Hindi NewsBihar NewsMunger NewsNursing Shortage in Munger Hospital Causes Emergency Ward Crisis

मॉडल अस्पताल: प्रशिक्षु जीएनएम छात्र के भरोसे सदर अस्पताल में मरीजों का सुई-स्लाइन

मुंगेर के सदर अस्पताल में 50 जीएनएम पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 35 कार्यरत हैं। जीएनएम की कमी के कारण इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को इलाज में परेशानी हो रही है। प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को ड्यूटी पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरTue, 17 June 2025 02:37 AM
share Share
Follow Us on
मॉडल अस्पताल: प्रशिक्षु जीएनएम छात्र के भरोसे सदर अस्पताल में मरीजों का सुई-स्लाइन

मुंगेर, निज संवाददाता । सदर अस्पताल में जीएनएम का 50 पद स्वीकृत है। परंतु स्वीकृत पद के विरूद्ध मात्र 35 जीएनएम ही कार्यरत है। इन 35 जीएनएम को अस्पताल के विभिन्न वार्ड में तीनों शिफ्ट में डयूटी लगाई गई है। जीएनएम की कमी के कारण दो-तीन वार्ड मिलाकर एक जीएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। जीएनएम की कमी के कारण खासकर प्रसव वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जीएनएम की कमी के बावत उपाधीक्षक के अनुरोध और सिविल सर्जन के आदेश पर जीएनएम स्कूल की प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं की ड्यूटी सभी जगह लगाई गई है।

सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, ओपीडी के वाइटल जांच डेस्क, पैथोलॉजी जांच घर, रक्त संग्रह केन्द्र, दवा वितरण काउंटर के अलावा इण्डोर पुरूष व महिला वार्ड, एसएनसीयू वार्ड, एनआरसी वार्ड, सहित अन्य वार्ड में प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं की ड्यूटी लगाई गई है। जो मरीजों को सुई-स्लाइन लगाते हैं। इसके अलावा पैथोलॉजी जांच केन्द्र स्थित रक्त संग्रहण केन्द्र में सैंपल कलेक्ट भी करते हैं। परंतु ईवनिंग शिफ्ट में प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं 2बजे की बजाय 2.30 बजे पहुंचते हैं तथा शाम 5.30 बजे तक चले जाते हैं। जबकि इवनिंग शिफ्ट रात्रि 8 बजे तक संचालित होता है। ऐसे में खासकर इमरजेंसी वार्ड जहां हमेशा गंभीर मरीज पहुंचते हैं। शाम में अचानक एक से अधि गंभीर मरीज के पहुंचने पर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ---- इमरजेंसी वार्ड में 2जीएनएम की ड्यूटी इमरजेंसी जैसे संवेदनशील वार्ड में मात्र 2 जीएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। जहां रविवार को और प्रतिदिन इवनिंग शिफ्ट में 5.30 के बाद प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं नहीं रहते हैं। ऐसे में एक से अधिक गंभीर मरीज पहुंचने पर ड्यूटी करने वाली जीएनएम के समक्ष यह परेशानी उत्पन्न हो जाती है कि वह मरीजों का इलाज करे, घायल मरीज का ड्रेसिंग व मरहम पट्टी करे कि पेपर वर्क करे। इमरजेंसी वार्ड में जीएनएम की कमी के कारण हो रही परेशानी से नोडल पदाधिकारी द्वारा उपाधीक्षक को अवगत कराया गया है। लेकिन कोई निदान नहीं निकल पाया है। ---- प्रतिनियोजन समाप्त किए जाने पर ज्यादा परेशानी विभाग के आदेश पर पिछले माह सिविल सर्जन द्वारा सदर अस्पताल में प्रतिनियोजित सभी जीएनएम का प्रतिनियोजन समाप्त कर मूल पदस्थापित स्थान पर भेज दिया गया। इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में घायल मरीजों का इलाज व सुई-स्लाइन तथा ड्रेसिंग करने वाले प्राइवेट पारा मेडिकल कर्मियों को भी विभाग के निर्देश पर सेवा से हटा दिया गया। ऐसे में खासकर शाम के समय मात्र 2 जीएनएम के भरोसे इमरजेंसी वार्ड और प्रसव वार्ड में मरीजों का सुई-स्लाइन व ड्रेसिंग में परेशानी होती है। ---- बोले सिविल सर्जन सदर अस्पताल में जीएनएम की कमी से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया गया है। विभाग के निर्देश पर जीएनएम को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त भी नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सहयोग के लिए प्रशिक्षु जीएनएम छात्र-छात्राओं को लगाया गया है। विभाग द्वारा जीएनएम का पदस्थापन सदर अस्पताल में होने के बाद समस्या का समाधान स्वत: हो जाएगा। -डा.राम प्रवेश प्रसाद, सिविल सर्जन, मुंगेर।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें