिक समस्याएं यहां की सोने-चांदी की चमक फीकी कर रही हैं। रोज करोड़ों के व्यवसाय वाली इस मंडी में शौचालय और यूरिनल तक नहीं है। आभूषणों के ग्राहकों में ज्यादातर महिलाएं होती हैं। पिंक शौचालय नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी होती है। सराफा मंडी दो वार्डों में बंटी है, जिसके कारण समस्याओं के समाधान को लेकर एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप दी जाती है। इससे यहां के व्यवसायी परेशान रहते हैं। पेयजल के लिए लगाए गए नलजल के नलों में नियमित पानी नहीं आता है। कभी उसका प्रवाह काफी कम तो कभी काफी ज्यादा होता है। मोहल्ले में लगभग आधा दर्जन कुएं थे। ये सभी बदहाल अवस्था में हैं। कई पर अतिक्रमण कर लिया गया है। सोनारपट्टी में गाड़ियों की पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इससे यहां जहां-तहां गाड़ियां पार्क की जाती है। सुरक्षा भी यहां एक बड़ी समस्या है। दूसरी ओर, ब्राह्मण टोली स्थित सरकारी संगत स्कूल को महिला शिल्प कला भवन में शिफ्ट करा दिया गया है। इस स्कूल में पहली से सातवीं कक्षा की पढ़ाई होती थी। स्कूल को यहां से हटाए जाने के कारण बच्चों को पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता है।
खतरनाक बना खुला नाला, हादसे की आशंका :
व्यवसायी प्रेमशंकर गुप्ता व शंभू पटवा ने बताया कि बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर के निकट बना बाइपास नाला काफी गहरा है। इसको लोहे की चादरों के स्लैब से ढंका गया था। लोहे की चादरों के कुछ भाग में जंग लगकर यह खोखला हो चुका है। वहीं, कुछ को तोड़कर स्मैकियों ने बेच दिया। इससे कई स्थानों पर यह नाला खुला हुआ है। नाले के खुले स्थानों की लंबाई व चौड़ाई भी काफी है। खुले नाले वाले स्थानों पर पैदल चलने के लिए संकरी जगह बची है। इस नाले में कब-कौन गिर जाए, पता नहीं। स्थानीय लोग इसे मौत का कुआं कहने लगे हैं। अगले महीने बाबा गरीबनाथ धाम में जलाभिषेक करने कांवरिये व बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। जगह-जगह खुला नाला होने से हादसे की आशंका बनी रहेगी। वहीं, सोनापट्टी में नाले को काफी ऊंचा बनाया गया है। लेवलिंग सही तरीके से नहीं की गई है। इसे आउटलेट से सही तरीके से जोड़ा नहीं गया है। बारिश का पानी सहज तरीके से नाले में नहीं जाता है। इससे सोनापट्टी, परती टोला व अन्य स्थानों पर जलजमाव हो जाता है। नाले की नियमित उड़ाही नहीं होने से यह अक्सर जाम हो जाता है। इससे बाबा गरीबनाथ धाम मंदिर व परती टोला में नाले का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। व्यवसायी रामनरेश गुप्ता ने बताया कि पुरानी बाजार मोहल्ला स्थित एक विवाह भवन के निकट कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बना दिया गया है। यहां से कूड़े का नियमित उठाव नहीं होता है। इससे कूड़े का ढेर यहां जमा रहता है। इसकी गंदगी पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। दुर्गंध के कारण आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है। यहां से कूड़ा डंपिंग हटाने का प्रयास किया गया। इसके बाद भी यहां कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बना हुआ है। कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बड़ी समस्या बनी हुई है। कूड़े का नियमित उठाव नहीं होने से गंदगी पसरी रहता है।
बोले जिम्मेदार :
परती टोला में सार्वजनिक शौचालय का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। सराफा मंडी कॉमर्शियल प्लेस है। नए शौचालयों के निर्माण में जमीन की उपलब्धता बड़ी समस्या है। प्रस्ताव मिलेगा तो वहां पिंक शौचालय बनाया जाएगा। बाइपास नाले के खुले स्थानों पर स्लैब डालने के लिए एजेंसी चयनित कर ली गई है। लोहे की मोटी चादर का स्लैब रखा जाएगा, ताकि कोई इसे क्षतिग्रस्त नहीं कर सके। जल्द ही यह काम पूरा किया जाएगा।
-निर्मला साहू, महापौर
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