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जांच में मिली नकली दवाएं, बिक्री पर लगाई रोक

मोतिहारी में नकली दवाओं का फिर से खुलासा हुआ है। आयरन बढ़ाने की दवा सहित कई अन्य दवाएं नकली पाई गईं। विभाग ने जांच के दौरान करीब 50 लाख की बिना बिल की दवा जब्त की। सरकार ने नकली दवा की पहचान के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSat, 28 June 2025 02:02 AM
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जांच में मिली नकली दवाएं, बिक्री पर लगाई रोक

मोतिहारी। जिला में एक बार फिर नकली दवा पकड़ी गई है। यह दवा आयरन के बढ़ाने की दवा बता कर बिकती थी। छापेमारी में इसके कई दवा दुकान में मिलने पर इसकी जांच की गई तो नकली निकली। इस दवा की बिक्री पर विभाग के द्वारा रोक लगा दी गई है। इससे पहले भी गैस्ट्रिक की दवा पेंटी 40 और एंटीबायोटिक 625 अल्केन दवा कम्पनी फर्जी बैच नंबर की दवा दुकान में पकड़ी गई थी। जिसे जब्त कर बिक्री पर रोक लगाई गई थी। तीन माह में जब्त की गयी है पचास लाख की दवा : बताते हैं कि इन तीन महीने में इस नकली दवा सहित बगैर बिल की करीब पचास लाख की दवा जब्त की गई है।

दो दर्जन से अधिक दवा की दुकान पर कोर्ट में केस भी किया गया है। विभागीय सूत्र के अनुसार, इस महीने दवा दुकान की जांच के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा जारी क्यूआर कोड नंबर से मिलाने के दौरान कई लाइसेंसी दवा की दुकान में मैकिलियोडस कम्पनी की आरोफर एफसीएम नामक दवा का मिलान नहीं होने पर जांच के लिए पटना लैब भेजा गया तो नकली पाई गई। इससे पहले भी अल्केन दवा कम्पनी के बैच नंबर से पेंटी 40 और एंटीबायोटिक 625 जाली बैच नंबर डाल कर बेचते पकड़ा गया। इसकी जांच चल रही है। नकली दवा की पहचान के लिए सरकार ने जारी किया क्यूआर कोड: नकली दवा की पहचान के लिए सरकार ने करीब तीन सौ दवाओं का क्यूआर कोड जारी किया है। कोई भी ग्राहक दवा खरीदने के बाद दवा पर लिखे क्यूआर कोड का अपने मोबाइल से मिलान कर सकता है। यह कोड नकली दवा या फिर बगैर बैच नंबर के या किसी ब्रांडेड कंपनी के नाम पर जाली बैच नंबर डाल कर बेचने वाले दवा दुकानदार की है या नहीं। बताते हैं कि उत्तर प्रदेश ,पटना सहित पूर्वी चंपारण में लगातार दवा कंपनी के जाली बैच नंबर की दवा के साथ बगैर बिल की दवा पकड़े जाने के बाद सरकार ने एक बार कोड जारी किया है। इस बार कोड से नकली दवा की पहचान की जा सकती है। जिला में पांच हजार से अधिक बगैर लाइसेंस की दवा का संचालन: बताया जाता है कि जिला में पांच हजार से अधिक बगैर लाइसेंस की दवा का संचालन होता है। इन दवा की दुकान में कतिपय होलसेलर के द्वारा बगैर बिल की लाखों की दवा सस्ती कीमत पर आपूर्ति की जा रही है। मगर इस दवा में अधिकांश दवा किसी दवा कंपनी का फर्जी बैच नंबर लगा होता है तो कुछ दवा बगैर बैच नंबर का भी होता है।जिसे कम रेट पर बगैर लाइसेंस धारक को दिया जा रहा है। इस दवा की गुणवत्ता क्या है इसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है । सीजर लिस्ट की कॉपी दुकानदार को देने की मांग इस संबंध ने दवा विक्रेता संघ ने ड्रग विभाग के द्वारा चलाए जा रहे जांच अभियान में पारदर्शिता लाने की मांग की है। सीजर लिस्ट की कॉपी उक्त दुकानदार को भी देने की मांग की है। साथ ही जांच की आड़ में लाइसेंस वाले दुकान को परेशान नहीं करने की बात कही है। संघ के सचिव ध्रुव देव नारायण सिंह व अध्यक्ष अशफाक करीम ने संयुक्त रूप से दवा दुकानदार से बगैर बिल की दवा नहीं लेने और न बेचने की अपील की है।

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