भागवत पुराण का पाठ और श्रवण से मिलता है मोक्ष: संत कोशिक भाई भट्ट
जमालपुर में श्री देवी भागवत पुराण का आयोजन किया गया, जिसमें देवी दुर्गा की महिमा और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया। ज्ञानी संत कौशिक भाई भट्ट ने बताया कि यह पुराण देवी शक्ति का प्रतीक है और...

जमालपुर। निज प्रतिनिधि श्री देवी भागवत पुराण यानि देवी भागवत हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। यह पुराण देवी के महत्व और शक्ति को समर्पित है। इसमें देवी दुर्गा को ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति और निर्माता के रूप में दर्शायी गयी। यह पुराण देवी की महिमा, उनके विभिन्न रूपों, उनकी पूजा-अर्चना, और उनसे संबंधित कथाओं का वर्णन करता है। यह बातें गुजरात से आए ज्ञानी संत कौशिक भाई भट्ट ने शुक्रवार को श्रीश्री 108 महामाया शक्तिधात मंदिर की तृतीय स्थापना दिवस पर आयोजित 9 दिवसीय श्री देवी भागवत पुराण के दूसरे दिन प्रवचन देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि श्री देवी भागवत पुराण देवी शक्ति का प्रतीक है।
ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति और निर्माता के रूप में स्थापित है। उन्होंने कहा कि पुराण में देवी दुर्गा के विभिन्न अवतारों, उनकी शक्तियों और उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों की कथाएं हैं, जिसका श्रवण करना चाहिए। इससे जहां देवी की उपासना, भक्ति, और ज्ञान के मार्ग पर चलने की शिक्षा देती है, वहीं श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति होती है। इधर, दूसरे दिन कथा में यजमान में माधव व पूजा मसकारा तथा गोपाल व मोना अग्रवाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की। मौके पर मंत्री गिरधर संघई, योगेश अग्रवाल, राजकुमार शर्मा, जयशंकर शर्मा, दिनेश जोशी, योगेश अग्रवाल, संदीप मेहारिया, रीतेश गर्ग, शेखर जलान, सुनील जलान, पुरुषोत्तम, राजू मेहारिया, विशाल, अंकित, श्याम शाह, अर्पिता टोला, आशीष शाह सहित अन्य मौजूद थे।
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