ट्रैफिक नियमों की अनदेखी व कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रही लोगों की परेशानी
मोतिहारी में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए आठ प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई हैं। हालांकि, इन लाइटों के लगने के बाद भी जाम की समस्या बढ़ गई है। लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं,...
ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने व यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के उद्देश्य से हाल ही में शहर के बरियारपुर जीरो माइल, कचहरी चौक, अस्पताल चौक, गायत्री मंदिर, मीना बाजार, छतौनी चौक, अवधेश चौक व कुंआरी देवी चौक सहित आठ प्रमुख चौराहे पर ट्रैफिक लाइट लगाई गयी हैं। इससे उम्मीद थी कि यातायात व्यवस्था सुगम होगी लेकिन अभी तक इसका परिणाम विपरीत आ रहा है। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक लाइट लगने के बाद से कई इलाकों में जाम की समस्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। इसके कारण आमजनों की परेशानी पहले से अधिक बढ़ गयी है। संजय कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, सचिन, अभिषेक कुमार, धीरज कुमार, झुनझुन सिंह, उपेन्द्र मुखिया व सुधीर कुमार कहते हैं कि मोतिहारी में जाम की समस्या ने कुछ खास क्षेत्रों को अपनी गिरफ्त में ले रखा है, जहां हर दिन जाम लगता है।
भीषण गर्मी में जाम में फंसने से लोग परेशान होते जा रहे हैं। इन जगहों पर लग रहा सबसे अधिक जाम:संजय कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, सचिन, अभिषेक कुमार, धीरज कुमार, झुनझुन सिंह, उपेन्द्र मुखिया, सुधीर कुमार कहते हैं कि कचहरी चौक, अस्पताल चौक, गायत्री मंदिर चौक, मीना बाजार व छतौनी चौक मोतिहारी का सबसे व्यस्त चौराहा है। यहां पर ट्रैफिक लाइट लगने के बाद वाहनों का जमावड़ा और भी बढ़ गया है। वाहनों की बेतरतीब पार्किंग, ई-रिक्शा, ठेले वालों का अतिक्रमण और ट्रैफिक सिग्नल पर लोगों द्वारा धैर्य खोना, ये सब मिलकर यहां भीषण जाम का कारण बनते हैं। सुबह और शाम के व्यस्त घंटों में तो यहां से निकलना दूभर हो गया है। इन सभी जगहों पर ट्रैफिक लाइटें तो लगी हैं, लेकिन ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जाम को और बढ़ा रही है। इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। नियमों की अनदेखी बनी गंभीर समस्या:अरुण सिंह, अरविंद कुमार, नवल ठाकुर, प्रणव कुमार, रामप्रवेश पटेल, रवि कुमार, रवि शंकर सिंह व संजीव कुमार कहते हैं कि शहर में जाम की समस्या का सबसे बड़ा कारण ट्रैफिक नियमों की खुलेआम अनदेखी है। दुर्भाग्यवश, शहर में ट्रैफिक लाइट लगने के बावजूद, वाहन चालक, विशेषकर बाइक सवार और ई-रिक्शा चालक, इन नियमों की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। रेड सिग्नल होने पर भी कई वाहन चालक बिना परवाह किए सिग्नल जंप कर जाते हैं, इससे विपरीत दिशा से आ रहे वाहनों से टक्कर की संभावना बढ़ जाती है। यह न केवल जाम को बढ़ाता है बल्कि गंभीर दुर्घटनाओं का कारण भी बन सकता है। इनका कहना है कि रेड सिग्नल होने पर अक्सर देखा जा रहा है कि वाहन चालक सही लेन में रुकने के बजाय, दूसरी लेन में अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। इससे सीधी जाने वाली लेन भी अवरुद्ध हो जाती है। यह ट्रैफिक बुरी तरह बाधित कर रहा है और जाम की समस्या को बढ़ा रहा है। कई बाइक सवार और ई-रिक्शा चालक ट्रैफिक सिग्नल पर भी ओवरटेकिंग करने की कोशिश करते हैं, इससे ट्रैफिक और अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसके अलावा, सवारी उतारने या चढ़ाने के लिए बीच सड़क में रुक जाना भी जाम का एक प्रमुख कारण है। इसके निदान के लिए आवश्यक कदम उठाया जाना जरूरी है। जहां ट्रैफिक लाइट लगा है वहां नियम का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। - प्रस्तुति : दिलीप कुमार दुबे/विनीत --चालान नहीं कटने से बढ़ रही नियम तोड़ने की प्रवृत्ति-- संजय कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, सचिन, अभिषेक कुमार, धीरज कुमार, झुनझुन सिंह, उपेन्द्र मुखिया, सुधीर कुमार कहते हैं कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी का यह एक बड़ा कारण है। शहर में ट्रैफिक सिग्नल जंप करने वालों का चालान काटने वाले पुलिसकर्मी या ट्रैफिककर्मी उदासीन दिख रहे हैं। यह स्थिति नियम तोड़ने वालों को और अधिक दुस्साहसी बना रही है। जब लोगों को यह पता होता है कि नियम तोड़ने पर उन्हें कोई दंड नहीं मिलेगा, तो वे बेझिझक नियमों की अवहेलना करते हैं। इसका प्रभावी क्रियान्वयन होना जरूरी है। --लोगों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। ट्रैफिक सिग्नल जंप कर अपने व दूसरों के जीवन को संकट में नहीं डालें। ट्रैफिक सिग्नल रेड होने पर अपने लेन में वाहन लगाएं। नियमों की अनदेखी करनेवालों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। फिलहाल शहर में ट्रायल बेसिस पर ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। सभी जगहों पर जेब्रा कॉसिंग सहित अन्य साइन लगाने के लिए प्रपोजल भेजा गया है। एक ट्रैफिक सिग्नल से दूसरे तक टाइमिंग भी सेट किया जा रहा है। - नवल किशोर, डीएसपी, साइबर थाना --सुझाव 1.ट्रैफिक सिग्नल जंप करने वाले, गलत लेन में खड़े होने वाले और ओवरटेक करने वाले वाहनों का तत्काल चालान काटा जाए। 2. ट्रैफिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाए व प्रशिक्षण दिया जाए। 3. चालान काटने के लिए मैनुअल तरीके के साथ सीसीटीवी कैमरों और स्वचालित नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम का उपयोग हो। 4. लोगों को ट्रैफिक नियमों के महत्व और उनके पालन से होने वाले लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चले। 5. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़कों का चौड़ीकरण, फुटपाथों का निर्माण और पार्किंग स्थलों का विकास किया जाए। --शिकायतें 1. आम जनता को ट्रैफिक नियमों और उनके पालन के महत्व के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। 2. शहर में सड़कों की चौड़ाई और पार्किंग सुविधाओं की कमी है। ट्रैफिक लाइट तो लग गईं, लेकिन सड़कों का विस्तार नहीं हुआ। 3. ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की तरफ से नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर उचित कार्रवाई नहीं हो रही है। 4. शहर में ई-रिक्शा और ऑटो की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। वे कहीं भी रुककर सवारी बैठाते-उतारते हैं, इससे जाम लगता है। 5. ट्रैफिक जाम की समस्या वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और नागरिकों के तनाव का भी बड़ा कारण बन गया है।
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