कान फाड़ रहे प्रेशर हॉर्न, सांसों में घुल रहा वाहनों का जहरीला धुआं
मुजफ्फरपुर के बैरिया गोलंबर से दादर पुल तक प्रेशर हॉर्न के कारण स्थानीय निवासियों की जिंदगी कठिन हो गई है। ध्वनि और वायु प्रदूषण से बीमारियां बढ़ रही हैं और बच्चे पढ़ाई में असफल हो रहे हैं। स्थानीय...
मुजफ्फरपुर। वाहनों के प्रेशर हॉर्न ने बस स्टैंड के बगल में बसी आबादी का जीना मुहाल कर दिया है। कानफाड़ू आवाज बीमारों की बीमारी बढ़ा रही है तो बच्चों की पढ़ाई चौपट कर रही है। सांसों में घुलती धूल और वाहनों के धुएं से लोगों का दम घुट रहा है। बैरिया गोलंबर-अयाचीग्राम से लेकर दादर पुल तक इन समस्याओं के अलावा जाम लोगों की रोजमर्रा की परेशानी बन चुकी है। सघन आबादी के अलावा इलाके में अस्पताल और स्कूल भी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि चालक मनमाने ढंग से वाहन खड़े करते हैं। जहां सवारी देखी, वहीं बसों को रोक देते हैं।
जोर-जोर से प्रेशर हॉर्न बजाते हैं। गाड़ी का एक्सेलरेटर इतनी जोर से लेते हैं कि धूल और धुआं से नाक पर रूमाल रखना पड़ता है। बताया कि शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार नहीं जाग रहे हैं। बैरिया से लेकर दादर पुल तक और इसके आसपास एक हजार से ज्यादा घर हैं। आबादी लगभग एक लाख है। वाहन चालकों की मनमानी के कारण जाम के अलावा ध्वनि और वायु प्रदूषण इलाके की बड़ी समस्या बन गई है। बीच सड़क पर सवारी चढ़ाने-उतारने से दिनभर जाम लगता है। समस्या सिर्फ बैरिया गोलंबर-अयाचीग्राम से दादर पुल तक ही नहीं, बल्कि इसके आसपास जगदंबानगर, चाणक्या विहार, आदर्श ग्राम, नाला रोड से लेकर न्यू पुलिस लाइन दादर तक को अपनी चपेट में ले चुकी है। अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, विधि प्रिया, संतोष गुप्ता, श्रीप्रकाश सिंह, निखिल कुमार का कहना है कि बस स्टैंड के बावजूद बैरिया-गोलंबर से दादर पुल तक सड़क पर ही वाहनों की अवैध पार्किंग की जा रही है। यहां पूरे दिन बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े रहते हैं। धूल और वाहनों का जहरीला धुआं लोगों की सांसों में घुल रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए सैकड़ों पेड़ काट दिए गए। इसके बदले पौधे नहीं लगाए गए। इससे इलाके में गर्मी और वायु प्रदूषण बढ़ गया है। अनुष्मान गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि खोदी गई सड़कों और नालों की मरम्मत का निश्चित समय तय होना चाहिए, ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना न करना पड़े।
घरों में साउंड प्रूफ कांच की खिड़की लगाने की मजबूरी :
सुरेंद्र गुप्ता, सन्नी कुमार, कैलाश रजक, चंदा देवी, अभय कुमार, सीता देवी, मो. जफर ने बताया कि प्रेशर हॉर्न, धूल और धुएं के दुष्प्रभाव के कारण तकरीबन हर घर में बीमारियों से पीड़ित मिल जाएंगे। शिकायत करते-करते हमलोग थक चुके हैं। अब तो अधिकारियों से शिकायत करने का दिल भी नहीं करता है। अपने आप को इसे झेलने के लिए तैयार रखने की कोशिश करनी पड़ती है। घरों में साउंड प्रूफ कांच की खिड़की लगा रहे हैं, ताकि वाहनों के प्रेशर हॉर्न और उनके प्रदूषण को रोका जा सके।
प्रेशर हॉर्न के कारण बनी रहती है दुर्घटना होने की आशंका :
रामसेवक दास, ललिता देवी, सुनीता कुमारी, विक्रांत मौर्या, शिवम शर्मा ने बताया कि बैरिया-दादर रोड सबसे व्यस्त सड़क में से एक है। बड़े वाहनों में प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी रहती है। कई दफा प्रेशर हॉर्न की वजह से राहगीर दुर्घटना का शिकार हो गये हैं। सड़क पर गिरकर जख्मी हुए हैं। इसके अतिरिक्त मोहल्ले से बालू व मिट्टी लदा ट्रैक्टर निकलता है। इसके कारण दुर्घटना के साथ वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। मोहल्लों के लोगों के कई लोगों में सुनने की क्षमता कम होती जा रही है।
बोले जिम्मेदार :
प्रेशर हॉर्न बजाने वालों का चालान काटा जाएगा। प्रेशर हॉर्न पर प्रतिबंध को लेकर नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। बैरिया इलाके में इसके लिए विशेष तौर पर निर्देशित किया गया है। ट्रैफिक पुलिस संबंधित वाहनों का चालान करेगी। सड़क पर सवारी चढ़ाने-उतारने वाली बसों पर कार्रवाई होगी। इस समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है।
-नीलाभ कृष्ण, ट्रैफिक डीएसपी
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