परबत्ता : कौशल विकास केन्द्र का तीन माह से नहीं खुल रहा ताला
परबत्ता स्थित कौशल विकास केन्द्र का मुख्य गेट पिछले ढाई महीने से बंद है, जिससे छात्रों में हताशा है। विभागीय अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। केंद्र का संचालन करने वाली एजेंसी को कर्मियों का...

परबत्ता । एक प्रतिनिधि प्रखंड मुख्यालय स्थित कौशल विकास केन्द्र के मुख्य् गेट का ताला गत ढाई माह से नहीं खुल रहा है। कौशल विकास केंद्र परबत्ता बेपटरी नजर आ रही है, लेकिन विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। इस केन्द्र के बंद रहने के कारण जहां एक ओर नामांकन कराने वाले छात्र-छात्राएं भटक रहे हैं। वही दूसरी ओर पूर्व में नामांकन करा चुके प्रशिक्षुओं को कोई यह बताने के लिये तैयार नहीं है कि यह कौशल विकास केंद्र का ताला कब खुलेगा? इस केन्द्र में नामांकन कराने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राएं प्रतिदिन एडमिशन लेने के लिए पहुंचते हैंऔर निराश होकर अपना घर लौट रहे हैं।
प्रखंड परिसर में अवस्थित इस केन्द्र के आसपास स्थित कार्यालय के कर्मियों ने बताया कि जनवरी से ही यह केन्द्र नहीं खुल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड मुख्यालय परिसर में वर्ष 2020 में कौशल विकास केंद्र के खुलते ही प्रखंड के छात्रों के बीच ख़ुशी की लहर दौरने लगा क अब आसानी सें कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त करेंगे। कई वर्षो तक कंप्यूटर शिक्षा का संचालन होता रहा। किसी कारणवश स्थानीय संचालक के चले जाने के उपरांत धीर-धीरे कौशल विकास केंद्र की शिक्षा व्यवस्था का ग्राफ गिरता चला गया और आज कई माह सें मुख्य गेट का ताला नहीं खुल रहा है। क्या है योजना : बिहार सरकार के सात निश्चय के तहत श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत बिहार कौशल विकास मिशन के तहत खोले गये इन केन्द्रों पर तीन महीनों की अवधि में कंप्यूटर संचालन का बुनियादी प्रशिक्षण के साथ-साथ भाषा कौशल तथा व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। एक केन्द्र पर प्रतिदिन 20-20 के बैच में कुल अधिकतम 120 छात्र व छात्राओं को प्रशिक्षण दिये जाने की सुविधा होती है। इसके संचालन से न केवल छात्र-छात्राओं को नये जमाने के कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है,बल्कि इन केन्द्रों पर आधा दर्जन युवाओं को रोजगार भी मुहैया कराने की व्यवस्था है। पूरे बिहार राज्य में 1876 कौशल विकास केंद्र संचालित हैं। विभागीय वेबसाइट के अनुसार इसमें 1786 का संचालन हो रहा है। कौशल विकास केन्द्रों के नियमित संचालन की जांच के लिए बिहार कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रत्येक जिला में जिला कौशल प्रबंधक की प्रतिनियुक्ति किया गया है। जिला नियोजन पदाधिकारी को इसका नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जिला कौशल प्रबंधक को एक केंद्र पर प्रत्येक महीने में कम से कम दो बार निरीक्षण करना होता है। उन्हें इस निरीक्षण का रिपोर्ट ऑनलाइन के माध्यम से बिहार कौशल विकास मिशन को प्रस्तुत करना होता है। प्रत्येक प्रशिक्षु के द्वारा प्रशिक्षण पूर्ण करने तथा केन्द्र पर आयोजित ऑनलाइन परीक्षा उतीर्ण करने के पश्चात केन्द्र के संचालन के लिए अधिकृत एजेंसी को प्रति छात्र 8477 रुपयों का भुगतान किया जाता है। संचालन के लिए है अधिकृत : सूत्रों की मानें की प्रखंड कौशल विकास केन्द्र परबत्ता के संचालन के लिए आर्यावर्त सेवा आश्रम, मदारपुर, महेशखूंट को अधिकृत किया गया है। प्रखंड कौशल विकास केन्द्र परबत्ता के ढाई महीने से बंद रहने के कारण के संबंध में पूछने पर बताया कि इस प्रकार बिना सूचना दिए केन्द्र को बंद करना नियम विरुद्ध है। जांच में यह बात भी संज्ञान में आया है कि केन्द्र संचालन के लिये अधिकृत एजेंसी के द्वारा उक्त केन्द्र के कर्मियों के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किए जाने के कारण ऐसा हुआ है। इसके बारे में बिहार कौशल विकास मिशन को प्रतिवेदित कर दिया गया है। मिशन के नये नियमों के अनुसार जिन केन्द्रों पर उनकी क्षमता का 40 प्रतिशत से कम नामांकन होगा उसे रद्द कर दिया जाएगा। प्रखंड कौशल विकास केन्द्र परबत्ता उस परिधि मेंआता है। अत: इस बारे में इस प्रकार का निर्णय लिया जा सकता है। बोले अधिकारी : विभागीय जांच के दौरान यह संज्ञान में आया है कि प्रखंड कौशल विकास केन्द्र परबत्ता विगत दो माह से बंद है। दीपक कुमार प्रबंधक जिला कौशल विकास केंद्र, खगड़िया।
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