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एएनसी जांच में 51 गर्भवती में पांच हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित

एएनसी जांच में 51 गर्भवती में पांच हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायSun, 22 June 2025 03:42 AM
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एएनसी जांच में 51 गर्भवती में पांच हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शनिवार को सदर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ हरिप्रिया एवं डॉ स्नेहिल कुमारी के नेतृत्व में आयोजित प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच शिविर में शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्र से आई कुल 51 गर्भवती महिला का स्वास्थ्य जांच किया गया। जिसमें जांच के दौरान पांच गर्भवती महिला हाई रिस्क प्रेगनेंसी पीड़िता चिन्हित की गई। जबकि गर्भ धारण के सात माह अवधि पूर्ण कर चुकी 17 महिला का अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग किया गया। डीएस डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह के 9 म 21 तारीख को गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच किया जाता है।

शिविर में शामिल महिला का स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी द्वारा संस्थागत प्रसव कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाती है। जांच के दौरान हाई रिस्क प्रेगनेंसी की शिकार चिन्हित पीड़िता का स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष मॉनिटरिंग किया जाता है। इसके लिए सभी पीड़िता का पूरा बायोडाटा तैयार किया गया है। एएनसी जांच में चिन्हित की गई हाई रिस्क प्रेगनेंसी पीड़िता का सदर अस्पताल में विशेष इलाज किया जाएगा। इलाज के दौरान पीड़िता को दवा की उपलब्धता के साथ प्रसव के पूर्व बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बारीकी से बताया गया। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क में उच्च रक्तचाप, ब्लड सुगर, खून की कमी, एड्स पीड़ित, किसी भी आसाध्य बीमारी एवं पूर्व में सिजेरियन के माध्यम से प्रसव वाली गर्भवती महिला शामिल होती है। जांच का मुख्य उद्देश्य है गर्भावस्था के दौरान महिला को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था को पहचानना और प्रबंधित करना, प्रसव पूर्व देखभाल के लिए जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी गर्भवती महिला का चार बार प्रसव पूर्व जांच की जाती है। अगर कोई गर्भवती महिला इस जांच में हाई रिस्क पाई जाती है तो उसका छह बार जांच किया जाता है। हिमोग्लोबिन, बीपी , ब्लड ग्रुप, वजन, एफएचएस जांच जिसमें बच्चे के धड़कन का पता लगाना होता है। खान-पान के बारे में भी बताया जाता है। किसी तरह की कोई कमी पाई जाती है तो उसके इलाज के साथ उचित प्रबंधन के बारे में भी बताया जाता है। यह अभियान देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभाता है।

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