विश्वविद्यालयों में तैयार होंगे किफायती सीसीटीवी कैमरे
बीआरएबीयू सहित सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों के द्वारा किफायती दरों पर सीसीटीवी कैमरे बनवाए जाएंगे। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र भेजा है। हैकेथॉन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नए...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू समेत देश के सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों से किफायती दरों पर सीसीटीवी कैमरे बनवाये जायेंगे। ये कैमरे पुलिस की जांच में मदद के काम आयेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो के सहयोग के लिए यह पहल की है। यूजीसी ने इस बारे में सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेज दिया है। पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की शाखा पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो पूरे देश में आपराधिक घटनाओं की जांच के लिए तकनीक आधारित पद्धति अपनाने जा रही है। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अहम है। इसलिए विश्वविद्यालय अपने छात्रों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल करें।
इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. संजय कुमार का कहना है कि कुलपति के आदेश के बाद विभाग में सीसीटीवी कैमरे बनवाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। हैकेथॉन में शामिल होने को कराना होगा रजिस्ट्रेशन सीसीटीवी बनाने के लिए यूजीसी और पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो विश्वविद्यालयों में हैकेथॉन कराने जा रहा है। इस हैकेथॉन में सभी विश्वविद्यालयों को शामिल होना है। इसमें शामिल होने के लिए 28 जून रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन है। हैकेथॉन में छात्रों को सीसीटीवी कैमरे किफायती दरों पर कैसे बनाये जायें, इसके बारे में बताया जायेगा। नई तकनीक विकसित करने पर होगी चर्चा यूजीसी का कहना है कि हैकेथॉन में सीसीटीवी कैमरे बनाने की नई तकनीक विकसित करने पर भी चर्चा की जायेगी। सीसीटीवी कैमरे को लेकर स्टार्टअप के लिए भी छात्रों को प्रेरित किया जायेगा। यूजीसी ने कहा है कि विश्वविद्यालय और कॉलेज अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज और अन्य माध्यमों के जरिये इस हैकेथॉन के बारे में छात्रों को जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक छात्र इस हैकेथॉन में शामिल हो सकें। डिजिटल सुरक्षा के लिए कारगर होगा हैकेथॉन यूजीसी का कहना है कि यह हैकेथॉन डिजिटल सुरक्षा के लिए काफी कारगर होगा। इसमें सीसीटीवी के कई नये प्रकार भी सामने आयेंगे। नये प्रकार सामने आने से पुलिस को आपराधिक मामलों की जांच करने में आसानी होगी। हैकेथॉन का उद्देश्य है कि स्थानीय स्तर पर छात्र सीसीटीवी कैमरे को बना सकें ताकि जरूरत के हिसाब कैमरे पुलिस को उपलब्ध हो सकें। इसके अलावा अपने देश में जो संसाधन उपलब्ध हैं, उसके हिसाब से सीसीटीवी कैमरे का निर्माण हो सकेगा।
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