साधु यादव से माफी नहीं मांगूंगा, 'Damaging Claims' पर पूर्व सांसद ने भेजा नोटिस तो क्या बोले लेखक मृत्युंजय शर्मा
मृत्युंजय शर्मा के मुताबिक यह मानहानि का नोटिस किताब में लिखी गई तीन बातों पर आधारित हैं। शिल्पी शर्मा मर्डर केस, रोहिणी आचार्य के शादी समारोह के दौरान हुई लूट और दिल्ली में बिहार भवन के बाहर हिंसात्मक प्रदर्शन को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं। इस बीच बिहार के पूर्व सांसद साधु यादव और लेखक मृत्युंजय शर्मा के बीच नया कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। मृत्युंजय शर्मा ने हाल ही में ‘Broken Promises’ नाम से एक किताब लिखी है। अब राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव ने इस किताब को लेकर मृत्युंजय शर्मा को 5 करोड़ का मानहानि का नोटिस भेज दिया है। 18 जून को मानहानि का यह नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में दावा किया गया है कि मृत्युंजय शर्मा ने हाल के दिनों में अपने पॉडकास्ट और इस किताब में उनकी छवि खराब करने को लेकर गलत दावे किए हैं। इसी के साथ नोटिस के जरिए साधु यादव ने कहा कि मृत्युंजय शर्मा अपने पॉडकास्ट और इस किताब में उनको लेकर कही गई बातों के लिए माफी मांगें।
मैं माफी नहीं मागूंगा - मृत्युंजय शर्मा
इधर मृत्युंजय शर्मा ने एक वेबसाइट ‘The Indian Express’ से बातचीत में कहा है कि यह किताब पिछले साल जारी हुई थी। मृत्युंजय शर्मा ने दावा किया है कि उनकी किताब में लिखी गईं बातें सत्यापित स्त्रोतों और सबूतों पर आधारित हैं, यह उनकी निजी राय नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं उन चीजों के लिए माफी नहीं मांगूंगा जो सत्य और सबूत के आधार पर आधारित हैं। अगर वो यह सब कर के शर्मिंदा नहीं हैं तो मैं लिखने में शर्म क्यों करूं।' लेखक मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि दो दिनों पहले उन्हें नोटिस मिला है और उन्होंने इसे अपने एक्स अकाउंट पर भी शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वो इस पूरे मामले को सार्वजनिक करेंगे क्योंकि लोगों को जानना चाहिए कि वो किस तरह इंसान हैं।
इन तीन बातों के लिए मिला नोटिस
मृत्युंजय शर्मा के मुताबिक यह मानहानि का नोटिस किताब में लिखी गई तीन बातों पर आधारित हैं। शिल्पी शर्मा मर्डर केस, रोहिणी आचार्य के शादी समारोह के दौरान हुई लूट और दिल्ली में बिहार भवन के बाहर हिंसात्मक प्रदर्शन को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। मृत्युंजय शर्मा अपने पॉडकास्ट को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनका कहना है कि अगर जरुरत पड़ी तो वो अपनी आत्मरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी तौर पर इस मसले को सेटल करने या दरवाजे के पीछे से माफी मांगने का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता है। उनका दावा है कि किताब में लिखी गई बातों को साबित करने के लिए उनके पास कई स्त्रोत हैं।