Hindi NewsBihar NewsMadhubani NewsBihar Education Department Issues Guidelines for Teacher Salary Payment Amidst TRS 3 0 Recruitment Challenges

टीआरई-3 शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया तेज हुई

मधुबनी में तृतीय चरण शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शिक्षकों को 30 जून 2025 तक विद्यालय में योगदान देना अनिवार्य है। उन्हें...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीSat, 28 June 2025 11:54 PM
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टीआरई-3 शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया तेज हुई

मधुबनी, निज संवाददाता। तृतीय चरण शिक्षक भर्ती (टीआरई 3.0) के अंतर्गत चयनित विद्यालय शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्योंकि ये शिक्षक वेतन भुगतान में आ रही अड़चन के कारण काफी परेशान हैं। सही रुप से इन्हें जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिले में दर्जनों की तादाद में हर प्रखंड में इसतरह के शिक्षक बेहाल हैं। जिसे देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक सहिला नाथ प्रमोद सेन के निर्देश पर जिले में विशेष पहल की गयी है। जिन शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर दिया गया है, उन्हें 30 जून 2025 तक अपने आवंटित विद्यालय में योगदान देना अनिवार्य है।

पीआरएएन नंबर प्राप्त करना जरूरी शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि नियुक्त शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्तें) नियमावली, 2023 (संशोधित) के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से आच्छादित किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक शिक्षक को स्थायी पेंशन खाता संख्या (पीआरएएन नंबर) प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह संख्या प्राप्त करने के लिए दो माध्यम बनाया गया है। इसके लिए शिक्षक कार्यालय आधारित नामांकन और ऑनलाइन ई-एनपीएस पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। डीईओ जावेद आलम ने बताया कि इस प्रक्रिया की सबसे खास बात यह है कि ई-एनपीएस पूर्णत: कागज रहित प्रणाली है, जिसमें शिक्षक स्वयं अपनी सारी जानकारी ऑनलाइन भर सकते हैं। इसके उपरांत संबंधित नोडल पदाधिकारी द्वारा सत्यापन एवं स्वीकृति के पश्चात पीआरएएन संख्या आवंटित कर दी जाएगी। वेतन भुगतान की प्रक्रिया होगी सरल पीआरएएन संख्या आवंटित होने के उपरांत शिक्षकों का विवरण मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर अंकित किया जाएगा, ताकि वेतन भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की जा सके। यह कार्य विभागीय कमांड एवं नियंत्रण केंद्र के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए विभागीय परामर्श पोर्टल पर तकनीकी योगदान अनिवार्य किया गया है, जिसमें योगदान की तिथि व समय स्पष्ट रूप से दर्ज होना चाहिए।

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