लाख प्रयासों के बाद भी कटिहार को नहीं मिला दूसरा केंद्रीय विद्यालय
लाख प्रयासों के बाद भी कटिहार को नहीं मिला दूसरा केंद्रीय विद्यालय लाख प्रयासों के बाद भी कटिहार को नहीं मिला दूसरा केंद्रीय विद्यालयलाख प्रयासों के ब

कटिहार, एक संवाददाता जिले में राज्य सरकार और निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों के लिए दूसरे केंद्रीय विद्यालय की स्थापना का सपना अब भी अधूरा है। हाल ही में बिहार के 14 जिलों में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा से जहां कई जिलों में खुशी की लहर दौड़ी, वहीं कटिहार का नाम सूची में न पाकर जिलेवासी मायूस हो गए। करीब 6 वर्ष पहले तत्कालीन सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी के प्रयास से सिविल क्षेत्र के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय की मांग केंद्र सरकार तक पहुंची थी। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी और अंचलाधिकारी के सहयोग से हवाई अड्डा चौक के पास, सहायक थाना क्षेत्र की सरकारी जमीन चिन्हित कर ली गई थी।
स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद उम्मीद जगी थी कि रेलवे और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अलावा, अब सामान्य नागरिकों के बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिलेगा। लेकिन समय बीतता गया और योजना फाइलों में ही दबी रह गई। गौरतलब है कि वर्तमान में कटिहार में एकमात्र केंद्रीय विद्यालय रेलवे कॉलोनी के समीप स्थित है, जहां मुख्यतः रेलवे और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों का ही नामांकन होता है। सिविल क्षेत्र के अभिभावकों की वर्षों से यह मांग रही है कि उनके बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय जैसी शिक्षा का लाभ मिले, परंतु उनके लिए यह सपना मात्र बनकर रह गया है। पूर्व सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में भरपूर प्रयास किया था कि कटिहार को दूसरा केंद्रीय विद्यालय मिले। जिला प्रशासन ने भी सहयोग किया और जमीन चिन्हित हो गई थी, लेकिन उच्च स्तर पर आवश्यक मंजूरी नहीं मिल पाई। मैंने यह भी प्रस्ताव दिया था कि रेलवे कॉलोनी के निकट संचालित केंद्रीय विद्यालय में एक अतिरिक्त सेक्शन खोला जाए, ताकि सिविल क्षेत्र के बच्चे भी लाभान्वित हो सकें। मैं एक बार फिर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मिलकर यह मुद्दा उठाऊंगा।
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