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138 में छ: आंगनबाड़ी केंद्र बंद, पोषक क्षेत्र के बच्चे केंद्र से मिलने वाली सुविधा से वंचित

138 में छ: आंगनबाड़ी केंद्र बंद, पोषक क्षेत्र के बच्चे केंद्र से मिलने वाली सुविधा से वंचित 138 में छ: आंगनबाड़ी केंद्र बंद, पोषक क्षेत्र के बच्चे केंद्

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSat, 28 June 2025 02:35 AM
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138 में छ: आंगनबाड़ी केंद्र बंद, पोषक क्षेत्र के बच्चे केंद्र से मिलने वाली सुविधा से वंचित

लक्ष्मीपुर। निज संवाददाता सरकार शून्य से छह वर्ष के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना किया था। जिसमें नामांकित बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पका-पकाया पौष्टिक आहार देने का प्रावधान किया था। जिसके लिए जिले के जमुई के लक्ष्मीपुर के तेरह पंचायत में 138 आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना किया। लेकिन आज की तिथि में प्रखंड में छ: आंगनबाड़ी पूर्णत: बंद है। केंद्रों के पूर्णत: बंद होने का कारण सेविका, सहायिका का सेवानिवृति, त्यागपत्र या फिर सेवाकाल के दौरान मृत्यु होना बताया जाता है। बंद पड़े केंद्रों के पोषक क्षेत्र के बच्चे, किशोरी,और धातृ माताएं केंद्र से मिलनेवली सुविधाओं से वंचित हैं।

जिसकी चिंता विभाग को नहीं है। जबकि दो बंद केंद्र दीघरा केवली को दीघरा शहरी और सिंघिया को चिनबेरिया आंगनबाड़ी केंद्र से टैग कर संचालित किया जा रहा है। चूंकि बंद पड़े इन दोनों केंद्र पर सहायिका कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार यह आंगनबाड़ी तीन से चार वर्ष से बंद हैं। केंद्रों के बंद होने के कारण लगभग 300 बच्चे केंद्र से मिलने वाली सुविधा से वंचित रह रहे हैं। जिसका कुप्रभाव बच्चों के सेहत पर पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है। वैसे पोषक क्षेत्र के बच्चे कुपोषण के शिकार भी हो सकते हैं। साथ ही बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा से भी वंचित हो रहे हैं। संपर्क करने पर सीडीपीओ सरोज हांसदा ने बताया कि बंद पड़े केंद्रों पर सेविका-सहायिका के चयन हेतु विभाग को लिखा गया है। आदेश मिलने के बाद सेविका-सहायिका का चयन कर केंद्र का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। मोहर्रम का दिखा चांद , इस्लामिक महीना हुआ शुरू 6 जुलाई को हजरत इमाम हुसैन की शहादत मनाया जाएगा यौम ए आशूरा जमुई, निज संवददाता इस्लामिक महीने मुहर्रम का चांद गुरुवार को नजर आया। शहर के महिसौड़ी में मदरसा अशरफिया मुखतारुल उलूम से संचालक मौलाना फारूक अशरफ ने गुरुवार को मुहर्रम का चांद होने की जानकारी दी। उलमा ने कहा कि शुक्रवार को मुहर्रम की पहली तारीख और हजरत इमाम हुसैन की शहादत यौम ए आशूरा 6 जुलाई को मनाया जाएगा। मुहर्रम क्यों मनाते हैं मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। यह महीना त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। मुहर्रम, बकरीद के 20 दिन बाद मनाया जाता है। मुहर्रम के दिन खुदा के नेक बंदे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने हुसैन को याद करते हुए मातम मनाते हैं। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। मुहर्रम पर हुसैन की याद में ताजिया उठाया जाता है और मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हुए रोते हैं। कर्बला की जंग में इस दिन क्या हुआ था इस्लामिक मान्यता के अनुसार कर्बला की जंग 1400 साल पहले हुई थी। जिसमें पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। इस्लाम की शुरुआत मदीना से मानी जाती है। मदीना से कुछ दूरी पर मुआविया नाम का एक शासक था, जिसके मरने के बाद उसके बेटे यजीद को शाही गद्दी पर बैठाया गया था। यजीद बहुत ही क्रूर शासक था। यजीद अपना खुद का अलग मजहब बनाना चाहता था, जिसकी वजह से उसने लोगों को अपने आदेशों को पालन करने के लिए कहा और खुद को इस्लाम का खलीफा मानने के लिए कहा। यजीद जानता था कि मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन के समर्थक बहुत ज्यादा थे, इसलिए उसने इमाम हुसैन से कहा कि अपने समर्थकों से कहे कि वो यजीद को ही खलीफा मानें। जब इमाम साहब ने यजीद की बात नहीं मानी, तो उसने लोगों पर क्रूरता करनी शुरू कर दी। उसने सभी लोगों पर जुल्म ढाए। हुसैन के काफिले पर यजीद ने किए जुल्म मुहर्रम की 10 तारीख को यजीद की फौज और हुसैन के काफिले के बीच जंग हुई। यजीद की फौज बहुत बड़ी थी और हुसैन के साथ सिर्फ 72 लोग थे। हुसैन ने अपने साथियों से कहा कि वे उन्हें छोड़कर चले जाएं, लेकिन कोई भी नहीं गया। हुसैन जानते थे कि यजीद उन्हें नहीं छोड़ेगा। यजीद बहुत ताकतवर था और उसके पास बहुत सारे हथियार थे। हुसैन के पास इतनी ताकत नहीं थी। फिर भी हुसैन ने यजीद के सामने झुकने से इंकार कर दिया। हुसैन ने अपने साथियों के साथ मिलकर यजीद की फौज का डटकर मुकाबला किया लेकिन कोई भी हुसैन को छोड़कर वहां से नहीं गया। यह हुसैन और उनके साथियों की वीरता और साहस का परिचय देता है। इमाम हुसैन के साथ उनके परिवार का बेरहमी के साथ कत्ल किया गया 10 वीं तारीख को हुसैन साहब सहित उनके साथियों पर यजीद ने हमला कर दिया। यजीद ने हुसैन साहब के काफिले को घेर लिया और सरेआम उनके काफिले में मौजूद सभी लोगों का कत्ल कर दिया। बाद में उसने इमाम हुसैन सहित उनके 18 साल के बेटे अली अकबर, 6 महीने के बेटे अली असगर और 7 साल के भतीजे कासिल को भी बेरहमी से मार डाला। इस तरह इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 10 तारीख को इमाम हुसैन सहित उनके पूरे काफिले की शहादत हुई थी। इमाम हुसैन की शहादत का शोक मनाते हुए मुहर्रम पर मुस्लिम समुदाय के लोग इमाम हुसैन, उनके परिवार और बाकी साथियों को याद करते हैं। जिले के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का योगदान हुआ शुरू फोटो-05- आदर्श कन्या मध्य विद्यालय,झाझा में स्थांतरित हो कर आई शिक्षिका को योगदान पत्र देती प्रधानाध्यापिका। झाझा,निज प्रतिनिधि दूसरे जिले से स्थानांतरित शिक्षक प्रखंडों के सरकारी स्कूलो में योगदान कराना शुरू कर दिया है। उन्हें 30 जून तक योगदान कर लेना है। योगदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद प्रधानाध्यापक और डीडीओ से इसकी सूची मांगी जाएगी, ताकि विभाग को इसकी जानकारी दी जा सके और उनके वेतन भुगता की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इन्हें 23 जून से योगदान करना था। लेकिन, पहले दिन पोर्टल नहीं खुलने की वजह से योगदान करने की प्रक्रिया धीमी रही। पोर्टल खुलने पर 24 जून से शिक्षकों ने योगदान करना शुरू किया है। स्थानांतरित शिक्षकों को 30 जून तक योगदान करने का समय दिया गया है। कुछ शिक्षक एक-दो दिनों में योगदान करने की बात कह रहे हैं। जिन शिक्षकों को जो विद्यालय आवंटित हुए हैं, उसकी सूची प्रधानाध्यापक को उपलब्ध कराई गई है। विद्यालय में शिक्षकों के योगदान करने के बाद प्रधानाध्यापक और डीडीओ की ओर से विभाग को सूची उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके आधार पर शिक्षकों का स्थापना शाखा में वेतन बनाने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। अभी योगदान की प्रक्रिया 30 जून तक चलेगी। अभी तक कितने शिक्षक ने योगदान किया है, इसकी सूची विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। जैसे ही योगदान करने की तिथि समाप्त होगी, प्रधानाध्यापकों से इसकी सूची मांगी जाएगी। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन फोटो-07,08-कार्यशाला में मौजूद लोग चकाई, निज प्रतिनिधि प्रखंड मुख्यालय स्थित किसान भवन में शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 को लेकर प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह, जिला स्वच्छता समन्वयक नीरज कुमार एवं जिला सलाहकार एसएलडब्लूएम संजय कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया कार्यशाला को संबोधित करते हुए बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण केवल एक मूल्यांकन प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह गांवों को स्वच्छ, सुंदर और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक सामूहिक जन-अभियान है। इस अभियान को सफल बनाने में सभी की भागीदारी आवश्यक है। जिला स्वच्छता समन्वयक नीरज कुमार ने कार्यशाला में स्वच्छ सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधार, ओडीएफ प्लस की स्थिति, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जनजागरुकता, मोबाइल ऐप आधारित डेटा संग्रहण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। पंचायत प्रतिनिधियों, सचिवों, स्वच्छता कर्मियों को गांवों में साफ-सफाई के कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए गए ताकि आगामी सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके। मौके पर प्रखंड स्वच्छता समन्वयक अमित कुमार, मुखिया अरुण कुमार, ओमप्रकाश पासवान, दिनेश यादव, अब्बास अंसारी, सूरजमल मुर्मू, सुनील सोरेन, बुधो रजक, मुखिया प्रतिनिधि कुलेश्वर वर्मा, केदार यादव, राजेश पासवान, डोमन पासवान, पंचायत सचिव संदीप कुमार, उदय चौधरी, धीरज कुमार वर्मा, विकास कुमार,शंकर कुमार, पवन कुमार पंडित, संजीत कुमार चौधरी, अंबेडकर गुप्ता, स्वच्छता पर्यवेक्षक मनोज कुमार पासवान, नंदू कुमार वर्मा दिनेश्वर ठाकुर, रंजीत पासवान ,सहदेव पासवान, भागीरथ यादव, मुकेश कुमार यादव सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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