Hindi NewsBihar NewsGopalganj NewsStakeholder Consultation Meeting for Kala-azar Elimination Held in Gopalganj

कालाजार मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने की है प्राथमिकता : अपर निदेशक

- कालाजार उन्मूलन को लेकर स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन मीटिंग आयोजितर गुरुवार की रात शहर के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल अपर निदेशक डॉ. एनके सिन्हा व अन्य गोपालगंज, हमारे संवाददाता। शहर के एक होटल...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोपालगंजFri, 27 June 2025 11:46 PM
share Share
Follow Us on
कालाजार मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने की है प्राथमिकता : अपर निदेशक

- कालाजार उन्मूलन को लेकर स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन मीटिंग आयोजित - आरएमआरआईएमएस के तत्वावधान में हुआ शहर के एक होटल में कार्यक्रम गोपालगंज, हमारे संवाददाता। शहर के एक होटल में गुरुवार की रात कालाजार उन्मूलन को लेकर एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन मीटिंग का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग, पटना, डॉ. एनके सिन्हा ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कालाजार के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

जब मरीजों को समय पर बेहतर इलाज मिलेगा, तभी स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने कालाजार उन्मूलन में जो उपलब्धियां अब तक हासिल की हैं, उन्हें बनाए रखना और आगे बढ़ाना बेहद आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि मरीजों की समय रहते पहचान हो, और उचित व प्रभावी इलाज मुहैया कराया जाए। डॉ. सिन्हा ने बताया कि बिहार में मई 2025 तक केवल 91 कालाजार मरीज पाए गए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। गोपालगंज जिले में वर्ष 2025 में अब तक 9 वीएल और 7 पीकेडीएल के मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान के लिए घर-घर अभियान चलाया जा रहा है। चुनौतियां, समाधान और रणनीति बनी चर्चा का केंद्र बैठक में कालाजार उन्मूलन के सामने मौजूद वास्तविक चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा परिभाषित उष्णकटिबंधीय बीमारियों की श्रेणी में आने वाला कालाजार वंचित वर्गों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। कालाजार के प्रमुख लक्षणों में लगातार बुखार, अत्यधिक थकान, वजन घटना, तिल्ली और यकृत का बढ़ना शामिल है। समय पर इलाज न होने पर यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता, निगरानी और समयबद्ध इलाज की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। बैठक में कालाजार के नियंत्रण व रोकथाम के प्रभावी उपायों, प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता व उपलब्धता की समीक्षा, तथा लोगों को इसके लक्षण, कारण व बचाव के बारे में शिक्षित करने के लिए ठोस रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद, डीएमओ डॉ. सुषमा शरण, डॉ. अरविंद कुमार, डीपीएम धीरज कुमार, आरओएचएफडब्ल्यू डॉ. रविशंकर सिंह, डब्ल्यूएचओ राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय, डॉ. माधुरी देवराजू, अमित कुमार, प्रशांत कुमार सहित पिरामल, डब्ल्यूसीएफ, सिफार के प्रतिनिधि शामिल हुए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें