मातेश्वरी ने सदस्यों को श्रेष्ठ जीवन की प्रेरणा दी
उदाकिशुनगंज में ब्रह्माकुमारी संस्थान की पहली मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 60वीं पुण्य स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उनके आदर्श जीवन और संगठन विस्तार में योगदान...

उदाकिशुनगंज एक प्रतिनिधि।ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 60वीं पुण्य स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान उनके संगठन विस्तार में योगदान और आदर्श जीवन पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला। मौके पर बीके शोभा देवी ने कहा कि मातेश्वरी अत्यंत आज्ञाकारी, ईमानदार और निष्ठावान थीं। उन्हें शिव जी पर पूर्ण बिश्वास था और वे सभी में सद्गुण देखती थीं। उनका मानना था कि अपने श्रेष्ठ कर्मों से दूसरों को प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने कभी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्य नहीं खोया। उन्होंने अपने आदर्श आचरण से संगठन के सदस्यों को श्रेष्ठ जीवन की प्रेरणा दी।
समाजसेवी राजेंद्र चौधरी ने कहा वर्ष 1919 में अमृतसर के साधारण परिवार में मम्मा का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम ओम राधे था। जब आप ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थीं तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी, इसलिए भी आप ओम राधे के नाम से लोकप्रिय हुईं। अधिवक्ता ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वर्ष 1937 में स्थापना के समय संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने जब माताओ-बहनों के नाम एक ट्रस्ट बनाया और उसकी जिम्मेदारी सबसे पहले मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) को दी गई थी। कार्यक्रम में डॉ संतोष कुमार संत, किशोर कुमार, किंग कुमार, पप्पू कुमार, प्रफुलचंद्र, अशोक राय, मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रीति बहन, पूजा बहन, सुनीता देवी, अनिता देवी सहित अन्य मौजूद रहे। फोटो : पुण्यस्मृति दिवस पर कार्यक्रम
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