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जलजमाव व गंदगी से बढ़ी लोगों की परेशानी, वार्ड में फॉगिंग की दरकार

बड़ा बरियारपुर मोहल्ला, नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 44 में, विकास की कमी से जूझ रहा है। यहां की 7000 की आबादी में अधिकांश महादलित परिवार हैं। संकरी गलियों, खराब नालियों, और स्वच्छ पेयजल की अनुपलब्धता के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSat, 28 June 2025 10:44 PM
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जलजमाव व गंदगी से बढ़ी लोगों की परेशानी, वार्ड में फॉगिंग की दरकार

नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 44 का बड़ा बरियारपुर मोहल्ला आज भी विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ है। करीब 7000 की आबादी और 4000 मतदाताओं वाला यह वार्ड मात्र एक से डेढ़ किमी के दायरे में सिमटा है। करीब 80 फीसदी आबादी महादलित परिवारों की है। बिनोद पासवान, जयशंकर पासवान, दीपक पासवान, प्रभावती देवी व जग राम आदि का कहना है कि मोहल्ले के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। विशेष रूप से महादलित परिवार इन समस्याओं से और भी अधिक प्रभावित हैं। बड़ा बरियारपुर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक संकरी गलियां हैं।

आबादी अधिक और क्षेत्रफल कम होने के कारण मोहल्ले की अधिकतर सड़कों की चौड़ाई मात्र चार से आठ फीट है। इस कारण गलियों में चारपहिया वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाती है। किसी भी आपात स्थिति में, चाहे वह मेडिकल इमरजेंसी हो या कोई और, मोहल्ले के निवासियों को पैदल ही मुख्य सड़क तक आना पड़ता है। यह स्थिति तब और विकट हो जाती है जब किसी बीमार व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जाना होता है। कई गलियों में आज भी कच्ची सड़कें हैं, जो बरसात के दिनों में कीचड़ और जलजमाव से परेशानी का सबब बन जाती है। धूल और मिट्टी के कारण सांस संबंधी बीमारी बढ़ रही है। बारिश में फिसलन से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। जाम नालियों से जलनिकासी में समस्या : संकरी सड़कों के साथ-साथ वार्ड की नालियां भी एक गंभीर समस्या हैं। अधिकतर नालों की चौड़ाई कम है, इसके चलते वे अक्सर जाम रहते हैं। सुशीला देवी, ललन पासवान, नरेश पासवान व वासुदेव राम कहते हैं कि नालों पर स्लैब नहीं होने से उनकी सफाई संभव नहीं है। नतीजतन, नालियों का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता रहता है, और सालोभर जलभराव की स्थिति बनी रहती है। जलजमाव के कारण मच्छरों का प्रकोप अत्यधिक बढ़ गया है, इससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है। जलजमाव और गंदगी के कारण पेट व त्वचा संबंधी बीमारी के मामले बढ़े हैं। मोहल्ले में कचरे के ढेर और गंदगी का अंबार लगा है। स्वच्छ पेयजल का संकट : गोलू कुमार, लालमती देवी, फुलझड़ी देवी, मंशा देवी व हृदय पासवान ने बताया कि नल-जल योजना वार्ड में फेल है। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए पांच जगहों पर पानी की टंकी लगाई गई थी, लेकिन उनमें से एक भी चालू नहीं है। कहीं मोटर खराब है, तो कहीं पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है। मोहल्ले के लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर निर्भर है। पानी की कमी के कारण सफाई भी प्रभावित होती है, इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और बढ़ जाती हैं। योजना के तहत लगाए गए उपकरण घटिया गुणवत्ता के थे, जो रखरखाव के अभाव में जल्द ही खराब हो गए। बीमार पड़ रहे लोग : जयशंकर पासवान, दीपक पासवान, हृदय पासवान व वासुदेव राम ने कहा कि वार्ड में फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे रात में सोना मुश्किल हो जाता है। मच्छरों के काटने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि हो रही है। बड़ी संख्या में लोग बुखार, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। 

प्रस्तुति : दिलीप कुमार दुबे / विजय कुमार सिंह 

मोहल्ले में अबतक नहीं लगी स्ट्रीट लाइट, भय का माहौल

 विनोद पासवान, सुग्गी देवी, प्रियंका देवी व जग राम कहते हैं कि बड़ा बरियारपुर मोहल्ले की गलियों में आज तक स्ट्रीट लाइट नहीं लग पायी है। सूर्यास्त के बाद पूरा मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है। इस घने अंधेरे के कारण लोगों में असुरक्षा और भय का माहौल बना रहता है। रात में चोरी और छिनतई की घटनाओं का डर हमेशा बना रहता है। बच्चों और महिलाओं के लिए रात में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इनका कहना है कि नगर प्रशासन से कई बार स्ट्रीट लाइट लगवाने की गुहार लगाई, पर आजतक वार्ड में स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। अंधेरे में आने-जाने वाले लोगों को गिरने का डर रहता है। 

वार्ड में नाला युक्त चार पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है। कई गलियों में आरसीसी नाला का निर्माण प्रस्तावित है। वहीं वार्ड में चार पीसीसी सड़क व नाला निर्माण भी प्रस्तावित है। स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए निगम की बैठक में प्रस्ताव रखा गया है। पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। वार्ड में दो जगहों पर सार्वजनिक शौचालय निर्माण का प्रस्ताव है। चार आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। नए वार्ड में अपेक्षा के अनुरूप फंड नहीं मिलने से विकास की गति धीमी है। 

रानी कुमारी, पार्षद, वार्ड 44

 सुझाव

 1. वार्ड की संकरी गलियों को चरणबद्ध तरीके से चौड़ा किया जाए और कच्ची सड़कों को पक्का बनायी जाए। 

2. नालों की चौड़ाई बढ़ाई जाए, उन पर स्लैब डाले जाएं और नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। इससे जलजमाव खत्म होगा।

 3. खराब पड़ी पानी की पांच टंकियों और पाइपलाइनों की मरम्मत कर नल-जल योजना को तुरंत चालू किया जाए। 

4. वार्ड की सभी गलियों में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। इससे रात का अंधेरा खत्म होगा और आवाजाही सुरक्षित होगी। 

5. मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए नियमित रूप से फॉगिंग कराई जाए। अभियान चलाकर गंदगी का निपटारा किया जाए। 

शिकायतें 

1. वार्ड की गलियां संकरी हैं, चारपहिया वाहन नहीं जा पाते, इससे लोगों को पैदल ही मुख्य सड़क तक आना पड़ता है। 

2. नालियां संकरी व बिना स्लैब की होने से अक्सर जाम रहती हैं। नाले का पानी सड़क पर बहता है व जलजमाव रहता है। 

3. वार्ड में नल-जल योजना फेल है। पानी की टंकियां खराब पड़ी हैं। लोगों को स्वच्छ पेयजल के लिए भटकना पड़ता है।

 4. मोहल्ला की गलियों में स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रातभर अंधेरा रहता है। इससे लोगों में चोरी-छिनतई का डर बना रहता है।

 5. फॉगिंग न होने से मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है।

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