फार्मेसी विभाग को पीसीआई से मान्यता की जगी उम्मीद
मुजफ्फरपुर में एमआईटी फार्मेसी विभाग को पीसीआई से मान्यता मिलने की उम्मीद जगी है। निरीक्षण टीम ने 1993 से 2016 के बी.फार्मा बैचों के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। समिति ने एमआईटी को स्वतंत्र फार्मेसी...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। एमआईटी फार्मेसी विभाग को पीसीआई (फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया) से मान्यता मिल सकती है। पीसीआई द्वारा गठित समिति के दो दिवसीय निरीक्षण के बाद यह उम्मीद जगी है। निरीक्षण टीम ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। 1993 से 2016 तक के बी.फार्मा बैचों को मान्यता मिल सकती है। निरीक्षण समिति ने सुझाव दिया है कि एमआईटी फार्मेसी विभाग को स्वतंत्र फार्मेसी विवि के रूप में विकसित करने पर भी काम होना चाहिए। समिति ने बुधवार और गुरुवार को निरीक्षण किया। यह निरीक्षण 1993 से 2016 तक के बी.फार्मा बैचों को मान्यता दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
समिति के सदस्यों में डॉ. वीरा रेड्डी प्रभाकर रेड्डी, प्राचार्य, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, पला मुरु विवि तेलंगाना और सुशील सूदन, अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर गवर्नमेंट फार्मासिस्ट एसोसिएशन, निदेशालय स्वास्थ्य सेवाएं परिसर, जम्मू शामिल थे। टीम ने शैक्षणिक और तकनीकी उपलब्धियों को देखा निरीक्षण के दौरान संस्थान के प्राचार्य डॉ. एम.के. झा ने समिति को एमआईटी की शैक्षणिक यात्रा, संरचना और गुणवत्ता सुधार संबंधी पहल की विस्तृत जानकारी दी। फार्मेसी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने विभाग की शैक्षणिक और तकनीकी उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। संस्थान के रजिस्ट्रार प्रो. राजीव कुमार और डॉ. मणिकांत कुमार ने फार्मेसी विभाग से संबंधित दस्तावेजों और क्रियाकलापों को व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत कर निरीक्षण दल को संतुष्ट किया। निरीक्षण समिति ने सुझाव दिया कि संस्थान को एम.फार्मा कोर्स की शुरुआत के लिए आगे बढ़ना चाहिए। निरीक्षण समिति ने स्पष्ट संकेत दिया कि पीसीआई की आगामी बैठक में 1993 से 2016 तक के बैचों को मान्यता प्रदान की जा सकती है। इसके अतिरिक्त एमआईटी का फार्मेसी विभाग पीसीआई से 2025-26 तक 100 सीटों की स्वीकृति के साथ नियमित शिक्षा प्रदान कर रहा है।
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