सैनिटरी नैपकिन खरीदने का अब देना होगा वाउचर
मुजफ्फरपुर में 7वीं से 12वीं कक्षा की 26 लाख से अधिक बेटियों को सैनिटरी नैपकिन खरीदने के लिए इस वर्ष लगभग 80 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। यह राशि मेधासाफ्ट पोर्टल के माध्यम से मिलेगी और अभिभावकों को...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सैनिटरी नैपकिन खरीदने का वाउचर अब बेटियों को स्कूलों में देना होगा। सूबे में 26 लाख 66 हजार 666 बेटियों को सैनिटरी नैपकिन खरीदने को इस वर्ष लगभग 80 करोड़ रुपए मिलेंगे। सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाली कक्षा 7वीं से 12वीं तक की बच्चियों को यह राशि मिलेगी। सत्र 2025-26 के लिए इसका निर्देश दिया गया है। मेधासाफ्ट पोर्टल के माध्यम से यह राशि छात्राओं को मिलेगी। किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत नैपकिन खरीदने को 300 की राशि एक बच्ची को मिलती है। इस राशि को अन्य चीजों में अभिभावक खर्च नहीं करें और बेटियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे, इसलिए वाउचर की सख्ती की गई है।
जिले की एक लाख से अधिक बेटियों को यह राशि मिलेगी। माहवारी स्वास्थ्य व प्रबंधन की मिलेगी जानकारी शिक्षा विभाग के उपसचिव ने कहा है कि 7वीं से 12वीं कक्षा तक की छात्राएं 12 से 18 आयु वर्ग की होती हैं। ये छात्राएं बदलाव की ओर अग्रसर रहती हैं। इस दौरान उनमें मानसिक, शारीरिक एवं संरचनात्मक परिवर्तन होते हैं। इससे कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं, जिसका सहज समुचित समाधान अधिकांशतः छात्राओं को नहीं मिल पाता है। इन समस्याओं के कारण उनमें कुंठा आती है और बौद्धिक व व्यक्तित्व विकास पर गलत प्रभाव पड़ता है। इस उम्र की अधिकांश समस्याएं माहवारी स्वास्थ्य से संबंधित होती हैं। परिणाम स्वरूप इस उम्र की छात्राओं में कई सहज प्रश्न उत्पन्न होते हैं। इन समस्याओं के समाधान को लेकर 12 वर्ष से अधिक उम्र की विद्यालय में अध्ययनरत सभी बालिकाओं को प्रजनन स्वास्थ्य के संबंध में सामान्य जानकारी एवं माहवारी स्वास्थ्य तथा प्रबंधन के संबंध में विशिष्ट जानकारी प्रदान की जायेगी। सैनेटरी नैपकिन के निस्तार के बारे में बताया जाएगा। योजना के सफल संचालन के लिए मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में किशोरी मंच स्थापित किया जायेगा तथा इनका प्रभावी प्रशिक्षण कराया जायेगा। राशि खर्च की स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी जांच विभाग ने निर्देश दिया है कि सैनिटरी नैपकिन के लिए मिली राशि को बच्चियां और उनके अभिभावक इस मद में खर्च कर रहे हैं या नहीं, बच्चियों को राशि मिली है या नहीं, इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाएगी।
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