न्यायालय ने अभियुक्त को जेल भेजने से किया इंकार
सिकरहना में चोरी की बाइक के साथ पकड़े गए दो अभियुक्तों को न्यायालय ने संतोषजनक सबूत नहीं मिलने पर पीआर बॉण्ड पर छोड़ दिया। घोड़ासहन थानाध्यक्ष और परि पुअनि पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। अभियुक्तों ने...

सिकरहना। चोरी की बाइक सहित पकड़े गये दो अभियुक्तों के संदर्भ में अनुसंधानकर्ता द्वारा संतोषजनक कारण नहीं दिये जाने को न्यायालय ने गंभीरता से लिया। दोनों अभियुक्तों को जेल भेजने से इंकार करते हुए एसीजेएम, सिकरहना, न्यायालय ने बुधवार संध्या दोनों अभियुक्तों को पीआर बॉण्ड पर छोड़ दिया। मामला घोड़ासहन थाना से जुड़ा हुआ है। मामले में घोड़ासहन थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय व परि पुअनि प्रतिभा रानी पांडेय पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। घोड़ासहन के परि पुअनि ने मंगलवार को वाहन चेकिंग के दौरान रेलवे ढाला के पास से चोरी की बाइक के साथ दो व्यक्ति को पकड़ा, जिसमें नेपाल के बारा जिलान्तर्गत चिउतहां थाना क्षेत्र के हरनहिया गांव निवासी लालू मंसुरी व शकुर मंसुरी शामिल थे।
दोनों अपने एक रिश्तेदार के यहां आये थे। एफआईआर में पुलिस का कहना है कि बाइक के संबंध में कागजात की मांग की गयी तो वे लोग कागजात नहीं दिखाये। उक्त बाइक रक्सौल से चोरी हुयी थी। इसके अनुसंधानकर्ता पुअनि राजेन्द्र पासवान बनाये गये। दोनों अभियुक्तों को गुरूवार को एसीजेएम, सिकरहना के न्यायालय में पेश किया गया। लेकिन अनुसंधानकर्ता द्वारा दोनों अभियुक्त के संबंध में संतोषजनक कारण नहीं दिये जाने के कारण एससीजेएम विवेक कुमार मिश्रा ने दोनों अभियुक्तों को जेल भेजने से इंकार करते हुए पीआर बॉण्ड पर छोड़ दिया। अनुसंधानकर्ता का न्यायालय में कहना था कि थानाध्यक्ष द्वारा जबरन उनसे कागजात पर बुधवार को हस्ताक्षर कराया गया। उनके द्वारा कोई अनुसंधान नहीं किया गया है। इधर, पकड़े गये अभियुक्त का कहना था कि उनके द्वारा बाइक का कागजात दिखाया गया। लेकिन उनसे कागजात छिन लिया गया। अभियुक्त के पास से बाइक के अलावे कुछ भारतीय व नेपाली रूपये के अलावे दो मोबाइल भी बरामद किया गया। लेकिन जब्ती सूची में उसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। मामले में एसीजेएम द्वारा घोड़ासहन थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय व परि पुअनि प्रतिभा रानी पांडेय के विरूद्ध कानूनी व प्रशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। न्यायालय द्वारा की गयी कार्रवाई व गिरफ्तार व्यक्तियों को रिहा करने के आदेश की चर्चा न्यायालय में दिनभर होती रही।
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