बारिश के अभाव में बैकुंठपुर में पिछड़ रही धान की खेती
दस दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों की नमी हो चुकी है गायबखा नहर बैकुंठपुर। एक संवाददाता प्रखंड में मानसून कमजोर पड़ने से धान की रोपनी पिछड़ रही है। किसानों के बिचड़े रोपनी के लिए तैयार हो चुके...

बैकुंठपुर। एक संवाददाता प्रखंड में मानसून कमजोर पड़ने से धान की रोपनी पिछड़ रही है। किसानों के बिचड़े रोपनी के लिए तैयार हो चुके हैं। लेकिन, मानसून की बारिश नहीं हो रही है। इससे खेतों में नमी नहीं आ रही है। खेतों की नमी गायब होने से किसान चिंतित हैं। खेत जोतकर बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को निराशा हाथ लग रही है। आसमान में उमड़ रहे काले बादल देकर किसान बारिश की उम्मीद तो लगा रहे हैं। लेकिन, तेज हवा के साथ बदल उड़ते चले जा रहे हैं। इससे बारिश की संभावना टलती जा रही है। पिछले सप्ताह हुई बारिश से खेतों में नमी आई थी।
इसके बाद धान की नर्सरी में हरियाली दिखाई दी। वहीं खेतों में नमी भी आई थी। लेकिन, 10 दिनों से बारिश नहीं होने से खेतों की नमी फिर गायब हो गई है। कृषि विभाग के अनुसार 25 जून से धान की रोपनी शुरू करने का समय है। अब तक पांच फ़ीसदी किसान भी धान की रोपनी नहीं कर पाए हैं। प्रखंड की 22 पंचायतों में इस बार 965 हेक्टर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ---------------------------------------- पंपसेट से सिंचाई कर रोपनी कर रहे किसान प्रखंड में मानसून कमजोर पड़ने से किसान सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था कर धान की रोपनी कर रहे हैं। करीब पांच फ़ीसदी किसान पंपसेट चलाकर धान की रोपनी कर रहे हैं। हालांकि ढाई सौ रुपए प्रति घंटे की दर से पंपसेट चलाकर धान की रोपनी कर पाना सभी किसानों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में अधिकांश किसान नहर में पानी आने या फिर बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। उधर, प्रखंड क्षेत्र में सिंचाई संसाधनों का बुरा हाल है। रेवतिथ-हकाम नहर में अब तक पानी नहीं पहुंचा है। अन्य शाखा नहरों में भी पानी नहीं पहुंचा है। ऐसी स्थिति में किसान पंपसेट या फिर बारिश पर ही निर्भर होकर रह गए हैं।
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