सुभाष पार्क में गंदगी व अतिक्रमण शाम में बन जाता शराबियों का अड्डा
मोतिहारी के सुभाष पार्क की पहचान खो चुकी है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यहां नेताजी ने संबोधित किया था, लेकिन अब यह पार्क कचरे और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को...

मोतिहारी शहर के व्यस्ततम मीना बाजार, गांधी चौक के समीप स्थित ऐतिहासिक सुभाष पार्क की कभी अपनी अलग पहचान थी। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यहां लोगों को संबोधित किया था। आज यह पार्क पूरी तरह उपेक्षित है। सुभाष पार्क उन चुनिंदा स्थानों में से एक था जहां लोग सुबह की सैर, शाम की ताज़ी हवा और बच्चों के खेलने के लिए आते थे। यहां लगे झूले और हरियाली बच्चों को आकर्षित करती थी। बड़े-बुजुर्ग शांति से बैठकर अपना समय बिताते थे लेकिन, आज इस पार्क की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। यहां आनेवाले लोगों का कहना है कि पार्क के अंदर कदम रखते ही निराशाजनक माहौल सामने आता है।
चारों तरफ बिखरा हुआ कचरा, प्लास्टिक की थैलियां, शराब की बोतलें और पान-गुटखे की पीके इसकी बदहाली की कहानी बयां करती हैं। पार्क में लगे पेड़-पौधे भी रखरखाव के अभाव में सूख रहे हैं। बैठने के लिए बनाई गई बेंचें या तो टूट गई हैं या उन पर इतनी धूल पड़ी है कि कोई बैठना पसंद नहीं करता। बच्चों के झूले और खेल उपकरण कहां गायब हो गए किसी को पता नहीं। इसकी देखभाल पर कोई ध्यान नहीं देता है। शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का होता है जमावड़ा:देवप्रिय मुखर्जी, नवनील चक्रवर्ती, ओमप्रकाश गुप्ता, समीर दास, सुधांशु सिंह, विकास चन्द्र दास, सुमित कुमार व रंजन दास बताते हैं कि सुभाष पार्क की सबसे गंभीर समस्या असामाजिक तत्वों का बढ़ता जमावड़ा है। दिन ढलते ही पार्क में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। पार्क के दक्षिणी कोने और झाड़ियों के पीछे शराबियों का डेरा जम जाता है। शराब की खाली बोतलें और डिस्पोजल ग्लास पार्क में जगह-जगह बिखरे मिलते हैं। लोगों के अनुसार, पार्क के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर शाम होते ही शराबियों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हो जाता है, जिससे उस रास्ते से पार्क के अंदर आने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इसका सबसे बुरा प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है। पार्क में घूमने आने वाली महिलाएं, जो कभी ताज़ी हवा लेने या शाम की सैर के लिए इस पार्क में आती थीं, अब खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा राह चलती महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं। जिसके कारण महिलाओं ने पार्क में आना पूरी तरह बंद कर दिया है। बच्चों के लिए भी यह जगह अब खेलने लायक नहीं रही, क्योंकि उन्हें ऐसे माहौल में रहने से रोकना उनके अभिभावकों की मजबूरी बन गई है। पार्क में अक्सर देर रात तक शराबी हुड़दंग मचाये रहते है, जिसके चलते स्थानीय लोगों व दुकानदारों की शांति भंग होती है। दोनों प्रवेश द्वारों पर सज जाती हैं दुकानें :अर्पण कुमार, अर्जुन कुमार, राहुल केसरी, अजित कुमार, उमेश कुमार, अमरेन्द्र सिंह, साजिद रजा व सतीश कुमार कहते है कि सुभाष पार्क गंभीर अतिक्रमण की समस्या सेजूझ रहा है। पार्क के पूर्वी भाग में स्थित मुख्य प्रवेश द्वार और दक्षिणी प्रवेश द्वार, दोनों ही पूरी तरह से पार्क अतिक्रमण की वजह से ओझल हो चुका हैं। दोनों प्रवेश द्वारों पर सुबह से ही अस्थाई दुकानें सज जाती हैं, जिससे पार्क में प्रवेश करना भी मुश्किल हो जाता है। पार्क के पूर्वी भाग बाजार रोड तरफ तो कुछ दुकानदारों ने स्थाई कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमण की वजह से पार्क के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
प्रस्तुति : दिलीप कुमार दुबे/विजय कुमार सिंह
महात्मा गांधी की प्रतिमा के बगल में सजती हैं मीट की दुकानें
मीना बाजार चौराहे पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के ठीक बगल में मीट और भूंजा की दुकानें सजती हैं। राकेश कुमार, संजय सिंह, सचिन, मनोज कुमार व आलोक कुमार कहते हैं कि शहर के प्रबुद्धजनों और गांधीवादी विचारधारा के लोगों में इससे गहरी नाराजगी है। गांधी जी, जो सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के प्रतीक थे, उनकी प्रतिमा के पास ऐसी गंदगी फैलाने वाली और आपत्तिजनक दुकानें लगाना उनके सिद्धांतों का अपमान है। इन दुकानों से निकलने वाला धुआं, तेल की गंध और कचरा पूरे इलाके में फैल जाता है, जिससे आसपास के निवासियों और राहगीरों को भारी परेशानी होती है।
शहर के मीना बाजार गांधी चौक के पास स्थित सुभाष पार्क के बीच में विशाल चबूतरा का निर्माण कराया जा है। चबूतरा निर्माण के उपरांत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भब्य व विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास ऐच्छिक योजना से पार्क का जीर्णोद्धार किया जाएगा। पार्क का सौंदर्यीकरण कर पाथवे का निर्माण कराया जाएगा। वन विभाग से बात कर पार्क में पौधरोपण कराया जाएगा। पार्क के पिछले हिस्से में शौचालय व यूरिनल का निर्माण कराया जाएगा।
-डॉ.लालबाबू प्रसाद, उपमहापौर,नगर निगम मोतिहारी
सुझाव
1. पार्क की दैनिक सफाई सुनिश्चित हो। पर्याप्त कूड़ेदान लगे। नए पौधे तथा फूल लगाकर पार्क को आकर्षक बनाया जाए।
2. शाम को पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और आवश्यकतानुसार सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएं। असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो।
3. पार्क के प्रवेश द्वारों से सभी अवैध दुकानें हटाई जाएं। गांधी प्रतिमा के आसपास से मीट-भूंजा की दुकानें भी हटाई जाएं।
4. पार्क के सामने व प्रवेश द्वार से अतिक्रमण हटाया जाए तथा अतिक्रमण रोकने के लिए दीर्घकालिक निगरानी व्यवस्था बने।
5. पार्क के अंदर व बाहर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो, ताकि अंधेरा न रहे। टूटी बेंचों, झूलों की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
शिकायतें
1. शाम होते ही पार्क शराबियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है, जिससे महिलाओं व बच्चों को असुरक्षा महसूस होती है।
2. पार्क में चारों तरफ कचरा फैला रहता है। नियमित सफाई व रखरखाव न होने से पार्क का सौंदर्य समाप्त हो रहा है।
3. पार्क के प्रवेश द्वार अवैध दुकानों से घिर चुके हैं, जिससे रास्ता बाधित होता है। अतिक्रमण से पार्क अपनी सुंदरता खो चुका है।
4. पार्क और उसके आसपास महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए यहां पुलिस की गश्ती नहीं के बराबर होती है।
5. पार्क के जीर्णोद्धार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संसाधन व सुविधाओं का अभाव चिंता का विषय बनी हुई है।
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