जिले के सभी स्कूलों में लगेंगे 10 कंप्यूटर, एचएम को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
मधुबनी जिले के सभी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को फिर से शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। शिक्षा विभाग के नए दिशा-निर्देश के अनुसार, हर स्कूल से एक शिक्षक का चयन कर उन्हें कंप्यूटर प्रशिक्षण...

मधुबनी,निज संवाददाता। जिले के सभी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को फिर से शुरू करने की तैयारी तेज कर दी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश के अनुसार, प्रत्येक मध्य विद्यालय से एक-एक शिक्षक का चयन कर उन्हें विशेष कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये शिक्षक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक के रूप में कार्यरत होंगे। विभागीय निर्देश के अनुसार, हर स्कूल में 10 कंप्यूटर लगाए जाएंगे। इन कंप्यूटरों की स्थापना और देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालयों के एचएम को सौंपी गई है। इसके लिए स्कूल स्तर पर जगह चिन्हित करने और बिजली आदि की बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश पहले ही जारी किया जा चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार, कंप्यूटर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया राज्य स्तर से की जा रही है, जो चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी। हालांकि पहले भी लगभग 15 सालों पहले राज्य स्तर पर सभी विद्यालयों में कंप्यूटर, प्रिंटर व जेनरेटर लगाने का काम हुआ था। जिसमें भारी पैमाने पर लूट खसोट किया गया था। कई स्कूलों में एक भी दिन यह नहीं चल पाया था और प्रति स्कूल लाखों रुपए की लूट खसोट कर ली गयी थी। आउटसोर्सिंग का अधर में है मामला आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत पहले से कुछ स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा संचालित हो रही थी, लेकिन तीन माह पहले सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसियों से करार समाप्त कर दिए जाने के बाद यह शिक्षा पूरी तरह से बाधित हो गई थी। इस कारण विद्यार्थियों की कंप्यूटर साक्षरता पर गंभीर असर पड़ा। इधर, आउटसोर्सिंग व्यवस्था खत्म होने के बावजूद कुछ एजेंसियों ने अब तक अपने कंप्यूटर स्कूलों से नहीं हटाए हैं। वे अब पूर्व में हुए करारनामे के तहत विद्यालयों से किराये की मांग कर रही हैं। विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के अनुसार, एजेंसियों द्वारा निर्धारित दर पर किराया मांगने से परेशानी हो रही है, क्योंकि स्कूलों के पास इसके लिए कोई बजट नहीं है। वहीं विभाग इस मामले पर चुप्पी साध रखा है। वहीं शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि नए कंप्यूटरों की खरीद और स्थापना पूरी तरह सरकारी मद से होगी और इसमें किसी भी प्रकार की एजेंसी की भूमिका नहीं होगी। डीईओ जावेद आलम ने बताया कि जल्द ही चयनित शिक्षकों के प्रशिक्षण का काम पूरा होगा। इसके लिए पहल शुरू हो गयी है।
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