आठ साल बाद डिग्री की पड़ गई 'अर्जेंट' जरूरत
बीआरएबीयू के स्नातक और पीजी छात्रों को अपनी डिग्री की अर्जेंट आवश्यकता है। छात्रों का कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए डिग्री नंबर की जरूरत है। डिप्टी कंट्रोलर ने बताया कि कई पुराने...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू से स्नातक और पीजी करने वाले छात्रों को आठ और नौ साल बाद अपनी डिग्री की अर्जेंट जरूरत पड़ गई है। सैकड़ों की संख्या में छात्र बिहार विवि में अर्जेंट डिग्री के लिए आवेदन दे रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए डिग्री नंबर की जरूरत है और बिना डिग्री मिले उन्हें डिग्री नंबर की जानकारी नहीं मिल सकती है। हर दिन अर्जेट डिग्री के लिए छात्र आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं। डिप्टी कंट्रोलर डॉ. रेणु बाला का कहना है कि अर्जेंट डिग्री के लिए काफी वर्ष पुराने विद्यार्थी आ रहे हैं।
किसी भी डिग्री को तैयार होने में समय लगता और आवेदक तुरंत हाथों हाथ डिग्री चाहते हैं। बिहार विवि में अर्जेंट डिग्री के लिए भी नियम बदला गया है। विवि के कर्मियों का कहना है कि अर्जेंट डिग्री का आवेदन लेकर आने वाले छात्र काउंटर पर जमा करने के अगले दिन ही डिग्री लेने पहुंच जा रहे हैं। बिहार विवि में अभी पहले से जिन छात्रों ने डिग्री के लिए आवेदन किया है उनकी डिग्री छपने के लिए भेजी जा रही है। अर्जेंट डिग्री भी कालेज ही भेजी जाएगी नये परीक्षा नियंत्रक प्रो. राम कुमार अर्जेंट डिग्री भी कॉलेज में ही भेजने की बात कही है। पहले अर्जेंट डिग्री विवि से छात्रों से मिल जाती थी, लेकिन कई बार डिस्पैच नंबर पर वह नहीं चढ़ पाता था, जिससे डिग्री का रिकार्ड विवि में नहीं रहता था। बिहार विवि में पुरानी कई डिग्रियों के डिस्पैच के रिकार्ड नहीं मिल रहे हैं।
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