डीएवी व बालिका विद्यापीठ विद्यालय की बसों पर उठे सवाल
डीएवी व बालिका विद्यापीठ विद्यालय की बसों पर उठे सवाल

लखीसराय, एक प्रतिनिधि। शहर के पुरानी बाजार विद्यापीठ चौक के आस पास के दो प्रमुख निजी विद्यालयों डीएवी पब्लिक स्कूल एवं बालिका विद्यापीठ स्कूल, लखीसराय में अवैध रूप से बस परिचालन को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इस संबंध में पुरानी बाजार, लखीसराय निवासी जितेन्द्र कुमार ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर आवश्यक जांच व कार्रवाई की मांग की है। आवेदक ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि इन दोनों विद्यालयों में चल रही अधिकतर बसें न तो स्कूली वाहनों के लिए अधिकृत हैं और न ही उनके पास वैध परमिट है। उन्होंने बताया कि अधिकांश बसों के पास लखीसराय से सिकन्दरा तथा लखीसराय से शेखपुरा-बरबीघा रूट के परमिट हैं, बावजूद इसके ये वाहन विद्यालय परिवहन सेवा के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि इन बसों की स्थिति भी चिंताजनक है। कई बसें 15 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं, जो न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करती हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य को लेकर कई बार जिला परिवहन पदाधिकारी से शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जितेन्द्र कुमार ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उक्त विद्यालयों में चल रही सभी बसों की जांच कराई जाए और बिना वैध कागजात, परमिट या फिटनेस के चलने वाले वाहनों पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस मामले को लेकर अभिभावकों के बीच भी चिंता देखी जा रही है। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और कड़ी कार्रवाई करें। डीएवी के प्राचार्य निरंजन कुमार ने कहा कि विद्यालय में हर साल बस का रिन्युअल होने के बाद कागजात जिला परिवहन कार्यालय में जमा होता है। एक भी बा 15 साल पुरानी नही है। वही डीएवी के द्वारा प्रत्येक साल बस का कागजात की जांच होती है। बच्चों को लाने ले जाने के लिए रिस्क नही लिया जाता है। सभी कागजात उपलब्ध होने के बाद ही एप्रुवल मिलता है। बालिका विद्यापीठ के प्राचार्य कविता शर्मा ने कहा कि विद्यापीठ में एक भी 15 साल पुरानी बस का संचालन नही होता है। दो बसे पुरानी थी उसके जगह दो नई बस चल रहा है। पुरानी बसों को विद्यालय कैंपस में साईड में क्षडी कर दी गई है। व बेकार पडी है। सभी ाहनों को कागजात अपडैट है। जो पटना नंबर की बसें है उसका कागजात भी परिवहन विभाग में जमा है। मामले को लेकर डीटीओ मुकुल पंकज मणि ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं है हालांकि अगर इस तरह का कोई आवेदन होगा तो उसके संबंध में जांच की जाएगी अगर 15 साल पुरानी बसें चल रही है तो वह जाँच होगी।
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