विश्वविद्यालय कर्मियों को समय पर वेतन नहीं, आठ साल से प्रमोशन भी बंद
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों के कर्मचारी समय पर वेतन और प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। आठ साल से प्रमोशन नहीं मिला है और कई कर्मचारी बकाया वेतन के कारण आर्थिक संकट में हैं। विवि प्रशासन...
मुजफ्फरपुर। कर्मचारियों के कंधों पर जिम्मेवारी ज्यादा, लेकिन उनकी दुश्वारी पर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। हाल यह है कि बीआरए बिहार विवि के अंगीभूत कॉलेजों में काम करने वाले नियमित कर्मचारी समय पर वेतन को तरस रहे हैं। प्रमोशन तो आठ साल से नहीं मिला है। बीआरएबीयू के 42 अंगीभूत कॉलेजों में लगभग 700 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें तृतीय श्रेणी और चतुर्थवर्गीय कर्मचारी शामिल हैं। इनका कहना है कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों का तृतीय वर्गीय कर्मचारी में प्रमोशन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं किया गया है। बीआरएबीयू प्रशासन इसमें उदासीन रवैया अपना रहा है। प्रमोशन नहीं होने से कर्मचारियों में आक्रोश और निराशा है।
इनका प्रमोशन वर्ष 2017 के बाद के बाद से नहीं हुआ है। ये कालबद्ध प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर पहल करे, ताकि कर्मचारियों की परेशानी दूर हो। बी आरएबीयू के अंगीभूत कॉलेजों में काम करने वाले नियमित कर्मचारी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका दर्द है कि विवि प्रशासन से लेकर सरकार तक उनकी बातों को नहीं सुन रही है। सरकार समय पर वेतन नहीं दे रही और विवि प्रशासन प्रमोशन। एमएसीपी का लाभ भी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार दास और प्रक्षेत्रीय मंत्री राजीव रंजन का कहना है कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के प्रमोशन में पिक एंड चूज का खेल चल रहा है। इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। वर्ष 2017 के बाद से प्रमोशन नहीं हुआ है। वर्ष 2022 से तृतीय वर्ग के एमएसीपी की प्रोन्नति बाकी है। कर्मचारी महासंघ का कहना कि विवि के पास राशि आने के बाद भी कर्मचारियों का छठे और सातवें वेतनमान का एरियर बकाया है। कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि बार-बार कहने के बाद भी सीनेट में शिक्षकेतर कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। महिला कर्मचारियों के लिए कॉलेजों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। अंगीभूत कॉलेजों के कर्मचारी काम के दबाव में भी हैं। कई वर्षों से कॉलेजों में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है।
कॉलेज में कर्मचारियों के रहने को आवास नहीं
कर्मचारियों का कहना है कि कॉलेजों में उनके रहने के लिए आवास नहीं है। जो कर्मचारी दूर-दराज से आते हैं, उन्हें दिक्कत होती है। खासकर महिला कर्मचारियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कर्मचारी राजीव ने बताया कि जो कॉलेज मुख्यालय से 40 किमी दूर हैं, उनके लिए कॉलेज में आवास नहीं हैं। इसके अलावा कॉलेजों में हमारे कार्यालय जर्जर हो चुके हैं। बरसात में इन कार्यालयों की छतों से पानी टपकता है। ऐसे में काम करना मुश्किल हो जाता है। विवि और कॉलेज प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता है। विवि प्रशासन और कॉलेज प्रशासन जल्द से जल्द जर्जर भवनों को ठीक कराए, ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा हो सके।
अनुकंपा पर नौकरी के लिए नहीं हो रही बैठक
कर्मचारियों का कहना है कि अनुकंपा पर नौकरी के लिए विवि में कई महीनों से बैठक नहीं हो रही है, इसके कारण मृत कर्मचारियों के कई आश्रित बेरोजगार बैठे हैं। नियमानुसार हर छह महीने पर अनुकंपा कमेटी की बैठक की जानी चाहिए। कर्मचारियों की शिकायत है कि उन पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर उनका तबादला कर दिया जाता है। इस पर रोक लगनी चाहिए। अगर किसी कर्मचारी पर कोई आरोप लगता है तो उसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए। बिना जांच किये किसी भी कर्मचारी पर कार्रवाई करना अनुचित है। कॉलेज और विवि प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
वेतन देर से मिलने पर लेना पड़ता है कर्ज
कर्मचारियों का कहना है कि समय पर वेतन नहीं मिलने से हमारी हालत खराब हो रही है। वेतन दो-तीन महीने पर मिलता है। तब तक इतना उधार हो जाता है कि वेतन आने के बाद सारा पैसा उधार चुकाने में ही चला जाता है। सबसे ज्यादा परेशानी उन कर्मचारियों को होती है, जिन्होंने बैंक से लोन लिया है। समय पर किस्त नहीं भरने पर उनकी ईएमआई बाउंस हो जाती है। कम वेतन पर काम करने वाले संविदा पर कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिलने पर परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। कर्मचारियों का कहना है कि विवि प्रशासन और सरकार कर्मचारियों को समय पर वेतन देने के लिए ठोस कदम उठाए।
रिटायर होने पर मिलें सभी सुविधाएं
कर्मचारी संघ के नेता निशांत शेखर ने कहा कि कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद समय पर सभी सुविधाएं विवि से मिल जाएं, ताकि उन्हें किसी भी काम के लिए भटकना न पड़े। कर्मचारी राजेश राम ने कहा कि कर्मचारियों के लिए वेतन, प्रमोशन बहुत जरूरी है। जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, उनकी पेंशन भी समय पर फिक्स कर दी जाये, ताकि उनके परिवार पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े। कर्मचारियों ने कहा कि विवि अभी रिटायर होने वाले कर्मचारियों को रिटायर होने के दिन पेंशन के कागज सौंप रहा है, लेकिन यह नियमित होते रहना चाहिए। सरकार भी समय पर पेंशन की राशि भेजे, ताकि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को कोई परेशानी न हो। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने सरकार और विवि प्रशासन से उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में सार्थक पहल करनी की मांग की है।
कर्मचारियों की समस्या के समाधान को विवि प्रशासन कर रहा काम
बीआरएबीयू के कॉलेजों के कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द ही पूरी हो जायेगी। कर्मचारियों के प्रमोशन में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी। कर्मचारियों की अन्य जो भी समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन काम कर रहा है।
-प्रो. दिनेश चंद्र राय, कुलपति, बीआरए बिहार विवि
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