शिक्षण विधियां और अधिगम प्रक्रिया से पूछे गये सवाल
मधुबनी में डीएलएड प्रथम वर्ष की परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा तीन केंद्रों पर आयोजित की गई थी और सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी थी। छात्रों ने सवालों को सरल बताया। परीक्षा सुबह 9:30 से शुरू होकर...
मधुबनी,निज संवाददाता। डीएलएड प्रथम वर्ष की परीक्षा का दूसरे दिन सोमवार को जिले के विभिन्न केंद्रों पर शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। जिले में कुल तीन परीक्षा केंद्र वाटसन प्लस टू उच्च विद्यालय, शिवगंगा बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय और सूड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय पर परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रही। परीक्षार्थियों की पहचान पत्र व जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी गई। परीक्षा सुबह साढ़ नौ बजे से प्रारंभ होकर सवा पांच बजे तक दो पालियों में हुई। केंद्रों पर वीक्षक के रूप में नियुक्त शिक्षकों की निगरानी में परीक्षार्थियों ने निर्धारित समय के भीतर उत्तर पुस्तिकाएं भरीं।
शिक्षा विभाग के पर्यवेक्षक भी निरीक्षण में सक्रिय रहे। सभी केंद्रों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। यहां पर महिला फोर्स की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है। परीक्षा के सवालों को छात्रों ने बताया सरल परीक्षा में शिक्षण विधियां एवं अधिगम प्रक्रिया विषय से प्रश्न पूछे गए थे। प्रमुख प्रश्नों में प्रभावी शिक्षण के घटक क्या हैं? निर्देशनात्मक शिक्षण क्या है और इसके लाभ?, बालकेंद्रित अधिगम की विशेषताएं, ब्लूम का उद्देश्यानुप्रेरित वर्गीकरण, समूह कार्य के लाभ जैसे विषयों पर आधारित प्रश्न शामिल थे। इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों की प्रतिक्रियाएं उत्साहजनक रहीं। शिवगंगा बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय केंद्र से परीक्षा देकर निकली छात्रा रितिका ने कहा, सवाल संतुलित और सिलेबस आधारित थे। जिन विषयों पर तैयारी की थी, उन्हीं से सवाल आए। वहीं वाटसन स्कूल से परीक्षा देकर निकले छात्र संतोष ने कहा, ब्लूम टैक्सोनॉमी और शिक्षण के सिद्धांतों पर आधारित प्रश्न थोड़े विश्लेषणात्मक थे, लेकिन पढ़ाई सही हो तो कठिन नहीं। सूड़ी प्लस टू उवि से निकली छात्रा शालिनी ने कहा, कुछ सवाल दीर्घ उत्तरीय रहा। इसकारण समय पर उसे हल करना कठिन रहा।
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