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कटिहार में 85 फीसदी पूर्ण हुए पीएम आवास

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Newswrap हिन्दुस्तान, कटिहारSat, 14 June 2025 04:14 AM
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कटिहार में 85 फीसदी पूर्ण हुए पीएम आवास

कटिहार, वरीय संवाददाता जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 2016-17 से 2025-26 तक के आंकड़े बताते हैं कि कटिहार जिले में अब तक कुल 1,02,246 आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इनमें से 1,01,337 आवासों को स्वीकृति मिली और 1,00,410 को पहली किस्त प्राप्त हो चुकी है। दूसरी और तीसरी किस्त क्रमश: 93,618 एवं 85,551 लाभार्थियों को दी जा चुकी है। हालांकि अब भी 14,859 आवास अपूर्ण हैं, जो कि कुल लक्ष्य का 14.8 प्रतिशत है। डीडीसी अमित कुमार ने बताया कि जिन प्रखंडों में काम की धीमी रफ्तार है उसे तेजी से करने का निर्देश दिया गया है।

ताकि ससमय पूरा किया जा सकें। कटिहार प्रखंड समेत सात प्रखंड ने किया बेहतर प्रदर्शन डीआरडीए द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक सबसे बेहतर प्रदर्शन कटिहार प्रखंड ने किया है, जहां 2348 में से 2311 आवास पूरे हो चुके हैं, और 98.5 प्रतिशत पूर्णता के साथ यह जिले में शीर्ष पर है। इसके बाद कोढ़ा (97.08 प्रतिशत) और डंडखोरा (96.68 प्रतिशत) प्रखंड का स्थान आता है। वहीं मनसाही (89.77 प्रतिशत), कदवा (88.48 प्रतिशत), बलरामपुर (87.81 प्रतिशत) एवं समेली (86.57 प्रतिशत) भी बेहतर प्रदर्शन वाले प्रखंडों में शामिल हैं। आजमनगर व अमदाबाद का रहा खराब प्रदर्शन सबसे खराब प्रदर्शन आजमनगर और अमदाबाद प्रखंडों का रहा, जहां क्रमश: 69.38 प्रतिशत और 69.05प्रतिशत आवास ही पूर्ण हो पाए हैं। आजमनगर में कुल 12,281 में से 3,636 आवास अब तक अधूरे हैं, जबकि अमदाबाद में 10,474 में से 3,102 निर्माणाधीन हैं। बरारी, बारसोई व हसनगंज में सबसे अधिक है अपूर्ण आवास जिले के बरारी, बारसोई और हसनगंज जैसे प्रमुख प्रखंडों में भी अपूर्ण आवासों की संख्या अधिक है। बरारी में 1,751, बारसोई में 1,361 और हसनगंज में 341 आवास अब भी लाभार्थियों को पूरा आवास मुहैया नहीं करा सके हैं। औसत रूप से जिले का प्रदर्शन 85.20 प्रतिशत है, जो संतोषजनक तो है, लेकिन लक्ष्य के शत-प्रतिशत प्राप्ति से अब भी दूर है। जिला प्रशासन और संबंधित प्रखंड अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई कर शेष अपूर्ण आवासों को जल्द पूर्ण कराने की चुनौती है। बताते चलें कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत हर गरीब को छत का सपना तभी सार्थक हो सकेगा, जब इन अपूर्ण आवासों को समय पर पूरा किया जाए और वास्तविक लाभार्थियों तक योजना का लाभ पूरी पारदर्शिता से पहुंचे।

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