फोरेंसिक रिपोर्ट पेश नहीं करने पर एफएसएल निदेशक पर पांच हजार जुर्माना
पूर्वी चंपारण जिले में दुष्कर्म के प्रयास मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट समय पर नहीं देने पर एफएसएल गन्नीपुर के निदेशक और सदर अस्पताल के कर्मी पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। विशेष कोर्ट...

मुजफ्फरपुर, हिप्र। पूर्वी चंपारण जिले की युवती के दुष्कर्म के प्रयास मामले में समय से फोरेंसिक रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर एफएसएल गन्नीपुर के निदेशक पर विशेष पॉक्सो कोर्ट संख्या-एक के न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्रा ने पांच हजार रुपया जुर्माना लगाया है। उनके साथ सदर अस्पताल के उत्तरदायी कर्मी पर भी पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अस्पताल कर्मी ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। इससे पहले उन्हें विशेष कोर्ट ने गुरुवार को निदेशक को तलब किया था। उनके अवकाश पर रहने के कारण सहायक निदेशक रिपुंजय कुमार सिन्हा विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए थे। दोनों को जुर्माना की राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कोष में जमा कराने को कहा गया है।
वहीं, कोर्ट ने एफएसएल के निदेशक व सिविल सर्जन को दस जून को विशेष कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी घर से झगड़ा कर भाग कर पिछले 11 मार्च को बैरिया बस स्टैंड पहुंच गई। यहां से वैशाली जिले के पातेपुर थाना के मुकुंदपुर गांव के निवासी व वर्तमान में बैरिया जगदंबा नगर में रह रहे सोनू कुमार व करजा थाना के प्रतापपुर गांव के शिवम उर्फ शुभम उसे बहला-फुसला कर अपने घर ले गए। वहां उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। उसने इसका विरोध करते हुए शोर मचाया। अगले दिन वह बैरिया बस स्टैंड पहुंची और पुलिस उसे अहियापुर थाना ले आई। उसके बयान पर 13 मार्च को अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। घटना से संबंधित साक्ष्यों की फारेंसिक जांच के लिए पुलिस ने 25 अप्रैल को एफएसएल गन्नीपुर भेजा था। वहीं, सदर अस्पताल में पीड़िता की मेडिकल जांच कराई। पुलिस ने दोनों आरोपितों के विरुद्ध सात मई को विशेष पॉक्सो कोर्ट संख्या एक में चार्जशीट दाखिल की। जांच रिपोर्ट के बिना दाखिल चार्जशीट को विशेष कोर्ट ने अपूर्ण माना। मामले की सुनवाई रुकी हुई है।
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