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आरटीई : निजी स्कूलों का दोबारा जांच का आदेश

मुजफ्फरपुर के डीएम ने आरटीई के तहत राशि का दावा करने वाले निजी स्कूलों की दोबारा जांच का आदेश दिया है। प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कई स्कूलों की जांच रिपोर्ट पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 12 June 2025 10:34 PM
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आरटीई : निजी स्कूलों का दोबारा जांच का आदेश

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। डीएम ने आरटीई के तहत राशि का दावा करने वाले निजी स्कूलों की दोबारा जांच का आदेश दिया है। निजी स्कूलों में आरटीई के तहत नामांकित बच्चों की राशि देने को लेकर डीएम ने गुरुवार को प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिले के जिन निजी स्कूलों ने ज्ञानदीप पोर्टल पर वर्ष 2019-20 से लेकर 2023-24 तक की आरटीई की राशि लेने को लेकर आवेदन किया था, उनकी जांच का आदेश डीएम ने दिया था। इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई थी। जांच टीम की सौंपी रिपोर्ट पर आपत्ति की गई है।

कई रिपोर्ट में जांच टीम ने स्पष्ट मंतव्य नहीं दिया था कि आरटीई के तहत नामांकन सही है या नहीं। संबंधित स्कूल को राशि मिलनी चाहिए या नहीं, यह भी नहीं लिखा गया था। डीडीसी को निर्देश मिला है कि अपनी अध्यक्षता में सभी अधिकारियों को बुलाकर उन्हें जांच से संबंधित स्पष्ट गाइडलाइन दें। जांच अधिकारियों को दोबारा स्कूल खुलने पर जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही राशि के भुगतान पर निर्णय लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के एक निजी स्कूल में 121 बच्चे कटरा के एक निजी स्कूल में 121 बच्चे आरटीई के तहत नामांकित दिखाए गए हैं। इस स्कूल ने 21-22 लाख की राशि का दावा किया है। डीएम ने निर्देश दिया है कि आरटीई के तहत अगर किसी स्कूल ने इतने बच्चों का नामांकन लिया है तो संबंधित स्कूल में उपलब्ध संसाधन को भी देखा जाएगा। इससे पता चलेगा कि वास्तव में ऐसे स्कूल चल रहे हैं या नहीं। शहरी क्षेत्र के कई स्कूल में महज 5-20 बच्चे मिले हैं। कई जांच रिपोर्ट में एक साल का ही दिया गया ब्योरा कई जांच रिपोर्ट में केवल एक साल का ब्योरा दिया गया है। इस बाबत जांच टीम ने बताया कि फॉर्मेट केवल 2019-20 का ही मिला है, जबकि विभाग का निर्देश है कि पांच साल के नामांकित बच्चों से संबंधित जांच रिपोर्ट भेजें। डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान सुजीत कुमार ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद वर्षवार जांच करानी है।

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