पक्की सड़क न जलजमाव से निजात पानी के लिए सुबह से मचती मारामारी
मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 31 में भच्छी गोआपोखर मोमिन टोल मोहल्ले में लगभग चार हजार लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यहाँ पानी की गंभीर कमी है, केवल एक सरकारी हैंडपंप मौजूद है जो बूंद-बूंद...
मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 31 स्थित भच्छी गोआपोखर मोमिन टोल मोहल्ले की तस्वीर विकास से कोसों दूर है। करीब चार हजार की आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। लोगों को न पीने का पानी मिल रहा है और न ही मोहल्ले में पक्की सड़क है। लोगों का कहना है कि जलनिकासी की समुचित सुविधा नहीं होने से बारिश के दिनों में काफी परेशानी होती है। यहां के अधिकतर लोगों को गंभीर पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। एकमात्र सरकारी चापाकल जवाब दे चुका है। हैंडपंप से पानी की मात्रा दिन-ब-दिन घटती जा रही है। इससे मोहल्ले में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहता है।
बस्ती के भच्छी खंड, गोआपोखर, मोमिन टोल सहित कई हिस्सों में एक साल से लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। मोहल्ले के नसीर अहमद, एकराम, सैमून निशां आदि ने बताया कि निजी स्तर पर कुछ सबमर्सेबल लगे हैं जिनसे बाहर नल लगाए गए हैं। इन नलों का समय तय होता है। ऐसे में पानी के लिए रोज महिलाओं व बच्चों की लंबी कतारें लगती हैं। पानी लेने के दौरान कभी-कभी आपस में विवाद भी हो जाता है। इससे सामाजिक तनाव बढ़ जाता है। इनका कहना है कि मोहल्ले की सड़कें और गलियां भी बदहाल हैं। नसरूद्दीन अंसारी, सब्बीर आलम आदि का कहना है कि मदरसा इसलातुल इस्लाम से सलाउद्दीन के घर तक की सड़क वर्षों से कच्ची है। बारिश में कीचड़ और सूखे में धूल से राहगीरों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। पूर्व सांसद मो. हन्नान अंसारी के घर से होते हुए विजयनगर तक जानेवाली मुख्य सड़क भी टूटी-फूटी है। नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई। इसके चलते जलजमाव रहता है। स्थानीय मो. नसीम अहमद व सेराज अंसारी ने बताया कि यह इलाका दो पूर्व सांसदों स्व. मो. सफीकुल्लाह अंसारी और स्व. मो. हन्नान अंसारी का गृह क्षेत्र है। इसके बावजूद इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है। स्थानीय निवासी मो. नसीम अख्तर, इकबाल सिराज, असमतुल्लाह, सैफुल्लाह अंसारी समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि कई बार नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को शिकायत की गई, पर हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। महिलाओं ने बताया कि सुबह से शाम तक पानी की जुगाड़ में ही दिन गुजर जाता है। इसतरह से मोहल्ला आज प्रशासनिक उदासीनता और राजनीतिक उपेक्षा का शिकार है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो हालात और भयावह हो सकता है। जलसंकट की स्थिति भयावह: मोहल्ला के लोगों को पानी की समस्या ने पूरी तरह जकड़ लिया है। पूरे इलाके में एकमात्र सरकारी हैंडपंप है, वह भी अब बमुश्किल बूंद-बूंद पानी देता है। नल-जल योजना से यहां के किसी भी घर को अब तक कनेक्शन नहीं मिला। कुछ घरों ने निजी सबमर्सेबल से बाहर नल की सुविधा दी है, लेकिन उस पर पानी लेने का समय तय होने के कारण रोज लंबी लाइन लग जाती है। मो. इकबाल, मो.सागर, मो.असमतुल्लाह, कैमूल निशां का कहना है कि गर्मी में हालात और बदतर हो जाते हैं। ऐसे में नगर निगम की उदासीनता लोगों के जीवन को संकट में डाल रही है।
बोले जिम्मेदार: इस बस्ती का कुछ हिस्सा पहले विस्तारित क्षेत्र में था और अब नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुआ है। यहां पर चार सबमर्सेबल लगाने का काम चल रहा है। इसके लिए सीएस की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, नल-जल योजना की पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया जो पूर्व में बाधित रही है, जिसे अब पुन: प्राथमिकता पर लिया गया है। तकनीकी सर्वे के बाद पाइपलाइन विस्तार और चापाकल की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्थानों पर जल संकट अधिक है, वहां सामुदायिक टंकी या बोरिंग की वैकल्पिक योजना पर भी विचार चल रहा है। सड़कों की मरम्मत के लिए बजट स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। - अनिल कुमार चौधरी, नगर आयुक्त
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