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इंडोर स्टेडियम, रिंग और प्रोत्साहन मिले तो बॉक्सिंग में भी आएंगे मेडल

पूर्वी चंपारण में बॉक्सिंग खिलाड़ी संसाधनों के अभाव में भी अपनी मेहनत जारी रखे हुए हैं। सरकारी उपेक्षा के चलते खिलाड़ियों को स्थाई अभ्यास स्थल नहीं मिल रहा है। बॉक्सिंग एसोसिएशन खिलाड़ियों को तैयार...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीWed, 11 June 2025 11:17 PM
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इंडोर स्टेडियम, रिंग और प्रोत्साहन मिले तो बॉक्सिंग में भी आएंगे मेडल

जिले में बॉक्सिंग के खिलाड़ी लगातार पसीना बहा रहे हैं। अनुकूल परस्थितिियां नहीं होने के बावजूद खिलाड़ी अपनी प्रतिभा, मेहनत व संघर्ष की बलौलत अपनी पहचान बना रहे हैं। सरकारी उपेक्षा के बावजूद खिलाड़ी निजी एसोसिएशन के भरोसे अपनी तैयारी को धार दे रहे हैं व नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ ईस्ट चंपारण सीमित संसाधनों के बावजूद खिलाड़ियों को तलासने व तरासने में जुटा है। एसोसिएशन के सचिव पवन कुमार शरण, अध्यक्ष दीपक कश्यप, निदेशक रमेश कुमार ने बताया कि जिले भर में बॉक्सिंग के तकरीबन 200 से अधिक खिलाड़ी हैं। इसमें मोतिहारी शहर में ही तकरीबन 100 खिलाड़ी हैं।

यहां के खिलाड़ी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन व सरकार की ओर से खिलाड़ियों को कोई प्रोत्साहन व अनुदान नहीं मिलता है। यहां तक कि बॉक्सिंग के लिए सबसे जरूरी चीज रिंग की व्यवस्था नहीं हो पायी थी।

 खिलाड़ी किराए के कमरे में करते हैं अभ्यास 

 एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक कश्यप व सचिव पवन कुमार शरण ने बताया कि शहर में किक बॉक्सिंग के खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए कोई स्थाई जगह नहीं है। हाल ही में खेल भवन में अभ्यास के लिए बॉक्सिंगके खिलाड़ियों के लिए स्लॉट मिला है। मगर, यह पर्याप्त नहीं है। मजबूरन खिलाड़ियों को कभी यहां तो कभी वहां अभ्यास करना पड़ता है। शहर के शौर्य पार्क, न्यू अगरवा, नरसिंह बाबा मंदिर परिसर में खिलाड़ी अभ्यास करते दिख जाएंगे। जिले में सक्रिय बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ ईस्ट चंपारण व इससे जुड़े खिलाड़ियों को किसी भी तरह का सरकारी अनुदान नहीं मिलता है। 

खेल भवन में खिलाड़ियों को मिले नि:शुल्क प्रवेश 

 दीपक कश्यप ने कहा कि बिहार सरकार कहती है कि मेडल लेकर आइए व नौकरी पाइए। वहीं जिला प्रशासन इसपर अमल नहीं करता। जिले के एकमात्र खेल भवन में भी प्रवेश पर खिलाड़ियों से शुल्क लिया जाता है। इसे व्यापार का भवन बना दिया गया है। नियमानुसार जिला व राज्यस्तर पर खेल चुके खिलाड़ियों को खेल भवन व जिम में अभ्यास के लिए खिलाड़ियों को नि:शुल्क प्रवेश मिलना चाहिए। मगर, इस खेल भवन में अलग-अलग गेम के अभ्यास के लिए शुल्क नर्धिारित कर दिया गया है। बावजूद इसके बॉक्सिंग के खिलाड़ियों के लिए जरूरी इक्यूपमेंट व कोच का इंतजाम नहीं है। प्रशासन को खिलाड़ियों के लिए जिम को नि:शुल्क कर देना चाहिए। 

स्कूलों में धुल फांक रहा खेल उपकरण 

 रमेश कुमार, उत्सव सिंह, किसलय सिंह, रौनित कुमार, आदत्यि राज, प्रिंस कुमार, पुष्पम पराशर ने बताया कि जिले के खिलाड़ियों को संसाधन उपलब्ध नहीं है। अभ्यास के लिए एक स्थाई ग्राउंड तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में जिला के खिलाड़ी मेडल कैसे हासिल कर सकेंगे। उच्च वद्यिालयों में जिम व खेल का उपकरण लगाया गया है। यहां खेल के उपकरण धुल फांक रहे हैं। इसका समुचित लाभ वद्यिार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। इन वद्यिालयों में बहाल शारीरिक शक्षिक वज्ञिान व भाषा के विषय पढ़ा रहे हैं। इस कारण सरकारी स्कूल के खिलाड़ियों को तैयारी के लिए बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ ईस्ट चंपारण की मदद लेनी पड़ती है। एसोसिशन से जुड़कर खिलाड़ी तैयारी को अंतिम रूप दे रहे हैं। 

खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल करे प्रशासन

 खिलाड़ी रोमित राज, कार्तिक भारद्वाज, आदत्यि राज, अभिषेक कुमार, प्रिंस कुमार, पुष्पम पराशर आदि ने बताया कि खिलाड़ियों के लिए स्थाई इंडोर स्टेडियम तक नहीं है, जहां वे अपने समयानुसार अभ्यास कर सकें। एकमात्र नेहरू स्टेडियम में स्कूल संचालित हो रहा है। जिला स्कूल में नवनर्मिति इंडोर स्टेडियम को केंद्रीय वश्विवद्यिालय को सौंप दिया गया है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से खेल भवन में अभ्यास करने की बात कही गई है। मगर, यह पर्याप्त नहीं है। यहां भी खिलाड़ियों से शुल्क लेने की बात हो रही है। साथ ही बॉक्सिंग से संबंधित बॉक्सिंग रिंग, बॉक्सिंग ग्लोब्स, हेलमेट, पैड, बॉक्सिंग बैग, पंचिंग बैग आदि इक्यूपमेंट भी उपलब्ध नहीं है। शिकायतें

 1. बॉक्सिंग खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए कहीं भी स्थाई जगह नर्धिारित नहीं है। बॉक्सिंग के लिए रिंग भी शहर में कहीं नहीं है।

 2. खिलाड़ियों के लिए शहर में कार्यालय नहीं है, जहां से खिलाड़ियों को सही जानकारी हासिल हो सके। 

3. जिले के अरेराज व आदापुर में बॉक्सिंग रिंग पड़ा हुआ है। शहर में खिलाड़ी रिंग व इंडोर स्टेडियम के लिए तरस रहे हैं।

 4. खेल भवन के जिम में मेडल हासिल करनेवाले खिलाड़ियों को नि:शुल्क इंट्री नहीं मिलती है। खिलाड़ियों में मायूसी है।

 5. जिला प्रशासन की ओर से मेडल प्राप्त खिलाड़ियों को किसी तरह का प्रोत्साहन व अनुदान नहीं प्राप्त होता है। 

सुझाव:

 1. जिले में बॉक्सिंग के खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए शहर में स्थाई जगह नर्धिारित किया जाए। बॉक्सिंग रिंग भी शहर में स्थापित हो।

 2. शहर में खेल कार्यालय खोला जाए। जहां से खिलाड़ियों को सही जानकारी हासिल हो सके। अभ्यास के लिए इंडोर स्टेडियम बने।

 3. शहर में बॉक्सिंग के खिलाड़ियों के लिए रिंग का नर्मिाण आवश्यक है। जिले के अरेराज व आदापुर में बॉक्सिंग रिंग पड़ा हुआ है।

 4. खेल भवन में संचालित जिम व स्टेडियम में मेडल हासिल करनेवाले खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए नि:शुल्क इंट्री की इजाजत मिले। 

5. जिला प्रशासन की ओर से मेडल प्राप्त खिलाड़ियों को सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन व अनुदान दिए जाने की जरूरत है। 

बोले जिम्मेदार

 जिला प्रशासन बॉक्सिंग के खेल व खिलाड़ियों की बेहतरी को लेकर लगातार प्रयासरत है। बॉक्सिंग के खिलाड़ियों व खेल एसोसिएशन के लिए अच्छी जगह और बड़ा परिसर देखा जा रहा है। फिलहाल जिला प्रशासन ने खेल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत कर खेल भवन में अभ्यास के लिए जगह उपलब्ध कराया गया है। इसके लिए खिलाड़ियों से न्यूनतम शुल्क लिया जा रहा है, जिसे रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। शुभम कुमार, प्रभारी जिला खेल पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण

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